पटना हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाये नौ एक्युज्ड को किया बरी,खजूरबनी में जहरीली शराब से 20 लोगों की मौत मामला
पटना हाईकोर्ट ने गोपालगंज के खजूरबनी में जहरीली शराब से हुई मौत में नौ आरोपितों को फांसी की सजा से मुक्त कर दिया।कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में महिलाओं को भी उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया।
पटना। पटना हाईकोर्ट ने गोपालगंज के खजूरबनी में जहरीली शराब से हुई मौत में नौ आरोपितों को फांसी की सजा से मुक्त कर दिया।कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में महिलाओं को भी उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया।
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जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह एवं जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने खजूरबनी निवासी छठू पासी,कन्हैया पासी,नगीना पासी,लालबाबू पासी,राजेश पासी,सनोज पासी,संजय चौधरी, रंजय चौधरी एवं मुन्ना चौधरी को फांसी की सजा से मुक्त किया है। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा पानेवाली महिलाओं लालझरी देवी, कैलासो देवी, रिता देवी और इंदू देवी को सजा से मुक्त से मुक्त कर दिया है। अपीलकर्ता की ओर से एडवोकेट विकास रतन भारती ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने प्रक्रियात्मक त्रुटियां पाईं। गवाहों के परस्पर विरोधाभासी बयान एवं साक्ष्य का अभाव पाते हुए सभी को बरी कर दिया।जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने इन अभियुक्तों द्वारा दायर आपराधिक अपील और राज्य सरकार द्वारा लोअर कोर्ट से मिली मौत की सजा को पुष्टि करने के लिए दायर डेथ रेफरेन्स को एक साथ सुनते हुए यह आदेश दिया है।
खजूरबानी कांड
गोपालगंज नगर पुलिस स्टेशन के खजूरबानी में 15 व 16 अगस्त, 2016 को जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गयी थी। 10-12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी। पुलिस ने 16 और 17 अगस्त, 2016 को रेड करखजूरबानी में भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी। इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ कांड संख्या- 347/2016 के तहत FIR दर्ज करायी गयी थी। मामले में 19 लोगों की मौत के मामले में टाउन पुलिस स्टेशन के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर मामला दर्ज हुआ था। जहरीली शराब बेचने के मामले में कांड संख्या 346/2016 पुलिस के चार्जशीट किये जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान ही एक आरोपित ग्रहण पासी की मौत हो गयी। एडीजे-2 सह स्पेशल जज (उत्पाद) लवकुश कुमार के कोर्ट ने पांच मार्च, 2021 को 13 में से नौ दोषियों को फांसी और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। कोर्ट के फैसले के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया था।
मामले में कब-क्या हुआ
15 व 16 अगस्त, 2016 को जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत, 10-12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी।
16 और 17 अगस्त, 2016 को पुलिस ने रेड कर भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी।
14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी कांड संख्या- 347/2016 दर्ज करायी।
26 फरवरी, 2020 को 14 में से 13 लोगों को दोषी ठहराया गया था।
पांच मार्च, 2021 को 13 में से नौ दोषियों को फांसी और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा।