Jharkhand:“गैंगस्टर सुजीत सिन्हा- एक्स डीजीपी अनुराग गुप्ता गठजोड़ की जांच NIA से कराई जाएः बाबूलाल मरांडी”
झारखंड में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गठजोड़ की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। प्रेसवार्ता में मरांडी ने आरोप लगाया कि यह नेटवर्क रंगदारी, ठेका, हथियार तस्करी और राजनीतिक संरक्षण से जुड़ा है।
रांची। झारखंड बीजेपी प्रसिडेंट सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को एक बार फिर पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाये हैं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मरांडी ने कहा कि “अनुराग गुप्ता की अवैध नियुक्ति गिव एंड टेक फार्मूले” के तहत हुई थी। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अनुराग गुप्ता के गठजोड़ की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराई जानी चाहिए।
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सत्ता में बैठे लोगों ने कानून को ताक पर रखकर ‘गिव एंड टेक’ फार्मूले से अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति कर दी थी।
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) November 13, 2025
- श्री @yourBabulal जी, प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष pic.twitter.com/reYZhIYM3J
मरांडी ने कहा कि इस गठजोड़ की जड़ें केवल अपराध तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह राजनीतिक संरक्षण, आर्थिक लेनदेन और सरकारी ठेकों में अवैध हिस्सेदारी से भी जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से जल्द ही केंद्र को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की जांच एनआईए से कराने की मांग की जायेगी।
अनुराग गुप्ता की डिग्री से लेकर डीजीपी बनने तक सवाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता की डिग्री मगध यूनिवर्सिटी से फर्जी तरीके से हासिल की गयी थी। बाद में डीजीपी पद पर उनकी नियुक्ति भी अनैतिक और अवैध तरीके से हुई। मरांडी ने आरोप लगाया कि उनका पूरा करियर काले धंधे, दलाली और राजनीतिक संरक्षण के फॉर्मूले पर टिका रहा।
भारत माला प्रोजेक्ट और कोयलांचल शांति समिति का ‘गठजोड़’
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि यह पूरा मामला भारत माला प्रोजेक्ट और कोयलांचल शांति समिति पर वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ा है। मरांडी के मुताबिक, अनुराग गुप्ता ने प्रोजेक्ट पर नियंत्रण के लिए गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को चुना था, जिसमें उनकी 40% हिस्सेदारी थी। उन्होंने दावा किया कि अमन साहू का फर्जी एनकाउंटर भी इसी वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा था।
रिया सिन्हा की गिरफ्तारी से खुली बड़ी पोल
मरांडी ने बताया कि सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिया और अनुराग गुप्ता के व्हाट्सएप चैट में रंगदारी, पैसों के लेनदेन और अमन साहू एनकाउंटर से जुड़े साक्ष्य मिले हैं। इन चैट्स से यह स्पष्ट हो गया है कि अनुराग गुप्ता ही कोयलांचल शांति समिति का किंगपिन था।
रिया सिन्हा के बयान से हड़कंप
रिया सिन्हा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि सुजीत सिन्हा जेल के अंदर से ही कारोबारियों से रंगदारी मांगता था, जबकि प्रिंस खान धमकाने और पैसों की वसूली करता था। 13 अक्टूबर 2025 को रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने तीन पिस्टल, सात मैगजीन, 13 गोलियां, एक कार और मोबाइल बरामद किए थे। बताया गया कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए 21 विदेशी हथियार झारखंड मंगवाये गये थे।
CID और ACB में ‘लूट का साम्राज्य’
मरांडी ने आगे कहा कि अनुराग गुप्ता डीजी सीआईडी और एसीबी दोनों विभागों के प्रमुख थे। वे जांच के नाम पर गुमनाम याचिकाएं मंगाकर स्वतः संज्ञान लेते थे और लोगों को धमका कर पैसे ऐंठते थे। इस काम में एसपी दीपक कुमार और डीएसपी अमर पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका थी। मरांडी ने कहा कि यह टीम इतनी बेलगाम हो गई थी कि मुख्यमंत्री से जुड़े लोगों तक को धमकाने लगी थी।
मामला दबाने की कोशिश
जब मामला सामने आया तो आनन-फानन में अमर पांडे पर कार्रवाई की गई और दीपक कुमार को मोहनपुर कमांडेंट बनाकर भेजा गया।
इसके बाद अनुराग गुप्ता को भी पद से हटाया गया, ताकि नेक्सस टूट जाए और मामला दब जाए।
NIA जांच की मांग
मरांडी ने कहा कि वे इस पूरे गठजोड़ की जांच NIA से कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा, “अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराएं।” मरांडी ने यह भी जोड़ा कि झारखंड में अपराध और सत्ता के गठजोड़ को तोड़ना जरूरी है, अन्यथा राज्य पूरी तरह से माफिया राज की ओर बढ़ जायेगा।






