झारखंड: वीकेंड लॉकडाउन समाप्त, नदी- तालाब में शर्तों के साथ छठ पूजा करने की मिली छूट
झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर रविवार को 22 अप्रैल, 2021 से जारी वीकेंड लॉकडाउन समाप्त कर दिया गया है। नदी- तालाब में शर्तों के साथ छठ पूजा करने की छूट दी गयी है।आपदा प्रबंधन प्राधिकार की शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
- आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में निर्णय
रांची। झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर रविवार को 22 अप्रैल, 2021 से जारी वीकेंड लॉकडाउन समाप्त कर दिया गया है। नदी- तालाब में शर्तों के साथ छठ पूजा करने की छूट दी गयी है।आपदा प्रबंधन प्राधिकार की शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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स्टेट के सभी नदी-तालाबों के छठ घाटों पर पूजा का आयोजन वृहद तरीके से हो सकेगा। इस दौरान कोविड गाइडलाइंस का अनुपालन अनिवार्य होगा। हालांकि सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि बेहतर होगा कि वे अपने-अपने घरों में ही पूजा करें ताकि सोशल डिस्टैंसिंह का बेहतर तरीके से पालन हो सके। कोरोना महामारी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए सावधानी भी जरूरी है। नदी, तालाब, डैम, झील के छठ घाटों पर दो व्रतियों के बीच छह फीट की शारीरिक दूरी को अनिवार्य किया गया है।वहां मास्क पहनना आवश्यक होगा। सार्वजनिक स्थलों खासकर जलाशयों में थूकने पर मनाही होगी। नदी, तालाब, डैम, झील व अन्य जलाशयों के किनारे स्टॉल नहीं लगेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी नहीं होगी। संगीत या किसी प्रकार के मनोरंजन कार्यक्रम पर रोक है। छठ समितियां जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश के अनुपालन में सहयोग करेंगी।
दुर्गापूजा की तर्ज पर काली पूजा, चित्रगुप्त पूजा के आयोजन की अनुमति दी गई है। सभी सार्वजनिक स्थलों पर सदैव मास्क पहनना अनिवार्य होगा। क्लास एक से पांच तक के स्कूल को खोलने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदर्शनी, जुलूस व मेला लगाने की भी अनुमति नहीं दी गई है। अब रविवार को भी सामान्य दिनों की तरह सभी दुकानें खुलेंगी। नियमों के उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।
शादी समारोह में शामिल हो सकेंगे पांच सौ लोग
शादी-विवाह में अधिकतम 500 लोग शामिल हो सकेंगे। सामुदायिक हॉल अब 50 परसेंट के साथ खुलेंगे। बाजार, मॉल, दुकान, क्लब, सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति दी गई है। रात के आठ बजे तक दुकान खोलने की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। अब दुकानदार अपने अनुसार दुकानें खोल सकेंगे। धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा को धूमधाम से मनाने की स्वीकृति दी गई है।
सार्वजनिक स्थानों पर लोग पूजा कर सकेंगे, प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सावधानी अनिवार्य है। स्टेडियम 50 परसेंट क्षमता के साथ खुलेंगे। यहां स्टेडियम में दर्शकों के लिए खाने-पीने की अनुमति नहीं होगी। गांव-देहात में व सार्वजनिक स्थान पर खेलकूद का आयोजन होने पर वहां अधिकतम पांच सौ लोगों की भीड़ जुट सकती है। इससे अधिक की भीड़ जुटने पर डीसी की अनुमति लेनी होगी। हालांकि, इसके लिए खेल आयोजकों को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
कोचिंग सेंटर में 15 साल के उपर के बच्चों को ही जाने की अनुमति दी गई है, यानी 1दवीं व उसके ऊपर के छात्रों के लिए कोचिंग की अनुमति दी गई है। आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे। वहां की सहायिका को कोविड वैक्सिन के दोनों डोज लगे होने चाहिए। खिलाड़ियों के लिए स्विमिंग पूल खोलने की अनुमति दी गई है। आदेश के उल्लंघन की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं में कार्रवाई होगी।
आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में बैठक में सीएम के अलावा आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीकी व NRHM के अभियान निदेशक रमेश घोलप उपस्थित थे।