नाबालिग से रेप की कोशिश पर FIR न दर्ज करना पड़ा महंगा, इंस्पेक्टर को जज ने पॉक्सो एक्ट में भेजा जेल
उत्तर प्रदेश के प्रातापगढ जिले में नाबालिग से रेप की कोशिश की कंपलेन पर FIR न दर्ज करना यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया। पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज ने इंस्पेक्टर के ज्यूडिशियल कस्टडी में लेते हुए जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर राजकिशोर इस समय फतेहपुर एसपी के ऑफिस में रिट सेल के इंचार्ज हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रातापगढ जिले में नाबालिग से रेप की कोशिश की कंपलेन पर FIR न दर्ज करना यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया। पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज ने इंस्पेक्टर के ज्यूडिशियल कस्टडी में लेते हुए जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर राजकिशोर इस समय फतेहपुर एसपी के ऑफिस में रिट सेल के इंचार्ज हैं।
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यह है मामला
राजकिशोर दिसंबर 2016 में बाघराय के एसओ थे। एक महिला पुलिस स्टेशन पर कंपलेन लेकर आई थी। महिला का आरोप था 28 दिसंबर 2016 की सुबह सात बजे उसकी बेटी से पड़ोसी सनी ने रेप का प्रयास किया और मारपीट की। वह उलाहना लेकर आरोपित के घर गई तो उसके घरवालों ने पीटा। पुलिस स्टेशन मेंर रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। कहा गया कि दरोगा चुनाव में व्यस्त हैं। वह एएसपी से मिली तो एफआइआर दर्ज करने का आदेश हुआ।
एसओ राजकिशोर ने महिला को आठ जनवरी 2017 को पुलिस स्टेशन पर बुलाया और एक सादे कागज पर अंगूठा लगवा कर लौटा दिया। बाद में आकर एफआईआर की कॉपी ले लेना। वह 10 जनवरी को गई तो एनसीआर की प्रति थमा दी। बाद में एसपी ने समुचित धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन एसओ ने कार्रवाई नहीं की।
पीड़िता की मां ने पांच अगस्त 2017 को सनी, बचई, अर्जुन, अनारा देवी, बबली, पाले के साथ ही एसओ राजकिशोर को आरोपित बनाते हुए परिवाद दाखिल किया। इस मामले में राजकिशोर गुरुवार को पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज पंकज कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट में हाजिर हुए। न्यायालय ने उन्हें अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया।
अंतरिम जमानत अर्जी भी खारिज
इंस्पेक्टर राजकिशोर को अंतरिम जमानत देने के लिए पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज की कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई। उन्हें जमानत देने की शाम तक पैरवी होती रही। राजकिशोर को हर्ट की बीमारी होने का हवाला दिया गया। लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। अब बेल पिटीशन पर सुनवाई शुक्रवार 23 सितंबर को होगी।