मध्य प्रदेश: पुलिस सब-इंस्पेक्टर गिर गया तो काफिला रोककर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की मरहम पट्टी
बीजेपी के राज्यसभा एमपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खाफिले में शनिवार सुबह ड्यूटी में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गिरकर घायल हो गये। एसआइ को चोटिल देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काफिला रुकवाकर हालचाल लेने पहुंच गये। एसआइ के सिर से खून बहता देखकर सिंधिया ने उनकी सिर पर अपना रुमाल लगाया। पानी पिलाया और हालचाल लिया।
भोपाल। बीजेपी के राज्यसभा एमपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खाफिले में शनिवार सुबह ड्यूटी में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गिरकर घायल हो गये। एसआइ को चोटिल देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काफिला रुकवाकर हालचाल लेने पहुंच गये। एसआइ के सिर से खून बहता देखकर सिंधिया ने उनकी सिर पर अपना रुमाल लगाया। पानी पिलाया और हालचाल लिया।
सब-इंस्पेक्टर की स्थिति सामान्य होने बाद ही सिंधिया का काफिला आगे बढ़ा। गिरने के कारण सब इंस्पेक्टर को सिर और हाथ में चोट लगी। सिंधिया ने इस दौरान सब इंस्पेक्टर का नाम पूछा और कहा कि अब आराम से जाओ। उन्होंने कहा कि बहुत मजबूत आदमी है।
नई दिल्ली से स्टेट हैंगर पहुंचने पर मिनिस्टर तुलसीराम सिलावट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत किया। स्मार्ट रोड पर सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ वे वृक्षारोपण में शामिल हुए। मौके पर मिनिस्टर तुलसीराम सिलावट, प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित रहे। सिंधिया ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ आज भोपाल में स्मार्ट सिटी रोड पर वृक्षारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह हम सभी का दायित्व है कि पर्यावरण के हित में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
सिंधिया ने मध्यप्रदेश बीजेपी गवर्नमेंट के एक साल पूरा होने पर बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि साल मध्य प्रदेश के लोकप्रिय सीएम शिवराज सिंह चौहान जी से आज भोपाल निवास पर मुलाकात कर जनकल्याण को समर्पित भाजपा सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई प्रेषित की। मप्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मेरी शुभकामनाएं। गौरतलब है कि भाजपा की सरकार बनने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रमुख भूमिका रही थी। उल्लेखनीय है कि 2018 विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीजेपी को 109 सीट मिली थी। बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय चार एमएलए की मदद से कांग्रेस ने सरकार बनाई। इसके बाद सिंधिया की पार्टी में उपेक्षा से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया। उनके समर्थक कांग्रेस के 22 एमएलए ने भी इस्तीफा दिया और कमलनाथ सरकार गिर गई।