महाराष्ट्र: होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा, सीएम उद्धव ठाकरे को सौंपा त्यागपत्र
महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को इस्तीफा सौंप दिया है।अनिल देशमुख ने सीएम से मिलकरअपना इस्तीफा सौंपा है।
मुंबई। महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को इस्तीफा सौंप दिया है।अनिल देशमुख ने सीएम से मिलकरअपना इस्तीफा सौंपा है।
मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद अनिल देशमुख ने शरद पवार और पार्टी नेताओं से मुलाकात कर कहा कि वह इस पद पर नहीं रहना चाहते हैं। वह सीएम को अपना इस्तीफा दिया। एनसीपी ने सीएम से इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है।सीएम उद्धव को भेजे गये अपने लेटर में अनिल देशमुख ने लिखा है कि उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है।
एनसीपी चीफ शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार साथ बैठक
महाराष्ट्र के मिनिस्टर व एनसीपी लीडर नवाब मलिक ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद अनिल देशमुख ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई। इसके बाद, शरद पवार ने भी सहमति दे दी। मलिक ने कहा कि उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के लिए यह कदम उठाया है।बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच में बैठक हुई। शरद पवार के मुंबई स्थित घर पर हुई इस मीटिंग में अनिल देशमुख और सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। बैठक में इस पूरे मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को देशमुख के खिलाफ जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने निर्देश दिया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज सीबीआई को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख पर लगाये गये आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का सोमवार को निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने कहा कि यह असाधारण और अभूतपूर्व मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। बेंच तीन पीआईएल पर सुनवाई कर रही थी।
मुंबई के एक्स पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपस पुलिस अफसरों को100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी। इसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने एपीआइ सचिन वाझे समेत अन्य पुलिस अफसरों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा। मुंबई के पुलिस कमिश्नर पोस्ट से हटाये गये परमबीर सिंह की सीएम उद्दव ठाकरे को लिखे गए कथित पत्र के बाद अंटीलिया प्रकरण मामला गरमा गया था। परमबीर ने कथित पत्र में आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख पुलिस अफसरों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करवाना चाहते थे। परमबीर सिंह का 17 मार्च को मुंबई पुलिस कमिश्नर पोस्ट से हटाकर उन्हें डीजी होमगार्ड्स बना दिया गया था। उन्होंने 18 मार्च को यह पद भी संभाल लिया था।
परबीर ने सीएम को लिखा था पत्र
परमबीर सिंह ने 20 मार्च को आठ पेज का पत्र लिखकर होम मिनिस्टर पर वसूली का सनसनीखेज आरोप भी लगा दिया। उन्होंने कहा कि होम मिनिस्टर ने स्वयं उन्हें और एपीआई सचिन वझे सहित मुंबई के अन्य पुलिस अफसरों को मुंबई के बार, रेस्टोरेंट आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था। परमबीर ने अपने आरोप की पुष्टि के लिए एक अफसर से हुई अपनी वाट्सएप चैट के अंश भी पत्र में लिखे हैं। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की पुष्टि सचिन वाझे की काल डिटेल रिकार्ड से भी की जा सकती है। अपने कथित पत्र में परमबीर सिंह लिखते हैं कि अनिल देशमुख ने फरवरी मध्य में एक दिन क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के एपीआई सचिन वझे को अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाया। उस समय गृह मंत्री के कक्ष में उनके निजी सचिव पलांडे सहित एक-दो स्टाफ के लोग और मौजूद थे। उनके सामने देशमुख ने वझे से कहा कि आपको एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे।
कोर्ट में भी दाखिल की थी याचिका
होम मिनिस्टर ने खुद वसूली का रास्ता भी बताते हुए कहा कि मुंबई में लगभग 1,750 बार एवं रेस्टोरेंट्स जैसे प्रतिष्ठान हैं। इनसे हर महीने दो-तीन लाख रुपये लिये जायें तो 40-50 करोड़ रुपये आसानी से जमा हो सकते हैं। शेष राशि अन्य स्रोतों से जुटानी होगी। इसके दो दिन बाद ही देशमुख ने बार इत्यादि पर नजर रखने वाली सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी भुजबल को अपने सरकारी आवास पर बुलाया। होम मिनिस्टर ने उनसे मुंबई के हुक्का पार्लरों के बारे में चर्चा की और वसूली का वही तरीका उन्हें भी बताया, जो उन्होंने सचिन वझे को बताया था।परमबीर का यह भी आरोप है कि देशमुख बार-बार उन्हें नजरअंदाज कर उनके अधीनस्थ अफसरों के अपने पास बुलाते रहे, और उन्हें इस प्रकार पैसा वसूली के आदेश देते रहे। परमबीर के अनुसार उनके अधीनस्थ होम मिनिस्टर से मिले फरमानों की जानकारी उन्हें लगातार देते रहे हैं। परमबीर ने अपने कथित पत्र की प्रतियां उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एवं राज्यपाल के प्रधान सचिव को भी भेजी हैं। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान खुद को मिले सम्मानों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री से संवैधानिक मूल्यों के साथ खड़े रहकर न्याय करने की अपील की थी।