अफगानिस्तान से देश से लौटे लोग, लगे भारत माता की जय के नारे, CCS की बैठक, बोले पीएम- सुरक्षित निकाले जाएं सभी इंडियन
अफगानिस्तान में काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां खराब होते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारत वहां से अपने राजदूत और भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों को एक सैन्य विमान से मंगलवार को स्वदेश वापस ले आया। अफगानिस्तान पर तालिबान के हालात को लेकर मंगलवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई।
- हिंदू-सिखों और अफगानी नागरिकों को भी मिलेगी शरण
नई दिल्ली।अफगानिस्तान में काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां खराब होते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारत वहां से अपने राजदूत और भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों को एक सैन्य विमान से मंगलवार को स्वदेश वापस ले आया। अफगानिस्तान के हालात को लेकर मंगलवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई।
सोर्सेंज के अनुसार पीएम मोदी ने अफसरों को अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अफगानिस्तान से भारत आने के इच्छुक सिख, हिंदू अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
सोर्सेंज का कहना है कि पीएम मोदी ने अफसरों को अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने और अफगानिस्तान से भारत आने के इच्छुक सिख, हिंदू अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए कहा। पीएम ने अधिकारियों को भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
बैठक में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह, फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण, NSA अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, अफगानिस्तान में भारत के राजदूत आर टंडन सहित कई अन्य सीनीयर अफसर उपस्थित थे।
वापस लौटे काबुल में भारत के राजदूत रहे रुद्रेंद्र टंडन
भारत ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास को बंद कर राजदूत समेत वहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया है।IAF के विशेष विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से सभी लोगों को जामनगर होते हुए गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट लाया गया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि काबुल में लगातार खराब होते हालात को देखते हुए दूतावास को बंद करने और राजदूत समेत दूसरे कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया गया। दो फेज में इस काम को पूरा कर लिया गया है। दूतावास के सभी कर्मचारियों और अन्य भारतीयों को मंगलवार दोपहर नई दिल्ली ले आया गया है।
मिनिस्टरी ने कहा कि पहले भी अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के बारे में लगातार चेतावनी दी जा रही थी। वहां रहने वाले भारतीयों को जल्द से जल्द लौटने व दूसरे भारतीयों को वहां नहीं जाने की सलाह दी जा रही थी। कुछ दूसरे देशों के लिए काम करने वाले भारतीयों के अभी भी वहां होने की संभावना है। इनके बारे में सूचना उपलब्ध कराने के लिए विशेष टेलीफोन लाइन स्थापित की गई है। वापस लौटे काबुल में भारत के राजदूत रहे रुद्रेंद्र टंडन ने वहां के हालात को बयां किया। टंडन ने कहा कि काबुल में तेजी से हालात बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा काफी बड़ा मिशन था, जहां 192 लोग काम कर रहे थे। इन सभी को पिछले तीन दिनों में वापस लाया गया है। काबुल में हालात बिगड़ने के बाद कई भारतीयों ने दूतावास में शरण ली हुई थी, उन्हें भी लाया गया है। इसके बावजूद अभी भी कुछ भारतीयों के वहां फंसे होने की संभावना है। उन्हें कमर्शियल फ्लाइट से लाने की व्यवस्था हो रही है। एयर इंडिया अपनी कमर्शियल फ्लाइट जारी रखेगी, ताकि जो भारतीय आने चाहते हैं वो वापस आ सके।
राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों और कुछ फंसे भारतीयों सहित लगभग 150 लोगों को लेकर आया IAF का सी-17 विमान शाम लगभग पांच बजे स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन में उतरा। इससे पहले हिंडन आने के क्रम में यह विमान थोड़ी देर के लिए गुजरात के जामनगर स्थित वायुसेना स्टेशन में रुका। हिंडन वायुसेना स्टेशन में इन लोगों के पहुंचने का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि जो लोग वहां से सकुशल लौटे हैं वो 'भारत माता की जय' के नारे लगा रहे हैं। वीडियो में नजर आ रहा है कि उस वक्त वहां मौजूद अन्य लोग भी बड़ी ही उत्साह के साथ यह नारा लगा रहे हैं और हाथ हिला कर अफगान से आए भारतीयों का स्वागत कर रहे हैं।
इंडियन को वापस लाने के लिए अफगानिस्तान से भारत आने वाला दूसरा विमान है। इससे पहले, काबुल में हवाईअड्डा संचालन निलंबित होने से पहले एक अन्य सी-17 विमान के जरिए सोमवार को कुछ भारतीय दूतावास कर्मियों समेत करीब 40 लोगों को अफगानिस्तान से भारत लाया गया था। इस कार्य को काबुल हवाईअड्डे की सुरक्षा देख रहे अमेरिकी अधिकारियों के समन्वय से अंजाम दिया गया। यह दूसरी बार है जब भारत, काबुल स्थित अपने दूतवास के सभी कर्मियों को वापस लेकर आया है। इसी तरह की कवायद 1996 में तब की गई थी जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर पहली बार कब्जा किया था।