Jharkhand Paper Leak: झारखंड पेपर लीक मामले का खुलासा, मास्टरमाइंड समेत छह अरेस्ट

झारखंड में जैक बोर्ड के 10वीं के हिंदी और विज्ञान के प्रश्न पत्र लीक मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। कोडरमा पुलिस ने कांड के मास्टरमाइंड समेत इस मामले में शामिल छह आरोपितों को गिरिडीह से अरेस्ट कर लिया है। अरेस्ट किये गये आरोपितों में रोहित कुमार, मुकेश कुमार, कमलेश कुमार, अंशु कुमार पांडेय, कृष्णा कुमार पांडेय व लालमोहन कुमार शामिल है।सभी आरोपितों को कोडरमा पुलिस स्टेशन में रखकर विस्तार से पूछताछ की जा रही है।

Jharkhand Paper Leak: झारखंड पेपर लीक मामले का खुलासा, मास्टरमाइंड समेत छह अरेस्ट
पेपर लीक मामले में पुलिस को मिली सफलता।
  • गर्लफ्रेंड के लिए मजदूर बनकर किया था 10वीं का पेपर लीक
  • ढुलाई करने वाले ठेकेदार से मिलकर बनाई लीक की योजना
  • छह आरोपितों को गिरिडीह से कोडरमा पुलिस ने किया अरेस्ट

कोडरमा। झारखंड में जैक बोर्ड के 10वीं के हिंदी और विज्ञान के प्रश्न पत्र लीक मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। कोडरमा पुलिस ने कांड के मास्टरमाइंड समेत इस मामले में शामिल छह आरोपितों को गिरिडीह से अरेस्ट कर लिया है। अरेस्ट किये गये आरोपितों में रोहित कुमार, मुकेश कुमार, कमलेश कुमार, अंशु कुमार पांडेय, कृष्णा कुमार पांडेय व लालमोहन कुमार शामिल है।सभी आरोपितों को कोडरमा पुलिस स्टेशन में रखकर विस्तार से पूछताछ की जा रही है।
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मास्टरमाइंड से पुलिस पूछताछ में एक बात सामने आयी है। पुलिस गिरफ्त में आये एक आरोपित कमलेश कुमार की गर्लफ्रेंड इस बार मैट्रिक एग्जाम दे रही है। उसकी मदद करने के लिए कमलेश ने अपने साथियों के साथ मिलकर पेपर लीक की तैयारी की। कोडरमा एसपी अनुदीप सिंह ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए कई स्पेशल टीम का गठन किया गया था। पुलिस हेडक्वार्टर रांची भी लगातार इसके उद्भेदन के लिए मॉनिटरिंग कर रही थी।उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में रेड कर कई लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा भी गया। इसी दौरान, पुलिसिया इनपुट के आधार पर मंगलवार अहले सुबह गिरिडीह टउन पुलिस स्टेशन एरिया के न्यू-बरगंडा में रोहित कुमार नामक एक युवक को पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर अन्य लोगों को गिरिडीह जिले के विभिन्न जगहों से अरेस्ट किया गया।
एसपी ने बताया कि अरेस्ट किये युवकों से जब पूछताछ की गयी तो उनलोगों ने बताया कि रांची से गिरिडीह आए प्रश्नपत्र को जिस वाहन से उतारा जा रहा था। उसकी ढुलाई यही लोग कर रहे थे। मौका पाकर सीलबंद को पैकेट को ब्लेड की सहायता से फाड़कर उससे प्रश्नपत्र चुरा लिए। इनके पास से इनकी मोबाइल को जब्त कर जब जांच की गई तो, पाया कि जो प्रश्नपत्र पीडीएफ बनाकर लीक की गई थी, वो इनके मोबाइल से ही बनायी गयी थी।
वहीं, जिस कंबल और चटाई पर प्रश्नपत्र रखकर उसका फोटो खींच कर पीडीएफ बनाया गया था, उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित कमलेश और मुकेश ने पूछताछ में बताया कि उनलोगों ने गाड़ी से प्रश्नपत्र खाली कर स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के क्रम में सीढ़ियों पर प्रश्नपत्र के बंडल की सील फाड़कर उससे परीक्षा में आने वाले हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्रों निकाल लिये।
गर्लफ्रैंड ने प्रश्नपत्र पाने की जतायी थी इच्छा
बताया जाता है कि पकड़ा गए कमलेश ने अपनी गर्लफ्रैंड को प्रश्नपत्र देने के लिए ऐसा किया था। उसने बताया कि जब उसकी गर्लफ्रैंड ने प्रश्नपत्र पाने की इच्छा जाहिर की तो इन लोगों ने प्लान तैयार करना शुरू किया। इनलोगों ने रांची से प्रश्नपत्र लेकर आये वाहन को खाली कराने की जिम्मेदारी जिस ठेकेदार को मिली थी। ठेकेदार से मिले और वाहन खाली करने की इच्छा जतायी। जिसपर ठेकेदार तैयार हो गया। इसी दौरान लोगों ने सील बंद प्रश्नपत्र के बंडल से प्रश्पत्रों के सेट की चोरी कर ली।
इधर, इस पूरे मामले में गिरिडीह के जिस स्ट्रांग रूम से ये सारी कहानी गढ़ी गयी। वहां तैनात कर्मी और जिसको इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, वे भी सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि जब सील बंद पैकेट फाड़कर प्रश्नपत्र निकाल लिया गया। उसके बाद एग्जाम वाले दिन जब स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्र को एग्जाम सेंटर पहुंचाने की तैयारी हुई होगी, तो वहां पर मौजूद मजिस्ट्रेट व अन्य कर्मियों ने फटे हुए प्रश्नपत्र के बंडल को जरूर देखा होगा। बावजूद इसके किसी ने भी इसकी सूचना जैक को नही दी गयी।
प्रश्न पत्र लीक की तह तक जाने के लिए बरामद उपकरणों की होगी जांच: डीजीपी
मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सोमवार को पुलिस हेडक्वार्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने कोडरमा व गढ़वा जिले में पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया है। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि झारखंड एकेडेमिक काउंसिल (जैक) से प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया को समझें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पेपर लीक कहां से हुआ। उन्होंने बरामद डिजिटल उपकरणों की जांच का भी निर्देश दिया है, जिससे इस पूरे प्रकरण के मुख्य साजिशकर्ता को चिह्नित किया जा सके। डीजीपी ने राज्य में मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले की वर्तमान स्थिति, जांच में हुई प्रगति और आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने परीक्षा की निष्पक्षता, पेपर लीक मामले की जांच में पारदर्शिता व निष्पक्षता बनाये रखने पर बल दिया। इसके लिए डीजीपी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने व इस मामले के अनुसंधान में डिजिटल तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर गहराई से जांच करने को कहा है।
दोषियों की जल्द से जल्द होगी गिरफ्तारी: डीजीपी
दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके, परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष व सुरक्षित बनाया जा सके, इससे संबंधित उपायों पर अधिकारियों ने विस्तृत रूप से चर्चा की है। डीजीपी की इस समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज, डीआइजी हजारीबाग संजीव कुमार, डीआइजी पलामू वाई. एस रमेश के अलावा गढ़वा व कोडरमा के एसपी उपस्थित थे।