Jharkhand : झारखंड का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ और दिल्ली के घोटालों से भी बड़ा: बाबूलाल मरांडी 

झारखंड बीजेपी प्रसिडेंट बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ और दिल्ली के घोटालों से भी बड़ा है। शराब नीति में अव्यावहारिक संशोधन करना, राजस्व बढ़ानेके बहाने काली कमाई का टारगेट सेट करना, प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करना, एमआरपी से अधिक कीमत वसूल करना और ग्राहकों को नकली शराब बेचना बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत करता है।

Jharkhand : झारखंड का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ और दिल्ली के घोटालों से भी बड़ा: बाबूलाल मरांडी 
बाबूलाल मरांडी (फाइल फोटो)।
  • सत्ता के गलत कार्यों का मुखर विरोध करने वाले एमपी निशिकांत दुबे पर अनगिनत मुकदमे कराये गये
  • बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव पर मफियाओं से मिलकर एसटी एक्ट में मुकदमा कराया गया
  • एडवोकेट राजीव कुमार पर भी एक के बाद एक कई एसटी एक्ट के मामले दर्ज कराये गये

रांची। झारखंड बीजेपी प्रसिडेंट बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ और दिल्ली के घोटालों से भी बड़ा है। शराब नीति में अव्यावहारिक संशोधन करना, राजस्व बढ़ानेके बहाने काली कमाई का टारगेट सेट करना, प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करना, एमआरपी से अधिक कीमत वसूल करना और ग्राहकों को नकली शराब बेचना बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत करता है।
यह भी पढे़ं:Bihar: जमुई के किसान के दिव्‍यांग बेटे ने चीन में लहराया भारत का परचम, गोल्ड मेडल हासिल किया


बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि झारखंड शराब घोटाले के सूत्रधार रायपुर के ढेबर बंधुओं के पैसों पर फाइव स्टार होटलों में मौज मस्ती करने और चार्टर्ड फ्लाइट में हवाई सैर भरने वाले हेमंत सोरेन को पाई - पाई का हिसाब देना पड़ेगा। क्योंकि इन घोटालेबाजों पर अब इडी ने भी अपना टारगेट सेट कर लिया है। इसमें कोई अचरज नहीं होगा, यदि माइनिंग और जमीन घोटालेकी तरह शराब घोटाले की सुई भी हेमंत सोरेन पर जाकर अटके। धृतराष्ट्र की तरह झारखंड को लूट रहे कौरवों के संरक्षक मुख्यमंत्री ही तो हैं।


बहकावे में गलत काम न करें ब्यूरोक्रेट्स
बाबूलाल मरांडी ने एक अन्य पोस्ट में दुर्गापूजा पर झारखंड के ब्यूरोक्रैट्स से विनम्र अपील की है। उन्होंने आप सबके कंधों पर झारखंड की बेहतरी के लिए कार्यों के कानून सम्मत कार्यान्वयन की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। आप सभी ऐसे पिलर हैं, जो ठीक से काम कर झारखंड को देश को उन्नत राज्यों की श्रेणी में शामिल करा सकते हैं। लेकिन पिछले दिनों यह देखा गया है कि लालचवश कुछ अफसर सत्ता के टूल की तरह इस्तेमाल होकर आज ऐसी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं, जो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके पूरे परिवार, इष्ट मित्रों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे लोग आसन्न संकटों से बचने के लिए दर-दर भटक कर अपने- अपने संपर्कों के जरिये जुगाड़ लगाते फिर रहे हैं, लेकिन कानून के सामने उनकी एक नहीं चल रही। पिछले दिनों कुछ ऑफिसर्स ने सत्ता के लिए लठैती करते हुए सत्ता के गलत कार्यों का विरोध करनेवालों को काबू करनेकी गरज से दर्जनों फर्जी मुकदमें कराये, लेकिन उनका परिणाम क्या हुआ?


बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे पर कराये गये कई मुकदमे
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सत्ता के गलत कार्यों का मुखर विरोध करनेवाले बीजेपी एमपी निशिकांत दुबेपर अनगिनत मुकदमे कराये गये। प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव पर मफियाओं से मिलकर एसटी एक्ट में मुकदमा कराया गया। एडवोकेट राजीव कुमार पर भी एक के बाद एक कई एसटी एक्ट के मामले दर्ज कराये गये। लेकिन ऐसे फर्जी मामले हाइकोर्ट से न सिर्फ खारिज कर दिये गये, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी भी की गयी। हेमंत सरकार की हिटलरी कार्यशैली, तानाशाही एवं दमनात्मक कार्रवाई के तहत लोगों पर किये गये ऐसेअनगिनत मुकदमे/मामलेआज भी न्यायालय में लंबित हैं। ऐसे में मैं झारखंड के वैसे अधिकारियों से पुनः अनुरोध करता हूं कि वह पिछले अनुभवों से सबक लें। किसी के बहकावे में कानून से हटकर ऐसा गलत काम न करें, जो उनके लिए आनेवाले समय में परेशानी और मुसीबत का कारण बने। सरकारें आती-जाती रहेगी। सत्ता बदलेगी और देर सबेर ऐसे गलत एवं दमनात्मक कार्यों की उच्चस्तरीय जांच होगी ही। यह हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।