नई दिल्ली: मो शहाबुद्दीन का कोरोना से निधन,CM नीतीश और लालू ने जताया शोक
बाहुबली व आरजेडी के एक्स एमपी मो. शहाबुद्दीन का शनिवार को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे सिवान के एक्स एमपी शहाबुद्दीन ने दिल्ली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पीटल में इलाजरत थे।
- तेजस्वी ने कहा-अरजेडी के लिए अपूरणीय क्षति
नई दिल्ली। बाहुबली व आरजेडी के एक्स एमपी मो. शहाबुद्दीन का शनिवार को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे सिवान के एक्स एमपी शहाबुद्दीन ने दिल्ली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पीटल में इलाजरत थे।
तिहाड़ में 21 अप्रैल को हुए थे संक्रमित
शहाबुद्दीन की तबीयत खराब होने के बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया था। 21 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद इलाज के लिए हॉस्पीटल में एडमिट में कराया गया था। उनकी तबीयत काफी अधिक खराब होने के बाद दो दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया था। फिलहाल उनकी पत्नी हिना शहाब सहित पूरा परिवार दिल्ली में ही है।
शहाबुद्दीन के निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आरेजडी सुप्रीमो लालू प्रसाद व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन से लंबे समय तक सिवान से एमएलए व एमपी रहे। कोरोना से उनका निधन हो गया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और स्वजनों को इस दुख की घड़ी को सहने करने की शक्ति दे। तेजस्वी यादव ने कहा कि एक्स एमपी मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद काफी खबर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें। परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद, एक्स सीएम राबड़ी देवी, एक्स मिनिस्टर तेजप्रताप यादव, राजयसभा सांसद मीसा भारती ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के असामयिक निधन पर गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया है। कहा कि उनके निधन से पूरा राजद परिवार शोकाकुल एवं मर्माहत है। शहाबुद्दीन राजद के संस्थापक सदस्यों में थे। उनकी गहरी पैठ सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में थी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी, अवध बिहारी चौधरी, शिवचंद्र राम, राजद के प्रधान महा सचिव एवं पूर्व मंत्री श्री श्याम रजक, विधायक अख्तर इस्लाम शाहीन, पूर्व विधायक डॉक्टर दाऊद अली सहित अनेकों आरजेडी एमएलए ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
शहाबुद्दीन का जन्म सिवान के हुसैनगंज प्रखंड के प्रतापपुर गांव में नर्ष 1967 की 10 मई को हुआ था। सिवान में बाहुबली का खौफ था। शहाबुद्दीन कॉलेज के दिनों से ही चर्चा में रहे। शहाबुद्दीन पर 21 साल की उम्र 1986 में पहला मामला दर्ज हुआ था। शहाबुद्दीन पर उम्र से भी ज्यादा 56 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से आधा दर्जन में उन्हें सजा हो चुकी थी। भाकपा माले के कार्यकर्ता छोटेलाल गुप्ता के अपहरण व हत्या के मामले में वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे।
दो भाइयों को एसिड से था नहलाया
बताया जाता है कि 16 अगस्त 2004 की सुबह भूमि-विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत के दौरान मारपीट हो गई थी। इस दौरान किसी ने सिवान के गौशाला रोड के निवासी व्यवसायी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के घर में रखा तेजाब फेंक दिया। यह मामला शहाबुद्दीन तक पहुंच गया। उसी दिन चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश व राजीव रोशन का किडनैप कर लिया गया। दो भाइयों गिरीश कुमार व सतीश कुमार का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। शवों को टुकड़ों में काटकर बोरियों में भर ठिकाने लगा दिया गया था। आरोप है कि दोनों की प्रतापपुर ले जाकर तेजाब से नहलाकर हत्या की गई। इस कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की भी 16 जून 14 को डीएवी मोड़ पर गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। तीनों बेटे की मां व व्यवसायी चन्दकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। उस समय एफआइआर में दो आरोपित व पांच अज्ञात थे। हालांकि इन अभियुक्तों का अलग मुकदमा चल रहा है। 2009 में सीवान के तत्कालीन एसपी अमित कुमार जैन के निर्देश पर केस के आइओ ने शहाबुद्दीन, असलम, आरिफ व राज कुमार साह को नन एफआइआर बनाया था।
कई चर्चित कांडों में साहब
शहाबुद्दीन का नाम जितनी तेजी से राजनीति में आया उतनी ही तेजी से क्राइम के एरिया में भी चर्चित हुआ। लोग शहाबुद्दीन का सरेराह नाम लेना भी मुनासिब नहीं समझते थे। शहाबुद्दीन के समर्थक साहेब के नाम से उन्हें बुलाते थे। सीवान एक समय ऐसा था कि चुनाव लड़ने के दौरान शहर में शहाबुद्दीन की पार्टी को छोड़ किसी दूसरी पार्टी का बैनर या पोस्टर जिले में नहीं लगता था।
पहली बार 1990 में जीते थे चुनाव
जिरादेई विधानसभा से शहाबुद्दीन ने पहली बार जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतकर धानसभा पहुंचे थे। उस समय शहाबुद्दीन सबसे कम उम्र के जनप्रतिनिधि थे। दोबारा उसी सीट से 1995 में चुनाव में जीत दर्ज की। 1996 में वह पहली बार सिवान से लोकसभा के लिए चुने गये। एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें गृह राज्य मंत्री बनाए जाने की बात चर्चा में ही आई थी कि मीडिया में शहाबुद्दीन के आपराधिक रिकॉर्ड की खबरें छपीं। इसके बाद मामला पीछे रह गया।