काशी विश्वनाथ कारिडोर देश को समर्पित: PM मोदी ने लोगों से मांगा स्वच्छता, सृजन और आत्म निर्भर भारत का संकल्प
पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में काशी विश्वनाथ कारिडोर देश को समर्पित किया। लगभग 352 वर्ष बाद वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम नया रूप दुनिया के सामने आया है।
वाराणसी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में काशी विश्वनाथ कारिडोर देश को समर्पित किया। लगभग 352 वर्ष बाद वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम नया रूप दुनिया के सामने आया है।
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उत्तर प्रदेश को आज मिलने वाली सौगात के गवाह देश के 150 से अधिक धर्माचार्य, संत-महंत व प्रबुद्धजन बने। इसके अलावा इसमें आम आदमी और दूसरे लीडर भी जुड़े। बीजेपीशासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी आज इसमें शामिल हुए। यह 5,27,730 वर्ग फीट में फैला है। जन आस्था के शीर्ष केंद्र के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पूरे देश को जोडऩे के लिए 51,000 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन तैयार की गई थी।
इस मौके पर पीएम मोदी अपने संबोधन में इस कारिडोर को बनाने वाले श्रमिकों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने 35 माह में इसको पूरा किया। उन्होंने पूर्व की सरकारों और इतिहास की गर्त में समा चुके आतताइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि काशी में यहां के कोतवाल की इजाजत के बिना कुछ नहीं हो सकता है। कोई बड़ा होगा तो वो अपने घर का होगा। यहां पर बाबा विश्वनाथ की इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है। पीएम मोदी शाम को गंगा घाट की आरती में भी शामिल होंगे।
देश आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होते देखेगा
पीएम ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होते देखेगा। उन्होंने काशी के लोगों से तीन संकल्प मांगे। ये तीन संकल्प थे - स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।उन्होंने कहा आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है। औरंगजेब आता है यहां कोई औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं, काशी तो अविनाशी है
पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्राचीन नगरी का महत्व बताया और कहा कि यहां सिर्फ डमरू वाले बाबा की ही चलती है। काशी तो अविनाशी है और इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आततायियों ने इस शहर पर हमले किए। औरंगजेब ने तलवार के दम पर संस्कृति को कुचलने की कोशिश की। लेकिन भारत की मिट्टी अलग ही है। यहां कोई औरंगजेब आता है तो शिवाजी उठ खड़े होते हैं और जब कोई सालार मसूद आता है महाराजा सुहेलदेव भी जवाब देने आते हैं।
काशी पर औरंगजेब ने अत्याचार किये
उन्होंने कहा कि काशी वह स्थान है, जहां जगदगुरु शंकराचार्य को डोमराजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली। यहीं पर तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी और कबीरदास से लेकर रविदास तक की धरती यह काशी बनी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने यहां प्रेरणा पाई। जैसे काशी अनंत है, ऐसे ही उसका योगदान भी अनंत है। उन्होंने कहा कि काशी पर औरंगजेब ने अत्याचार किए। यहां मंदिर तोड़ा गया तो माता अहिल्याबाई होलकर ने इसका निर्माण कराया। उनकी जन्मभूमि महाराष्ट्र थी और इंदौर कर्मभूमि था। 250 साल पहले उन्होंने जो किया था, उसके बाद से अब जाकर यह बड़ा काम हुआ है। पूज्य नानकदेव जी काशी आए थे और महाराजा रणजीत सिंह ने 23 मन सोना दान किया था। यही भारत की एकता का सूत्र है।
काशी विश्वनाथ धाम को नया रूप मिला तो करोड़ों गरीबों को भी घर मिले
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का भारत हीनता के विचार से बाहर निकल रहा है। आज का भारत सिर्फ सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण ही नहीं करता बल्कि ऑप्टिकल फाइबर भी बिछा रहा है। एक तरफ केदारनाथ मंदिर का पुनरुद्धार हो रहा है तो वहीं हम इसरो के मिशन भी लॉन्च कर रहे हैं। आज का भारत न सिर्फ बाबा विश्वनाथ धाम को नया रूप दे रहा है बल्कि करोड़ों गरीबों के घर भी बन रहे हैं। आज भगवान राम से जुड़े स्थानों को जोड़ा जा रहा है। करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हुआ है तो हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए रोपवे बनाने की तैयारी है।
बाबा के ही आशीर्वाद से बना कॉरिडोर
