नई दिल्ली: इंडिया में ऑक्सफोर्ड वैक्सिन कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी
कोरोना वैक्सीन को लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी अप्रूवल देने पर विचार किया गया। इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई।
- एस्ट्राजेनेका की पांच करोड़ से अधिक डोज तैयार कर रखा है सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन को लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी अप्रूवल देने पर विचार किया गया। इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। हालांकि गवर्नमेंट के टॉप सोर्सेज के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड को पैनल से मंजूरी के लिए सिफारिश मिल गई है। लेकिन अभी इस पर अंतिम फैसला DCGI द्वारा लिया जाना है। इस फैसले के साथ ही इंडिया में वैक्सीन की शुरुआत हो जायेगी।
ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन का प्रोडक्शन देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने किया है। एसआईआई वर्ल्ड की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है। ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी दी थी। इंडियामें वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार जल्द ही टीकाकरण अभियान भी शुरू कर सकती है।
सीरम के पास मौजूद हैं पांच करोड़ खुराकें
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने सोमवार को बताया था कि अभी एसआईआई के पास 4-5 करोड़ कोविशील्ड की खुराकें हैं। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जल्द ही सरकार 'कोविशील्ड' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे देगी। हमारे पास पहले से ही कोविशील्ड की 4-5 करोड़ खुराकें हैं। एक बार हमें कुछ दिनों में रेग्युलेटरी अप्रूवल मिल जायेगी, तो उसके बाद सरकार के ऊपर यह जिम्मेदारी रहेगी कि वह कैसे और कितनी जल्दी इसे खरीदती है। हम जुलाई 2021 तक 30 करोड़ खुराक बना लेंगे।' उन्होंने बताया था कि भारत 'कोवैक्स' का हिस्सा है। इस वजह से हम जो भी बनायेंगे, उसमें 50 परसेंट इंडिया और कोवैक्स देशों के लिए होगा। इंडियाएक बड़ी जनसंख्या वाला देश है और हो सकता है कि भारत को सबसे पहले 5 करोड़ खुराक दें।
WHO ने कोरोना के टीके के इमरजेंसीइस्तेमाल को मंजूरी दी
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। अब गरीब देशों को भी ये टीके उपलब्ध हो सकेंगे। अब तक ये टीके यूरोप और उत्तर अमेरिका में ही उपलब्ध थे। देशों की औषध नियामक एजेंसी किसी भी कोविड-19 टीके के लिए अपनी ओर से मंजूरी देती हैं, लेकिन कमजोर प्रणाली वाले देश आमतौर पर इसके लिए डब्ल्यूएचओ पर निर्भर करते हैं।
WHO ने गुरुवार को बताया कि कोरोना टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के फैसले से देशों के लिए यह वैक्सीन आयात करने और इसे लगाने का रास्ता प्रशस्त होगा। फाइजर की वैक्सीन तय सुरक्षा मानकों पर खरी पाई गई है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने संयुक्त रूप से वैक्सीन विकसित की है। इस कंपनी के टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और मेक्सिको समेत दुनिया के कई देशों में मंजूरी मिल चुकी है। इन जगहों पर यह टीका लगाया जा रहा है। फाइजर की वैक्सीन को बहुत कम टेंपरेचर पर रखता होता है, जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।