प्रसिडेंट इलेक्शन 2022: सबसे बड़ी लूजर रही कांग्रेस, 13 स्टेट में क्रॉस वोटिंग, 17 विपक्षी एमपी भी द्रौपदी मुर्मू के फेवर में
प्रसिडेंट इलेक्शन 2022 में बीजेपी ने एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को भारी अंतर से जीताकर विपक्ष की एकजुटता में जमकर सेंध लगाने में सफलता हासिल की है। चुनाव में असम से लेकर गुजरात तक जमकर क्रॉस वोटिंग हुई है। इसमें भी सबसे बड़ी लूजर कांग्रेस रही है।
- असम से गुजरात तक जमकर क्रॉस वोटिंग
नई दिल्ली। प्रसिडेंट इलेक्शन 2022 में बीजेपी ने एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को भारी अंतर से जीताकर विपक्ष की एकजुटता में जमकर सेंध लगाने में सफलता हासिल की है। चुनाव में असम से लेकर गुजरात तक जमकर क्रॉस वोटिंग हुई है। इसमें भी सबसे बड़ी लूजर कांग्रेस रही है।
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देश की पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को प्रसिडेंट बनाकर बीजेपी ने के चेहरे के आधार पर विपक्षी एकता में बड़ी सेंधमारी की है। मुर्मू के पक्ष में 13 स्टेट के 119 एमएलए के क्रॉस वोटिंग करने का दावा किया जा रहा है। खास तौर पर उन राज्यों में क्रॉस वोटिंग ज्यादा हुई है, जहां पर कांग्रेस सत्ता पक्ष या विपक्ष में है। 17 एमपी ने भी इस राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है।क्रास वोटिंग 2022, 2023 और 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस के लिए यह खतरे की घंटी है। मुर्मू की जीत के जश्न को भाजपा जिस तरह से देशभर में मना रही है, यह भी एक बड़ा राजनीतिक मैसेज है।
झारखंड में भी कांग्रेस को लगा झटका
असम में विपक्ष के 22 एमएलए ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाला है। इनमें 15-16 एमएलए कांग्रेस के हैं। वहीं गुजरात में सात, गोवा में तीन और राजस्थान में दो कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग का दावा है। झारखंड में द्रौपदी मुर्मू को कुल 70 वोट मिले हैं। कुल 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा को मात्र नौ वोट मिले हैं। यहां पर कुल 80 एमएए ने राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। बीजेपी एमएलए इंद्रजीत महतो बीमार होने के चलते वोट डालने नहीं पहुंचे थे। एनडीए को यहां पर 79 में से कुल 70 वोट मिले हैं। जबकि एनडीए यहां से 60 वोट मिलने की घोषणा की थी। इनमें 25 बीजेपी 30 झारखंड मुक्ति मोर्चा, दो अजसू, दो निर्दलीय और एक नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के एमएलए का वोट था। दूसरी तरफ यूपीए ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए झारखंड विधानसभा से 20 वोट पाने की घोषण की थी, इसमें से 18 कांग्रेस और आरजेडी व सीपीआई (एमएल) से एक-एक वोट की उम्मीद थी। यहां कांग्रेस के 10 एमएलए ने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है। इन हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि संयुक्त विपक्ष का फॉर्मूला नाकाम होता नजर आ रहा है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और विपक्ष के पास 100 एमएलए हैं। एमपी विपक्षी कैंडिडेट को 79 औक बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में 146 वोट मिले। बताया जा रहा है कि 19 एमएलए ने क्रॉस वोट किया है। छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी समाज का अच्छा प्रभाव है। यहां कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस के 69 एमएलए हैं, लेकिन यहां छह वोट भाजपा को अतिरिक्त मिले हैं। बताया जा रहा है कि छह विधायकों ने क्रॉस वोट किया है। इसमें से दो वोट कांग्रेस के भी शामिल हैं। महाराष्ट्र में16 विधायकों की ओर से क्रॉस वोट करने की खबर है। कांग्रेस और NCP अपने विधायकों को एकजुट नहीं रख पाई। UP में विपक्ष के 12 विधायकों की ओर से क्रॉस वोट करने का दावा किया जा रहा है। बिहार में छह, गोवा में चार, मेघालय में सात, अरुणाचल और हरियाणा में एक-एक एमएलए ने क्रॉस वोटिंग की।