नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में माइल्ड इलनेस ही देखने को मिलेगी: डॉ रणदीप गुलेरिया 

कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर व बचाव को लेकर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया न्य चैनल आज तक से बातचीत में कई सवालों के जवाब दिये है।

नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में माइल्ड इलनेस ही देखने को मिलेगी: डॉ रणदीप गुलेरिया 
  • अनलॉक ठोस तरीके से होने पर संक्रमण केसों की संख्या पर ब्रेक लगा रहेगा
  • वैक्सीन के साथ-साथ हम कोरोना संबंधी नियमों का भी पालन जरुरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर व बचाव को लेकर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया न्य चैनल आज तक से बातचीत में कई सवालों के जवाब दिये है।डॉ गुलेरिया ने कहा कि अगले दो तीन हफ्ते या इस महीने के लास्ट तक केसों की संख्या कम होनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि अगर अनलॉक की प्रक्रिया ठोस तरीके से होती है तो कोरोना केसों की संख्या पर ब्रेक लगा रहेगा।

देश में कोरोना की थर्ड वेव आने के साइंटिफिक आधारों पर जवाब देते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा कि वर्ष 1918 में आयी महामारी में बहुत लोग मारे गये थे। यहां भी तीसरी लहर आई थी। लेकिन तीसरी लहर में जो मामले थे वो दूसरी लहर की तुलना में काफी कम थे।डॉ गुलेरिया ने कहा ग्लोबल डेटा कि बात कि जाए तो पहली और दूसरी वेव में यूथ और बुजुर्गों में ज्यादातर वायरस देखने को मिला है। वहीं इस बार लोगों में डर ज्यादा है कि बच्चों में वायरस का डर है। जहां तक बच्चों की बात की जाए तो बच्चों में माइल्ड इलनेस ही देखने को मिलेगी।डॉ गुलेरिया ने साफतौर पर कहा कि बच्चों का वैक्सीनेशन करना जरूरी होगा। भारत बायोटेक दो से 18 साल तक के बच्चों का ट्रायल कर रहा है। वहीं अभी भी हमें वैक्सीनेशने के लिए को-मॉबरिटी वाले लोगों को अभी प्राथमिकता देने की जरूरत है।

डॉ गुलेरिया ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि जैसे हम अपनी तरफ से वायरस से लड़ रहे हैं, वैसे ही वायरस भी अपने बचे रहने के लिए हमसे लड़ रहा है। इसके लिए बहुत जरूरी है कि वैक्सीन के साथ-साथ हम कोरोना संबंधी नियमों का भी पालन करें।डॉ गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन के मिक्स डोज पर अभी स्टडी चल रही है, लेकिन ग्लोबली ज्यादातर लोगों में साइडीइफेक्ट सामने आ रहे हैं। इसीलिए अभी ये कहना मुश्किल होगा कि अलग-अलग डोज लेना सही है या नहीं। इस पर जब और डेटा सामने आयेगा तभी कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल के लिए हमें दोनों डोज में एक ही वैक्सीन लेने पर फोकस करना होगा।

साइंटिफिक स्टडी के अनुसार वैक्सीन की दूसरी डोज का गैप बढ़ाया गया 
डॉ गुलेरिया ने कहा कि अभी केवल कोविशील्ड वैक्सीन का गैप ही बढ़ाया गया है। एक नई साइंटिफिक स्टडी के मुताबिक दूसरी डोज का गैप 12 वीक  का गैप के बाद ज्यादा अच्छे से एंटीबॉडी डेवलप हुई है। इसीलिए इसका गैप बढ़ाया गया है ताकि ज्यादा अच्छे से एंटीबॉडी डेवलप हो।उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव से आप निगेटिव हो गये हैं तो धीरे-धीरे अपनी एक्टिवटी बढ़ाएं। एकदम से एक्सरसाइज करना न शुरु करें। बॉडी को रेस्ट दें और योग करें। अच्छी डाइट रखें।