बिहार में अब शराब पीने पर पकड़े जाने नहीं जाना होगा जेल, एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट ही दे देंगे बेल

बिहार गवर्नमेंट  2015 से स्टेट में प्रभावी शराबबंदी कानून में बदलाव किया है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए मद्य निषेध व उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीनेवाले लोगों को बेलके लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट ही बेल दे देंगे।

बिहार में अब शराब पीने पर पकड़े जाने नहीं जाना होगा जेल, एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट ही दे देंगे बेल
  • शराब पीने और बेचने वालों पर कार्रवाई का तरीका बदलेगा
  • नीतीश कैबिनेट ने बड़े बदलाव को दी मंजूरी

पटना। बिहार गवर्नमेंट  2015 से स्टेट में प्रभावी शराबबंदी कानून में बदलाव किया है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए मद्य निषेध व उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीनेवाले लोगों को बेलके लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट ही बेल दे देंगे।

मध्य प्रदेश: उज्जैन मे डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिरे बुजुर्ग की गुहार; 'जमीन दिलवा दो, आप ही हैं मालिक
किसानों से चना और मसूर की खरीदारी

संशोधित कानून प्रारूप को विधानमंडल के दोनों सदनों से मंजूरी दिलाने के लिए इसे बजट सेशन में ही पेश किया जायेगा। शराब पीनेवाले लोग जो पहली बार शराब पीते पकड़े गये तो उनको शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट के यहां मामूली फाइन लेकर बेल दे दी जायेगी।कैबिनेट की बैठक में गेहूं-धान के बाद अब राज्य के किसानों से चना और मसूर की खरीदारी करने का प्रस्ताव समेत कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

शराब के कारोबार में संलिप्त वाहनों की नीलामी

शराब के कारोबार में संलिप्त वाहनों का अब लैब रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद वीडियोग्राफी कराकर उसकी नीलामी की जायेगी। इसके पहले शराब के कारोबार में उपयोग लाये जानेवाले वाहनों को पकड़े जाने पर पहले राज्यसात करना पड़ता था। इसके कानूनी प्रक्रिया में विलंब होता था। अब इस प्रकार के वाहनों के नीलामी में कम समय लगेगा।संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि किसी वैसे वाहन जिनमें पहली बार शराब पकड़ी जाती है या उससे कारोबार नहीं किया जाता है तो उनके वाहन मालिक से एक निश्चित राशि लेकर छोड़ दिया जायेगा। जैसे किसी बस या प्राइवेट गाड़ी में एक दो बोतल शराब पकड़े जाने पर उससे फाइन लेकर छोड़ दिया जायेगा।
पहली बार सरकार साबूत चना और साबूत मसूर की खरीद करेगी। धान व गेहूं अधिप्राप्ति की तर्ज पर चना व मसूर की खरीद की जायेगी। इसके लिए नेफेड और एसएफसी के बीच एमओ किया जायेगा। स्टेट गवर्नमेंट  ने चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 52.30 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है।

50 माध्यमिक विद्यालयों में मॉडल लैब तैयार करने की स्वीकृति
कैबिनेट ने पटना यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 57 करोड़ की स्वीकृति दी है। पिछले कैबिनेट में पटना यूनिवर्सिटी के एकेडमिक भवन के लिए राशि जारी की गयी थी.।नये प्रशासनिक भवन के निर्माण के बाद पटना यूनिवर्सिटी के संरचना पूरी हो जायेगी।कैबिनेट की बैठक में स्टेट के 50 माध्यमिक विद्यालयों में मॉडल लैब तैयार करने की स्वीकृति दी गयी। मॉडल लैब की स्थापना के लिए आइआइटी पटना का सहयोग लिया जायेगा। आइआइटी पटना ही मॉडल लैब की स्थापना करेगी।
यूक्रेन से छात्रों की वापसी के लिए एक करोड़

कैबिनेट ने यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे बिहार के विद्यार्थियों की सकुशल वतन वापसी के लिए तत्काल प्रभाव से एक करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। छात्रों की वापसी के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को नोडल विभाग बनाया है।


चार जिलों में बिजली की मजबूत व्यवस्था 
कैबिनेट ने उर्जा विभाग के प्रोपोजल के बाद बांका जिले के 400 केवी ग्रिड से 220 केवी की संचरण लाइन बनाने की मंजूरी दी है। नई संचरण लाइन से भगलपुर, नवादा, मुंगेर और शेखुपरा जिलों को बिजली मिल सकेगी। इन जिलों को अब तक यहां एक स्रोत से बिजली आपूर्ति हो रही थी।अब दो स्रोत से आपूर्ति संभव हो सकेगी।

दूसरी बार होगा शराबबंदी कानून में संशोधन

बताया जाता है कि  संशोधन प्रारूप में शराब की बिक्री और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त नियमों को शामिल किया गया है। प्रारूप में स्पष्ट किया गया है कि बंदी के बावजूद शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आयेगी। इस प्रकार के धंधेबाज और तस्करों की की संपत्ति जब्त करने की अनुशंसा भी की गई है। इसी तरह ऐसा कोई भी पदार्थ जिसे शराब में बदला जा सके उसे मादक द्रव्य की श्रेणी में लाया जाएगा। कानून में संशोधन प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद शराब पीते पकड़े जाने वाले अभियुक्तों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट या इससे ऊपर की रैंक के अफसर करेंगे। शराब तस्करों और बड़े धंधेबाजों पर पहले की तरह कोर्ट में ही मामला चलेगा। बताया जाता है कि शराबबंदी कानून में दोबारा संशोधन किया जा रहा है।