नई दिल्ली: पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद नरम पड़े नवजोत सिंह सिद्धू, कहा- कांग्रेस आलाकमान का हर फैसला मंजूर
नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस चीफ पोस्ट से दिया गया अपना इस्तीफा वापस लेंगे। कांग्रेस आलाकमान से पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करने के निर्देश मिले हैं। नई दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद सिद्धू के तवेर नरम पड़ गये हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान का हर फैसला मंजूर है। सोनिया-राहुल और प्रियंका ही मेरे नेता हैं।
- ,सोनिया-राहुल और प्रियंका ही मेरे नेता
- नवजोत सिंह सिद्धू वापस लेंगे अपना इस्तीफा
- आज कुछ अहम घोषणाएं करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस चीफ पोस्ट से दिया गया अपना इस्तीफा वापस लेंगे। कांग्रेस आलाकमान से पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करने के निर्देश मिले हैं। नई दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद सिद्धू के तवेर नरम पड़ गये हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान का हर फैसला मंजूर है। सोनिया-राहुल और प्रियंका ही मेरे नेता हैं।
सिद्धू गुरुवार शाम नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी लीडरों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने पंजाब और प्रदेश कांग्रेस के संबंध में अपनी प्राथमिकताएं रखी हैं।उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर पूरा भरोसा है। वे जो भी निर्णय लेंगे, कांग्रेस और पंजाब की बेहतरी के लिए ही होगा। उनके निर्देशों को वह फॉलो करेंगे।
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का निर्णय उन्हें स्वीकार है। निर्देश स्पष्ट है कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करें और संगठनात्मक ढांचा तैयार करें। रावत ने कहा कि इस संबंध में कल औपचारिक घोषणा होगी।इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय में सिद्धू की कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई। इस दौरान सिद्धू की पंजाब सरकार से नाराजगी के अलावा प्रदेश में संगठन के विस्तार पर चर्चा हुई। पंजाब में नई कैबिनेट के शपथ लेने के बाद अब पार्टी हाईकमान का पूरा फोकस साढ़े चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। चुनाव से पहले सिद्धू को संगठन मजबूत करने की हिदायतें दी गई हैं।इस समय प्रदेश के कई विधायक और नेता पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में हैं। गुरुवार को ही सीएम चन्नी भी अमरिंदर से जाकर मिले। ऐसे हालात में इन लोगों को किस तरह संगठन में जोड़कर रखा जा सकता है, इस पर रावत और वेणुगोपाल सिद्धू के साथ बात की।
पंजाब में जनवरी 2020 से भंग कांग्रेस संगठन
पंजाब में कांग्रेस के संगठन के लिहाज से हालात खराब हैं। जनवरी 2020 में कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में सभी इकाइयों को भंग कर दिया था। हालांकि सुनील जाखड़ को प्रधान पद संभालते रहने के लिए कहा गया। लेकिन पंजाब में कांग्रेस के भीतर मची कलह को देखते हुए जाखड़ को हटा सिद्धू को प्रधान लगा दिया गया।सिद्धू ने जुलाई महीने में पंजाब कांग्रेस प्रधान का पद संभाला था। उन्होंने संगठन को मजबूत करने की बात कहते हुए पंजाब कांग्रेस भवन में ही बिस्तर लगाने की बात कही थी, मगर पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद से वह कांग्रेस भवन में नहीं गये।
संगठन बनाने की जगह सरकार से टकराते रहे सिद्धू
कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में नवजोत सिद्धू पर दांव खेलते हुए नए सिरे से सरकार का गठन किया। लेकिन नई सरकार के अस्तित्व में आते ही सिद्धू बगावत करने लगे। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव रहा। इसके बाद चरणजीत चन्नी सीएम बने तो डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को लेकर सीधा मोर्चा खोल दिया। यहां तक कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा भी दे दिया। सिद्धू के साथ नवनियुक्त जनरल सेक्रेटरी योगेंद्रपाल ढींगरा और कैशियर गुलजार इंदर चहल भी इस्तीफा दे गये। पंजाब में संगठन के नाम पर अब चार वर्किंग प्रधान और एक महासचिव परगट सिंह बचे हुए थे। इनमें भी वर्किंग प्रधान संगत सिंह गिलजियां और परगट मंत्री बन चुके हैं।