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि काशी में जैसे ही कोई आता है तो सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। आज आदिकाशी की अलौकिकता में एक अलग ही आभा और स्पंदन है। शाश्वत बनारस में आज अलग ही सामर्थ्य दिख रहा है। कहा जाता है कि जब कोई अलौकिक होता है तो सारी शक्तियां काशी में बाबा के दरबार में आ जाती हैं। ऐसा लग रहा है कि हमारा पूरा चैतन्य ब्रह्मंड इससे जुड़ा हुआ है। बाबा की लीला बाबा ही जानें। उन्होंने कहा कि आज विश्वनाथ धाम अनंत ऊर्जा से भरा हुआ है। उसका वैभव विस्तार ले रहा है। उसकी विशेषता आसमान छू रही है। यहां आसपास जो अनेक प्राचीन मंदिर जो लुप्त हो गए थे, उन्हें भी पुनर्स्थापित किया जा चुका है। बाबा अपने भक्तों की सदियों की सेवा से प्रसन्न हुए हैं। इसलिए उन्होंने आज के दिन हमें यह आशीर्वाद दिया है।
मजदूरों पर फूलों की बारिश, साथ पंगत में बैठकर पीएम मोदी ने किया भोजन
पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने से पहले काशी विश्वनाथ धाम बनाने वाले मजदूरों पर फूलों की वर्षा की। लोकार्पण करने के बाद पीएम मोदी ने दोपहर का भोजन मजदूरों के साथ किया। मजदूरों और आम लोगों की तरह पीएम मोदी ने भी पंगत में बैठकर भोजन किया। मजदूरों के साथ ही पीएम मोदी को भी चावल, दाल, रोटी, सब्जी, कड़ी और रायता परोसा गया। इसके साथ ही मिठाई के रूप में मेवे से बना लड्डू पीएम मोदी ने खाया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मजदूरों को खासतौर पर श्रेय देते हुए कहा कि मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिनका पसीना इस इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। इससे पहले बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के बाद पीएम मोदी सीधे मजदूरों के बीच पहुंचे। उन्होंने मजदूरों पर फूल बरसाए। इसके बाद उनके साथ बैठकर ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। इस दौरान उन्होंने अपने लिए लगाई गई कुर्सी भी हटवा दी। मजदूरों को इशारा करके अपने पास बुलवाया और उनके साथ फोटो खिंचवाई।
प्रोटोकॉल तोड़कर आम लोगों के बीच पहुंचे मोदी
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी बेहद अभिभूत नजर आए। विश्वनाथ मंदिर जाने से पहले यहां की तंग गलियों में स्थित काल भैरव मंदिर पहुंचे। वहां से दर्शन कर लौटते समय प्रोटोकॉल तोड़कर आम लोगों के बीच पहुंच गए। इस दौरान लोगों के स्नेह का पूरा सम्मान करते हुए साफा और पगड़ी भी पहनी।
सबसे पहले काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर पहुंचे
पीएम मोदी वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचने पर सबसे पहले काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर पहुंचे। वाराणसी में मान्यता है कि यहां किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत से पहले काल भैरव की इजाजत लेनी जरूरी होती है। यहां तक कि कोई अधिकारी भी यहां तैनात होता है तो सबसे पहले काल भैरव मंदिर जाता है। काल भैरव मंदिर में पूजा और आरती के बाद पीएम मोदी विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुए तो लोगों की हुजूम देख उनके बीच पहुंच गए। कई लोगों ने इस दौरान सेल्फी ली। पीएम मोदी ने लोगों का अभिभावदन किया। इसके बाद गाड़ी में बैठकर रवाना हुए तो रास्ते में खड़े लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। पीएम मोदी ने अपनी काशी के लोगों का प्यार देख अपने और आम लोगों के बीच से सुरक्षा हटा दी और गाड़ी का दरवाजा भी खोल दिया। पीएम के दरवाजा खोलते ही उन पर फूलों की बारिश शुरू हो गई। मौके पर मौजूद गुजराती समाज के लोगों ने अभिनंदन किया। गुजराती समाज की ओर से उनको साफा पहनाया गया। इत्र लगाया गया और गोपाल मंदिर का प्रसाद भी दिया गया। मोहन भाई सोनावले ने पीएम को पगड़ी पहनाई।
मोदी ने गंगा में कई डुबकी भी लगाईं
ललिता घाट पहुंचकर पीएम मोदी भगवा कपड़ों में दिखाई दिए। वो गंगा में उतरे और वहां पर पूरे विधि-विधान के साथ गंगा जल लिया। उन्होंने गंगा में कई डुबकी भी लगाईं। पीएम मोदी ने घाट का मुआयना किया और फिर बोट से खिड़किया घाट पहुंचे। उन्हें एक नजर देखने के लिए गंगा के दोनों किनारों पर काफी संख्या में लोग मौजूद हैं। पीएम ने उनका अभिवादन स्वीकार किया।काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी का कहना है कि पहले ये केवल 2000 मीटर में फैला था और अब ये करीब 50 हजार वर्ग मीटर में फैला है।
क्रूज पर सवार हो विश्वनाथ धाम से रविदास घाट पहुंचे पीएम मोदी
काल भैरव मंदिर से पीएम मोदी गंगा मार्ग से होते हुए क्रूज से ललिताघाट पहुंचे। वहां गेरुआ वस्त्र में उन्होंने गंगा में डुबकी लगाई। गंगा जल लेकर वे पैैदल ही विश्वनाथ धाम की ओर बढ़ गए। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ओर सीएम योगी एक बार फिर क्रूज पर सवार होकर घाटों के किनारे खड़े लोगों का अभिनंदन करते हुए जा रहे हैं। वाराणसी में शाम को दीपोत्सव महोत्सव मनाया जायेगा। इसके लिए शिवनगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
काशी विश्वनाथ कारिडोर के उदघाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, सीएम और अन्य मंत्रियों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।