Niraj Singh Murder Case Dhanbad: नीरज सिंह मर्डर केस में 27 अगस्त को फैसला, संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को पेश करने का आदेश

कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर के मामले में आठ वर्ष चार माह बाद बुधवार को कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज डीसी अवस्थी की कोर्ट ने फैसले की तारीख 27 अगस्त तय की है।

Niraj Singh Murder Case Dhanbad: नीरज सिंह मर्डर केस में 27 अगस्त को फैसला, संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को पेश करने का आदेश
नीरज सिंह व फारचुनर (फ़ाइल फोटो)।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर के मामले में आठ वर्ष चार माह बाद बुधवार को कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज डीसी अवस्थी की कोर्ट ने फैसले की तारीख 27 अगस्त तय की है।

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कोर्ट ने 27 अगस्त को झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को पेश करने का निर्देश दिया है। जो आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं, उन्हें भी फैसले के समय कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। मामले में एक्स एमएलए समेत अधिकांश आरोपी अभी बेल पर बाहर हैं। अभियोजन पक्ष ने अपनी बहस के आखिरी दिन चश्मदीद गवाह आदित्य राज के मौका-ए-वारदात पर मौजूदगी के तर्क दिए। कहा कि आदित्य व एकलव्य सिंह अखबार में प्रकाशित एक फोटो में नीरज सिंह को गाड़ी से निकालते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने वारदात की सूचना इस केस के वादी अभिषेक सिंह को मोबाइल फोन से दी थी। वे जख्मी होने के बाद हॉस्पिटल में इलाजरत थे। गवाहों ने भी उनकी मौजूदगी की पुष्टि की है। वहीं, बचाव पक्ष ने दस्तावेजों के हवाले से कहा कि वारदात के समय आदित्य वहां मौजूद नहीं था।
कैमूर में साजिश, शूटरों ने की मर्डर:अभियोजन पक्ष
अभियोजन पक्ष ने पुलिस की चार्जशीट को सत्य बताते हुए कहा कि पूरी कहानी कोर्ट में प्रमाणित हो चुकी है। कहा गया कि नीरज सिंह की मर्डर की साजिश 11 फरवरी 2017 को बिहार के कैमूर में रंजय सिंह के श्राद्ध कर्म के दिन बनायी गयी थी। मौके पर उस दिन संजीव सिंह, संजय सिंह, डबलू मिश्रा, संजय सिंह, संतोष सिंह वहां मौजूद थे। रिंकू सिंह के कहने पर 21 मार्च 2017 की सुबह अमन सिंह धनबाद आया। शूटरों ने कुसुम बिहार में किराये का मकान लिया और वारदात को अंजाम दिया। आदित्य ने फायरिंग करनेवालों की पहचान की है। गवाहों ने संजीव को मौका-ए-वारदात से बाइक से सिंह मेंशन की ओर जाते देखा है। अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपियों को कड़ी-से-कड़ी सजा देने की प्रार्थना कोर्ट से की।
सीडीआर में आदित्य का लोकेशन गिरिडीह
बचाव पक्ष ने दस्तावेजों के आधार पर अभियोजन के तक को झूठ बताया। आदित्य के बारे में कहा कि वारदात के समय उसका टावर लोकेशन एक सीडीआर में गिरिडीह बताया गया है। कैमूर में षड्यंत्र रचने के तर्क पर कहा कि सीडीआर में सिर्फ बिहार लिखा है। उसी आधार पर संजीव को कैमूर में बताया जा रहा है। उसी सीडीआर में 21 मार्च 2017 को भी संजीव का लोकेशन बिहार बताया गया है, तो क्या वे उस दिन धनबाद में नहीं थे। तब तो अभियोजन का सारा मुकदमा ही झूठा है।
वादी के निजी अधिवक्ता को नहीं मिली बहस की अनुमति
कोर्ट में बादी अभिषेक सिंह की ओर से मौजूद वरीय अधिवक्ता समर श्रीवास्तव को बहस की अनुमति नहीं मिली। बचाव पक्ष ने इस पर आपत्ति -जताते हुए कहा कि उन्हें कोर्ट ने पहले भी बहस करने से रोका था। हाईकोर्ट ने भी इस तरह बहस पर रोक लगा रखी है। आखिरकार अदालत ने भी कहा कि समर सिर्फ अभियोजन पक्ष का सहयोग कर सकते हैं।
एक और सीडीआर सौंपने पर बचाव पक्ष का कड़ा विरोध
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को दो पन्ने का एक सीडीआर सौंपा। उसके जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि मौका-ए-वारदात पर पत्नी रागिनी सिंह के फोन के साथ संजीव सिंह मौजूद थे। बचाव पक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया। कहा कि यह फर्जी दस्तावेज है। इस पर कार्रवाई हो। आखिर में अभियोजन पक्ष ने मान लिया कि गलती हो गयी। सरायढेला स्टील गेट में 21 मार्च 2017 को सरायढेला के स्टील गेट में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर नीरज सिंह समेत चार लोगों को भून दिया गया था। सभी की मौके पर ही मौत हो गयी थी।
11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में थे झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह, आठ अगस्त 2025 को मिली है बेल
झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में है। संजीव सिंह बीते कई माह से बीमार चल रहे है। संजीव सिंह फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा रांची के रिनपास में इलाजरत हैं। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में जेल में बंद दर्जन भर आरोपितों में अब तक अधिकांश को बेल मिल चुकी है। मामले के आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह उर्फ धनजय सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान अली को सुप्रीम कोर्ट से बले मिल चुकी है।आरोपी राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि उर्फ मृत्युंजय गिरी, धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह व पंकज सिंह को हाईकोर्ट से बेल मिल गयी है।
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत सभी आरोपित जेल में थे बंद
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद थे। धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
फ्लैश बैक
एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भून दिया गया 
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से अत्याधुनिक आर्म्स से 70 से अधिक राउंड फायरिंग की गयी। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की लिखित कंपलेन पर ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48/2017 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह,अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी।ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं। 
केस के अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहींलगा पायी है। पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पायी है।