Jharkhand : कोल, स्टोन और पॉलिटिक्स… सूर्या हांसदा का सफर 2009 से एनकाउंटर तक
गोड्डा एनकाउंटर में ढेर सूर्या हांसदा की कहानी—कोयला और स्टोन माफिया से राजनीति में एंट्री, 2009 में अपराध की दुनिया छोड़कर बना नेता, लेकिन अपराध का पीछा नहीं छूटा।

- जेवीएम,बीजेपी के बाद जेकेएलएम से लड़ा था चुनाव
- 32 आपराधिक मामलों में वांछित था सूर्या
- क्राइम के साथ पॉलिटिक्स में एक्टिव था सूर्या हांसदा
गोड्डा। झारखंड के गोड्डा जिले में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया सूर्या हांसदा उर्फ सूर्य नारायण हांसदा के खिलाफ गोड्डा और साहिबगंज में 32 आपराधिक मामले दर्ज थे। ईसीएल की ठेकेदारी के साथ-साथ राजनीति में रसूख रखने वाला सूर्या हांसदा ईसीएल की राजमहल प्रोजेक्ट से लेकर मिर्जा चौकी के स्टोन बिजनस तक धमक थी।
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बोआरीजोर पुलिस स्टेशन एरिया के जिरली समरी पहाड़ में एनकाउंटर के दौरान गोड्डा पुलिस ने रविवार की रात सूर्या हांसदा को मार गिराया। ललमटिया थाना कांड संख्या 44/ 2025 के आरोप में सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी रविवार की शाम देवघर जिले के नावाडीह पुलिस स्टेशन एरिया से की गयी थी। राजमहल प्रोजेक्ट के पहाड़पुर माइनिंग एरिया 27 मई की रात्रि 40 से 50 राउंड गोली चलाने एवं दहशत फैलाने के मामले में ललमटिया एवं देवघर पुलिस के सहयोग से उसे रविवार की शाम पकड़ा गया था।सूर्या हांसदा उर्फ सूर्यनारायण हांसदा के नाम ललमटिया थाना में लूट, हत्या एवं रंगदारी के 15 मामले दर्ज हैं। वहीं साहिबगंज जिले में 17 मामले दर्ज हैं। कुल मिलाकर गोड्डा एवं साहिबगंज जिला में सूर्या के खिलाफ 32 मामले लंबित हैं। पूर्व में भी सूर्या जेल जा चुका था।
पॉलिटक्स में इंट्री मार एमएलए बनने की थी योजना
बेल पर जेल से निकलने के बाद सूर्या हांसदा ने वर्ष 2009 से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। झारखंड विकास मोर्चा ने सूर्या हांसदा को वर्ष 2009 में बोरियो से विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। इस चुनाव में उसे 10,000 वोट मिले थे। वहीं वर्ष 2014 में भी जेवीएम से चुनाव लड़कर उसने लगभग 15,000 वोट लाया था। वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सूर्या को 59441 वोट मिले थे।इस चुनाव में बोरिया विधानसभा सीट पर जेएमएम के लोबिन हेंब्रम से वह पराजित हो गया था। वर्ष 2024 में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण जेएलकेएम की टिकट पर वह मैदान में उता लेकिन चुनाव में उसे मात्र 2937 वोट मिले। वर्ष 2019 में जब वह बोरियो विधानसभा से भाजपा से चुनाव लड़ रहा था, तो उस समय लोगों के बीच उसकी अच्छी पकड़ थी।
वर्ष 2019 में करीब 60 हजार वोट लाने पर उनको उम्मीद थी कि वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा से टिकट मिलेगा। लेकिन इसी बीच लेबिन हेंब्रम की एंट्री भाजपा में हुई और सूर्या का टिकट कट गया। इसके बाद सूर्या ने जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें मात्र 2937 वोट ही मिले। चुनाव हारने के बाद सूर्या हांसदा सरकार के खिलाफ संथाल रेजीमेंट, रोजगार की मांग जैसे कई मुद्दों की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की थी। जेएलकेएम में शामिल होने के बाद और वर्ष 2024 के चुनाव में मिली हार के बाद सूर्या का जनाधार कमजोर हो गया। जनवरी 2025 से अब तक सूर्या के खिलाफ तीन बड़े मामले में ललमटिया पुलिस स्टेशन की पुलिस को उसकी सरगर्मी से तलाश थी।
पुलिस का कहना है कि एनकाउंटर की स्थिति तब बनी जब उसे देवघर के नावाडीह से गिरफ्तार कर महागामा लाया गया। वहां पूछताछ के क्रम में उन्होंने बताया कि अपराधिक कांड में उपयोग किया जाने वाला सामान बोआरीजोर क्षेत्र के आसपास जंगल में रखा गया है। पुलिस जब उसे वहां लेकर गई तो वहां पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई जिसमें पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सूर्या हांसदा ढेर हो गया।
वाइफ ने पहले ही जतायी थी अनहोनी की आशंका
सूर्या की वाइफ सुशीला मुर्मू ने गिरफ्तारी के बाद ही एनकाउंटर की आशंका जाहिर की थी। सुशीला मुर्मू ने कहा था कि बीते दिनों पुलिस उनसे ऊर्जा नगर स्थित आवास में पूछताछ की थी। इसमें पुलिस ने कहा कि जल्द सूर्या को हाजिर नहीं किया तो उसका एनकाउंटर कर दिया जायेगा।
2009 से शुरु हुआ था सूर्या का राजनीतिक सफर
पुलिस एनकाउंटर में मारे गये क्रिमिनल से पॉलिटिशियन बने सूर्या हांसदा का अपराध और राजनीति से चोली-दामन का साथ रहा है। उसने वर्ष 2009 से अपना राजनीतिक करियर किया था। वर्ष 2009 में सूर्या ने पहला विस चुनाव झाविमो के टिकट पर लड़ा था। इसके पहले सूर्या की पहचान केवल एक अपराधी के रूप में थी। वर्ष 2009 के बाद सूर्या का राजनीतिक सफरनामा शुरू हो गया था। सूर्या को 2009 के विधानसभा चुनाव में 30 हजार वोट मिले थे। इसके बाद सूर्या व उनकी मां नीलमणि मुर्मू राजनीतिक रूप से और भी सक्रिय हो गये।
सूर्या हांसदा का बोआरीजोर क्षेत्र में दबदबा था ही, राजनीति में प्रवेश के बाद तेजी से वह बढ़ने लगा। दुबारा वर्ष 2014 में जेवीएम के टिकट से चुनाव लड़ा। इसमें भी सूर्या को हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 के चुनाव में सूर्या ने भाजपा के टिकट पर विस का चुनाव लड़ दोनों चुनाव से ज्यादा 65 हजार वोटो लाया। बीजेपी के टिकट पर चुनाव लडने से सूर्या का राजनीतिक रसूख उस क्षेत्र में बढ गया। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में सूर्या ने जेकेएलएम का दामन थाम लिया। जेकेएलएम के टिकट पर सूर्या तीन हजार वोट भी नहीं ला सका।
सूर्या हांसदा की मां नीलमणि मुर्मू रह चुकी है जिप सदस्य
सूर्या हांसदा की मां नीलमणि मुर्मू बोआरीजोर क्षेत्र से जिप सदस्य भी रह चुकी हैं। वह राजनीतिक रूप से इस क्षेत्र में कई बार सक्रिय रही हैं। सूर्या की मां ने जिप सदस्य जीतने के उपरांत जिप उपाध्यक्ष बनने का प्रयास किया था, हालांंकि इसमें वे असफल रही थीं।