कोलकाता से सेल आरएमडी ऑफिस बोकारो व राउरकेला शिफ्ट करने का विरोध व समर्थन शुरु
पश्चिम बंगाल के फाइनेंस मिनिस्टर अमित मित्रा ने कोलकाता से सेल आरएमडी ऑफिस को बंद करने और उसे राउरकेला व बोकारो में शिफ्ट करने के फैसले का विरोध किया है। अमित मित्रा ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लेटर लिखकर सेल बोर्ड को फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
- बंगाल के फाइनेंस मिनिस्टर ने सेंट्रल पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भेजा पत्र
- सेल की कोलियरियों को बोकारो व राउरकेला के अधीन करना समय की मांग: प्रवीर ओझा
धनबाद। पश्चिम बंगाल के फाइनेंस मिनिस्टर अमित मित्रा ने कोलकाता से सेल आरएमडी ऑफिस को बंद करने और उसे राउरकेला व बोकारो में शिफ्ट करने के फैसले का विरोध किया है।अमित मित्रा ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लेटर लिखकर सेल बोर्ड को फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
दुुर्गापुर और बर्नपुर यूनिट को होगी परेशानी
अमित मित्रा ने पेट्रोलियम मंत्री को लिखे पत्र में कहाया है कि आरएमडी यूनिट बंद करने के फैसले से बंगाल के दुर्गापुर और बर्नपुर यूनिट को कच्चे माल (लौह अयस्क) की सप्लाई का कोई स्रोत नहीं बचेगा। सेल आरएमडी (कोलकाता) के स्टाफ कोरोना संकट के समय बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इसे बंद करने का फैसला लिया गया तो बंगाल में स्थित दुर्गापुर और बर्नपुर स्टील प्लांट का काम हद तक बाधित होगा। इस फैसले पर फिर विचार करना चाहिए।
बंगाल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण फैसला
टीएमसी लीडर शुखेंदु शेखर रॉय नेकहा है कि आरएमडी की स्थापना बंगाल में स्थित देश के प्रमुख स्टील प्लांटों का सही तरीके से मैनेजमेंट करने के लिए किया गया था। वित्त वर्ष 2020- 21 में सेल ने लगभग 3,470 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया है। इस लाभ में आरएमडी (कोलकाता) ने भी अहम योगदान दिया है। इसके बावजूद सेंट्रल गवर्नमेंट ने आरएमडी को बंद करने का जो फैसला लिया हैवह बंगाल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रोडक्शन व माइनिंग होगा प्रभावित
सेल बोर्ड ने कोलकाता में डिवीजन हेडक्वार्टर को बंद करने कर राउरकेला स्टील प्लांट (ओडिशा) और बोकारो स्टील प्लांट (झारखंड) में शिफ्ट करने की बात कही है। ट्रेड यूनियन का कहना है सेंट्रल गवर्नमेंट के फैसले से कंपनी की प्रोडक्शन व माइनिंग का काम प्रभावित होगा।
सेल की कोलियरियों को बोकारो व राउरकेला के अधीन करना समय की मांग: प्रवीर ओझा
इंटक से सम्बद्ध कोलियरी कर्मचारी संघ के संयुक्त महामंत्री प्रवीर ओझा ने कहा है कि सेल के अधीन चलनेवाली कोलियरी व माइंस बोकारो व राउरकेला स्टील प्लांट से अटैच करनाकरना वक़्त का तकाजा है। कोलियरियों की मजबूती के लिए लम्बे समय से विकेन्द्रीकरण की ज़रूरत महसूस की जा रही थी।उन्होंने कहा कि कोलकाता आरएमडी से कोलियरियों की बेहतरी का कोई काम नहीं हो रहा था। कोलियरी डिवीजन में दो दर्जन जेनरल मैनेजर हैं लेकिन प्रोडक्शन ज़ीरो पर पहुंच गया था।सेल की कोलियरियों चासनाला ,जीतपुर, तासरा व रामनगर में अपार संभावनाएं हैं। 900 कि आसपास यहां स्थायी कर्मचारी हैं । अब तक लापरवाही के कारण पांच हजार असंगठित कामगारों के यहां चूल्हे बूझ गये थे। बोकारो के साथ इन कोलियरियों को अटैच करने से यह उम्मीद जगी है कि अब इस ओर ध्यान दिया जायेगा। ऐसे अभावग्रस्त लोगों को भी रोजगार के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुर्गापुर और बर्नपुर स्टील को रॉ मैटेरियल की कोई कमी नहीं होगी। इसके लिए सीसीएसओ अलग से है, जो वितरण व आपूर्ति देखता है। पहले भी कई बार ऐसी तब्दीली हुई लेकिन लौह अयस्क व कोयले की कमी कभी आड़े नहीं आई।