Jharkhand : ED ने IAS राजीव अरूण एक्का को 15 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया

झारखंड संताल में इलिगल माइनिंग मामले में IAS अफसर एक्स होम सेकरेटरी राजीव अरुण एक्का पर भी ईडी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है। ईडी ने एक्का को पूछताछ के लिए 15 मार्च को समन किया है।  लेकिन एक्का ने विधानसभा के बजट सेशन का हवाला देते हुए ईडी को 24 मार्च के बाद बुलाने का आग्रह किया है।

Jharkhand : ED ने IAS राजीव अरूण एक्का को 15 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया
  • प्रिंसिपल सेकरटेरी ने बजट सेशन का हवाला दे 24 मार्च के बाद समय मांगा
रांची। झारखंड संताल में इलिगल माइनिंग मामले में IAS अफसर एक्स होम सेकरेटरी राजीव अरुण एक्का पर भी ईडी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है। ईडी ने एक्का को पूछताछ के लिए 15 मार्च को समन किया है। लेकिन एक्का ने विधानसभा के बजट सेशन का हवाला देते हुए ईडी को 24 मार्च के बाद बुलाने का आग्रह किया है।
बाबूलाल मरांडी ने एक्का पर लगाये थे आरोप
सीएम के एक्स प्रिंसिपल सेकरेटरी व एक्स होम सेकरेटरी राजीव अरुण एक्का पर आरोप है कि उनका पॉलिटिकल लीडर्स व ब्यूरोक्रैट्रस के ब्लैक मनी के इन्वेस्टर और राजदार विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध है। एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो क्लिप जारी कर आरोप लगाया था कि वे सरकारी फाइलें भी विशाल चौधरी के घर में निपटाते थे।
 राजीव एक्का के बहनोई के घर ईडी ने की थी रेड
ईडी ने पिछले साल 24 मई को विशाल चौधरी के ठिकाने पर ही रेड के साथ-साथ राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकानों को भी सर्च किया था। निशिथ केशरी का डेढ़ दशक पहले रांची में पूनम ड्रेसेज नाम से कपड़ा का दुकान था। बाद में वह रियल इस्टेट का बड़ा बिजनसमैन बन गया। उसने अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई, जिसका नाम निशिथ केशरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (एनकेसीपीएल) है।
विशाल चौधरी से पूछताछ में करोड़ों के लेनदेन की मिली जानकारी
रेड के बाद ही यह स्पष्ट हो गया था कि ईडी जल्द ही सीनीयर आइएएस अफसर राजीव अरुण एक्का से पूछताछ करेगी। इससे पूर्व विशाल चौधरी व उसके स्टाफ से ईडी अफसर कई बार पूछताछ कर चुके हैं। इसमें करोड़ों के लेन-देन की जानकारी भी मिल चुकी है।
बड़े अफसरों तक पहुंचने के लिए विशाल मजबूत सीढ़ी
एक बार दिल्ली से थाइलैंड जाते समय ईडी ने विशाल चौधरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोका था। अवैध खनन में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी के लिए विशाल चौधरी बड़े अफसरों तक पहुंचने की मजबूत सीढ़ी है।
राजीव अरूण एक्का से विशाल चौधरी के घनिष्ठ संबंध
ईडी ने विशाल चौधरी के अरगोड़ा अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में जब रेड करने पहुंची थी, तब उसने गेट खोलने से पहले अपना आईफोन कचरे में फेंक दिया था। ईडी ने उक्त मोबाइल को जब्त किया था। विशाल चौधरी के डिजिटल एवीडेंस के विश्लेषण में ही ईडी को यह सबूत मिला है कि तत्कालीन होम सेकरेटरी सह सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध था।
देश के विभिन्न हिस्सों में विशाल चौधरी के पास अचल संपत्तियां
विशाल चौधरी विदेश भ्रमण का शौकीन रहा है। दो साल के भीतर विदेश भ्रमण पर उसने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की।देश के विभिन्न हिस्सों में रेस्टोरेंट, मुजफ्फरपुर में फर्नीचर का शो-रूम सहित कई अचल संपत्तियां हैं। अरगोड़ा चौक के पास स्थित फ्रंटलाइन व विनायका ग्रुप का संचालक भी विशाल चौधरी है, जिसके ठिकाने से ईडी ने कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किया था।
 वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ी एक्का की मुश्किलें
एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि सत्ता के करीबी विशाल चौधरी के घर में बैठकर राजीव अरुण एक्का सरकारी फाइलें निपटाते हैं। वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का किसी के आवास पर सरकारी फाइल निबटा रहे थे। आरोप है कि यह आवास पावर ब्रोकर विशाल चौधरी का है। वीडियो में एक महिला राजीव अरुण एक्का के पास खड़ी है, जो विशाल चौधरी की स्टाफ बतायी जा रही है। वीडियो में वो किसी से पैसे लेनदेन की बात कर रही है। वीडियो जारी करने के बाद सरकार ने राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और गृह विभाग के प्रधान सचिव के पद से हटाकर पंचायती राज विभाग में भेज दिया है। मामले में बीजेपी का डेलीगेशन गवर्नर सीपी राधाकृष्णन व ईडी के अफसरों से मिलकर वीडियो क्लिप सौंपते हुए जांच की मांग की थी।ईडी ने भी जांच के दौरान विशाल चौधरी व राजीव अरुण एक्का के संबंध से संबंधित सबूत एकत्रित किया है। वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने उन्हें सीएम के प्रधान सचिव के पद से भी हटा दिया था। अब ईडी उनके व विशाल चौधरी के संबंधों के बारे में विस्तार से जानकारी लेगी।
स्टेट गवर्नमेंट ने गठित किया है जांच आयोग
राजीव अरुण एक्का पर लगे आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को ही एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। झारखंड हाई कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार आगे की कोई कार्रवाई करेगी। जांच आयोग को सरकार ने छह माह में जांच पूरी करने के लिए कहा है।
शाम को ED का समन, देर रात जांच आयोग का गठन, एक्का के खिलाफ एफआइआर के लिए ONLINE कंपलेन
ईडी की ओर से सोमवार की शाम आइएएस अफसर राजीव अरुण एक्का को समन जारी कर उन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया गया था। मामले में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा सोमवार की ही देर शाम एक जांच आयोग का गठन कर दिया गया। इस बात की जानकारी मीडिया को देर रात आईपीआरडी की ओर से दी गयी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ईडी के समन के बाद ही आयोग का गठन क्यों किया गया।चर्चा यह भी हो रही है कि कहीं कानूनी दांव-पेच में मामले को उलझाने के लिए तो ऐसा नहीं किया गया है। ऐसे ही कानूनी दांव-पेच में उलझकर डीएसपी पीके मिश्रा, अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार और सीएम सिक्युरिटी में तैनात डीएसपी विमल कुमार भी ईडी की समन के बावजूद ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए हैं। 
आईएएस राजीव अरुण एक्का पर एफआइआर दर्ज करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी द्वारा से वीडिया जारी करने के बाद हाईकोर्ट के एडवोकेट आइएएस राजीव कुमार ने राजीव अरूण एक्का के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए अरगोड़ा पुलिस स्टेशन में आवेदन दिया है।  आवेदन सात मार्च को दिया गया। आवेदन में आईएएस राजीव अरुण एक्का और पावर ब्रोकर विशाल चौधरी पर एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया। हालांकि अरगोड़ा पुलिस स्टेशन से इस आवेदन पर कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद एडवोकेट राजीव कुमार ने फिर से 13 मार्च को आनलाइन आवेदन देकर मामला दर्ज करने का अनुरोध किया है।