महराष्ट्र: नागपुर में देश के पहले ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल केंद्र का उद्घाटन

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में देश के पहले ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल का उद्घाटन किया। न्याय कौशल देश भर के किसी भी हाई कोर्ट व डिस्टिक कोर्ट में न्याय के मामलों को ई-फिल करने की सुविधा प्रदान करे

महराष्ट्र: नागपुर में देश के पहले ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल केंद्र का उद्घाटन
  • चीफ जस्टिस शरद किया उद्घाटन

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में देश के पहले ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल का उद्घाटन किया। न्याय कौशल देश भर के किसी भी हाई कोर्ट व डिस्टिक कोर्ट में न्याय के मामलों को ई-फिल करने की सुविधा प्रदान करेगा।

जस्टिस बोबडे ने गत दिनों कहा कि देश की अदालतों में अभी आम दिनों की तरह सुनवाई संभव नहीं है। इस सिलसिले में मेडिकल बोर्ड व चिकित्सा विशेषज्ञों की ठोस सलाह मिलने के बाद ही विचार संभव है। उन्होंने साफ किया कि कोरोना के खतरे की वजह से महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिये ही होगी। उन्होंने कहा कि मैं भी मानता हूं कि अदालतें खुलनी चाहिए। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि विगत छह माह से देशभर के वकीलों को हो रही तकलीफ से मुझे भी दुख है।

जस्टिस बोबडे 12 अप्रैल, 2013 को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बने थे। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के अलावा जस्टिस बोबडे ने अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। इनमें निजता को मौलिक अधिकार घोषित करना, किसी को आधार न होने के कारण सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता और प्रदूषण को काबू करने के लिए 2016 में दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाना शामिल है। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत होंगे।

वर्ष 1956 की 24 अप्रैल को जस्टिस बोबडे का जन्म नागपुर में हुआ था। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की। वह 1978 में बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड हुए। वर्ष1998 में सीनीयर एडवोकेट मनोनीत हुए। बोबडे वर्ष 2000 की 29 मार्च, को बंबई हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त हुए। वह 16 अक्टूबर, 2012 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाये गये। सुप्रीम कोर्ट में वह 12 अप्रैल, 2013 में जज बने।