PM नरेंद्र मोदी ने JDU प्रसिडेंट ललन सिंह को द्रौपदी मुर्मू के नॉमिनेशन में बुलाकर पहली लाइन में बिठाया
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रसिडेंट चुनाव के लिए एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू के नॉमिनेशन के दौरान नाम लेकर जेडीयू प्रसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को नाम लेकर आगे बुलाया। पहली लाइन में लगी कुर्सियों पर अपनी कुर्सी से एक कुर्सी बाद बीजेपी प्रसिडेंट जगत प्रकाश नड्डा के बगल में बिठाया।
- राजनीतिक अटकले तेज
- आरसीपी की जगह ले सकते हैं ललन
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रसिडेंट चुनाव के लिए एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू के नॉमिनेशन के दौरान नाम लेकर जेडीयू प्रसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को नाम लेकर आगे बुलाया। पहली लाइन में लगी कुर्सियों पर अपनी कुर्सी से एक कुर्सी बाद बीजेपी प्रसिडेंट जगत प्रकाश नड्डा के बगल में बिठाया।
नॉमिनेशन के दौरान पहली पंक्ति में मुर्मू के साथ पीएम मोदी के अलावा होम मिनिस्टर अमित शाह, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, जेपीनड्डा और ललन सिंह बैठे थे। कई राज्यों के सीएम व सेंट्रल मिनिस्टर इस दौरान दूसरी पंक्ति में बैठे नजर आये।पीएम मोदी द्वारा ललन सिंह को भाव देने से चर्चा का बाजार गर्मा गया है। राजनीतिक अटकले लगायी जा रही है।चर्चा है कि ललन सिंह को आरसीपी सिंह की जगह सेंट्रल मिनिस्टर बनाया जा सकता है।
पीएम की इस पहल से ललन सिंह की किस्मत बदलने की चर्चा शुरू हो गई है। पीएम द्वारा इस तरह बुलाकर आगे बिठाने से ललन सिंह का भाव चढ़ गया है। जेडीयू कोटे से नरेंद्र मोदी सरकार में स्टील मिनिस्टरआरसीपी सिंह का राज्यसभा टर्म सात जुलाई को पूरा हो रहा है। मिनिस्टर बने रहने के लिए उनको छह महीने के अंदर लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनना होगा जिसकी संभावना बहुत कम है। ऐसे में उन्हें इस्तीफा देना पड़ सकता है। आरसीपी गए तो उनकी जगह कौन का सवाल पैदा होगा जिसका जवाब ललन सिंह हैं।
सीएम नीतीश कुमार फैसला लेंगे कि जेडीयू से कोई मिनिस्टर बनेगा या नहीं
वैसे तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही इस फैसले को लेंगे कि जेडीयू से कोई मिनिस्टर बनेगा या नहीं। अगर बनेगा तो कौन लेकिन विशेषाधिकार पीएम मोदी का है। सब उनके हिसाब से ही होगा। सेंट्रल कैबिनेट में जेडीयू के मिनिस्टर्स के लिए बातचीत का काम पिछली बार नीतीश ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर आरसीपी सिंह के हाथ में छोड़ दिया था। वो अकेले मिनिस्ट बन गये।नीतीश कुमार को उम्मीद रही होगी कि आरसीपी जेडीयू के लिए कम से कम दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री जैसी डील करेंगे लेकिन आरसीपी सिंह के अकेले मिनिस्टर बनने के बाद से दोनों के रिश्ते बिगड़ते ही चले गये। नौबत यहां तक आ गई कि आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा का टिकट ने देकर नीतीश ने झारखंड के जेडीयू अध्यक्ष खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया।
एनडीए में बीजेपी के बाद जेडीयू ही दूसरे नंबर की पार्टी है। इस लिहाज से एनडीए कैंडिडेट के नॉमिनेशन में ललन सिंह को तवज्जो मिलना वाजिब बात है। लेकिन खुद पीएम नरेंद्र मोदी इतनी महीन औपचारिकता का ख्याल रखें और ललन सिंह को आस-पास ना देखकर ललन जी नाम लेकर बुलाएं। इशारा करें कि आपकी कुर्सी यहां है, ये बहुत खास बात है। ललन सिंह पीएम के बुलाने के बाद पीछे से आगे आकर और मोदी की दाहिनी ओर जेपी नड्डा के बाद वाली कुर्सी पर बैठ जाते हैं।