कोलकाता: देश की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश का भारत दे रहा है मुंहतोड़ जवाब: पीएम मोदी
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिशों को आज देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। दुनिया भारत के इस अवतार को देख रही है। पीएम शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर यहां विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ''पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कोलकाता। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिशों को आज देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। दुनिया भारत के इस अवतार को देख रही है। पीएम शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर यहां विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ''पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
आज पूरे विश्व में बज रहा है हिंदुस्तान का डंका
पीएम ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई और भारत द्वारा दुनिया के देशों को इसके टीके की आपूर्ति किये जाने को देखते तो नेताजी भी गर्व करते। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य से आज देश का जन-जन जुड़ गया है और दुनिया की कोई ताकत भारत को आत्मनिर्भर बनने से रोक सके। मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जिस सशक्त भारत का सपना देखा था वह आज पूरा हो रहा है। नेताजी जिस भी स्वरूप में आज हमें देख रहे हैं। एलएसी से लेकर एलओसी तक, भारत का यही अवतार दुनिया देख रही है। जहां कहीं से भी भारत की संप्रुता को चुनौती देने की कोशिश की गई, भारत उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।
दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने से रोक सके
मोदी ने कहा कि आज हर भारतीय का लक्ष्य भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। उन्होंने कहा, देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है। नेताजी ने कहा था कि आजाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोइए। दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को बांधकर रख सके। वाकई दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो 130 करोड़ देशवसियों को अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने से रोक सके। नेताजी को आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की सबसे बड़ी प्रेरणा बताते हुए पीएम ने कहा कि जो भूमिका नेताजी ने देश की आजादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। मैंने बचपन से अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है।नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है। उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।उन्होंने कहा कि आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए।इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया करेंगे।
हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी
मोदी ने कहा कि नेताजी को नमन करते हुए मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी है। 125 वर्ष पहले आज ही के दिन मां भारती के गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने नए भारत के सपने को दिशा दी थी। आज के ही दिन गुलामी के अंधेरे में वह चेतना फूटी थी जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता अंग्रेजों के सामने खड़े होकर कहा था कि मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा। आज के दिन सिर्फ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म ही नहीं हुआ था, बल्कि भारत के आत्मसम्मान व नये कौशल का जन्म हुआ था। मैं नेताजी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हेंं नमन करता हूं। मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढऩे वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं।
नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी
पीएम मोदी ने नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। उन्होंने नेताजी के जीवन पर आधारित एक स्थायी प्रदर्शनी और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी उद्घाटन किया। वह यहां के भवानीपुर इलाके में स्थित ''नेताजी भवन और नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया। वहां ''21वीं सदी में नेताजी की विरासत का पुन:अवलोकन विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। कलाकारों की ओर से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। पीएम ने कलाकारों और सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से संवाद किया।नेताजी सुभाष चंद्र बोस के एल्गीन रोड स्थित पैतृक आवास का भी पीएम मोदी ने किया दौराकोलकाता पहुंचने के साथ पीएम सबसे पहले नेताजी भवन जाकर बोस को श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद वह नेशनल लाइब्रेरी गये जहां नेताजी पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने पिछले दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस'' के तौर पर मनाने का निर्णय किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने पीएम की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।
पीएम के मंच पर नाराज हुईं ममता बनजी, बिना भाषण दिये ही लौट गईं
समारोह के दौरान जैसे ही सीएम ममता बनर्जी मंच पर पहुंचीं, लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए। ममता पीएम की मौजूदगी में मंच पर ही नाराज हो गई।उन्होंने भाषण देने से इन्कार कर दिया। सीएम ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम का एक सम्मान होना चाहिए। किसी को कार्यक्रम में बुलाकार बेइज्जती करना शोभा नहीं देता है।