नई दिल्ली। देश में 13 या 14 जनवरी से शुरू हो सकता है कोरोना वैक्सीन टीकाकरण
सेट्ल हेल्थ मिनिस्टरी ने बताया कि देश में अब कोरोना के एक्टिव मामले 2.5 लाख से भी कम रह गये हैं। मिनिस्टरी ने बताया कि दो वैक्सीन को इमरजेंसी स्वीकृति मिलने के 10 दिनों के भीतर टीके को रोलआउट करने के लिए तैयार है।
- सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने बताया कि देश के चार बड़े डिपो में निर्माता वैक्सीन पहुंचाते हैं
- डिपो से स्टेट के 37 वैक्सीन स्टोर तक पहुंचाया जाता है
- वैक्सीन को आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टेट व यूटी की
नई दिल्ली। सेट्ल हेल्थ मिनिस्टरी ने बताया कि देश में अब कोरोना के एक्टिव मामले 2.5 लाख से भी कम रह गये हैं। मिनिस्टरी ने बताया कि दो वैक्सीन को इमरजेंसी स्वीकृति मिलने के 10 दिनों के भीतर टीके को रोलआउट करने के लिए तैयार है। एक टीकाकरण टीम में पांच मेंबर होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि 13 या 14 जनवरी तक देश में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो सकता है।
सेंट्रल हेल्थ सेकरेटरी राजेश भूषण ने बताया कि करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित GMSD नामक चार प्राथमिक वैक्सीन स्टोर बनाये गये हैं। देश में ऐसे 37 वैक्सीन स्टोर हैं। वे टीकों को थोक में इकठ्ठा करेंगे और फिर आगे वितरित किये जायेंगे।उन्होंने बताया कि देश के 4 बड़े डिपो में निर्माता वैक्सीन पहुंचाते हैं। वहां से स्टेट वैक्सीन स्टोर तक इसे पहुंचाया जाता है, जो 37 हैं। वैक्सीन को आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टेट व यूटी की होती है। यहां से रेफ्रिजरेटेड वाहन या अन्य साधनों के माध्यम से जिलों और फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाई जाती है।
उन्होंने कहा कि इंडिया के पास वैक्सीन डिलिवरी की निगरानी के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। यह पिछले 10 साल है मौजूद है। लेकिन अब कोरोना वैक्सीन के लिए इसमें कुछ और चीजें जोड़ी गई हैं। वैक्सीन की जगहों पर टेपरेचर मापने के यंत्र होगा। हमने ड्राई रन के लिये 125 जिलों में 286 सेशंस साइट्स तैयार की हैं।
गवनर्मेंट ने टीकाकरण प्लान पर बताया
हेल्थ सेकरेटरी के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को बताया कि कोरोना के मामलों में कमी की वजह से देश में स्वास्थ्य ढांचे पर बोझ पहले से काफी कम हुआ है। नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ''इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलने के 10 दिनों के भीतर हम वैक्सीन को रोल आउट करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, अंतिम फैसला गवर्नमेंट को करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को खुद को लाभार्थी के रूप में रजिस्टर्ड करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उनका डेटा एक थोक डेटाबेस में स्टोर किया गया है। जब हम जनसंख्या प्राथमिकता समूह में आएंगे, तो डेटा के रजिस्ट्रेशन या एडिटिंग के प्रावधान का इस्तेमाल किया जायेगा। सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेशन आवंटन की अनुमति देता है। यह प्रक्रिया डिजिटल होगी।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या ढाई लाख से कम हो गई है। लगातार कम हो रही है। इससे स्वास्थ्य ढांचे पर बोझ काफी कम हुआ है। पॉजिटिविटी रेट 1.97 परसेंट पर है। कुल एक्टिव पेसेंट में 43.96 परसेंट पेसेंट हेल्थ सेंटर में हैं। 56.04 परसेंट पेसेंट घर पर इलाज करा रहे हैं।
99,75,958 कोरोना संक्रमित ठीक हुए
देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगभग एक करोड़ के करीब पहुंच रही है। अभी तक ठीक हुए लोगों की संख्या 99,75,958 है। नये ठीक हुए 29,091 लोगों में से 82.62 परसेंट लोग 10 स्टेट व यूटी के हैं। नये केस में 10 स्टेट व यूटी की 80.05 परसेंट हिस्सेदारी है।