पंजाब: कांग्रेस विधायक दल ने नया CM चुनने का सोनिया को अधिकार दिया, बोले कैप्टन- सिद्धू देश की सुरक्षा के लिए खतरा
पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अगला सीएम बनने तक कैप्टन अमरिंदर सिंह कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ता्व पारित कर पार्टी विधायक दल का नया नेता व अगला सीएम चुनने का अधिकार पार्टी के नेशनल प्रसिडेंट सोनिया गांधी को सौंप दिया।
चंडीगढ़। पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अगला सीएम बनने तक कैप्टन अमरिंदर सिंह कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ता्व पारित कर पार्टी विधायक दल का नया नेता व अगला सीएम चुनने का अधिकार पार्टी के नेशनल प्रसिडेंट सोनिया गांधी को सौंप दिया।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश राय चौधरी के साथ पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे। बैठक में दो प्रस्ताकव पारित किये गये। पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के 80 में 78 विधायक मौजूद थे। बैठक में दो प्रस्ताबव पारित किये गये। एक प्रस्तामव में मुख्यकमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के तौर पर पंजाब व पार्टी की सेवा के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यठवाद किया गया। उम्मीाद जताई गई कि भविष्य में भी पार्टी को उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। दूसरे प्रस्ताईव में कांग्रेस विधायक दल के नये लीडर व सीएम के चुनाव करने का अधिकार कांग्रेस की राष्ट्री य अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया गया।
कैप्टन बोले- सिद्धू देश की सुरक्षा के लिए खतरा, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और आर्मी चीफ बाजवा से उनकी दोस्ती
चंडीगढ़। पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू की पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा से दोस्ती है। अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें पंजाब के सीएम का चेहरा बनाती है तो मैं इसका विरोध करूंगा, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।कैप्टन ने कहा कि मैं जानता हूं पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का कैसा संबंध है। पाकिस्तान का पीएम इसका दोस्त है, जनरल बाजवा के साथ इसकी दोस्ती है। सिद्धू तो बाजवे का साथ है, इमरान खान के साथ है। रोज हमारे कश्मीर में जवान मारे जा रहे हैं। आपको लगता है मैं सिद्धू के नाम को स्वीकार करूंगा। वो मेरा मंत्री था और उसे निकालना पड़ा। सात महीने तक अपनी फाइलें क्लियर नहीं की। क्या इस तरह का व्यक्ति जो एक विभाग नहीं संभाल सकता वो एक राज्य संभाल सकता है? सिद्धू कुछ नहीं संभाल सकता, मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं। वो पंजाब के लिए भयानक होने वाला है।
मेरा अपमान हुआ
कैप्टन ने कहा कि बार-बार विधायकों की बैठक बुलाकर साफ हुआ कि कांग्रेस हाईकमान को मुझ पर भरोसा नहीं है। मेरा अपमान हुआ है। इस्तीफा देने के बारे में मैंने सुबह ही फैसला कर लिया था। मैंने सोनिया गांधी से बात की और अपना इस्तीफा दे दिया। मैं दिल्ली कम जाता हूं। दूसरे बहुत जाते हैं, इसलिए वो वहां जाकर क्या कहते हैं, मुझे नहीं पता।
राजनीति में सारे रास्ते खुले
अमरिंदर ने कहा कि मैंने पंजाब व पंजाबियों के लिए मजबूती से काम किया है। मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि कौन सीएम बनता है और कौन क्या बनता है। कैप्टन ने कहा कि मैंने अभी इस्तीफा दिया और राजनीति में किसी तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। बीजेपी में शामिल होने के सीधे सवाल पर कैप्टन ने कहा कि राजनीति में कभी कोई रास्ता बंद नहीं होता। कैप्टन ने कहा कि मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
सिद्धू लेफ्ट चलें और मैं राइट, ऐसा मुमकिन नहीं
कैप्टन ने कहा कि मैंने पहले ही कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी को कह दिया था कि मुझे CM पद से मुक्त कर दें। सिद्धू लेफ्ट चलें और मैं राइट, ऐसे में मैं काम नहीं कर सकता था। हरीश रावत भी वहां मौजूद थे। कैप्टन ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा व तृप्त रजिंदर बाजवा को भी जवाब दिया कि मैंने 13 साल अकालियों के किए केस भुगते। उन्होंने मुझे असेंबली से निकाल दिया। मुझे लगता है कि वो झूठ बोल रहे हैं या उन्हें राजनीति नहीं आती।कैप्टन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में यह तीसरी बार हो रहा है कि एमएलए की बैठक बुलाई गई हो। दो बार एमएलए को दिल्ली बुलाया गया और उसके बाद अब विधायक दल की बैठक बुला ली गई। मैंने कांग्रेस हाईकमान को कहा कि मेरे ऊपर कोई शक है कि मैं सरकार नहीं चला सकता, तो बताएं। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी एमएलए के समर्थन की बात नहीं की। मैंने इस्तीफा दे दिया। जब मैंने सोनिया गांधी को कह दिया कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं, तो फिर विधायक दल की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी।'
सिद्धू टोटल डिजास्टर
कैप्टन ने कहा मैं सीएम के रुप में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ काम नहीं सकता। सिद्धू टोटल डिजास्टर हैं। उनमें कोई क्षमता नहीं है। एक विभाग को तो नहीं संभाल सके, पूरा पंजाब क्याक संभालेंगे। सिद्धू राष्ट्री य सुरक्षा के लिए खतरा हैं।उन्होंने कहा कि मैं ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्य क्ष सोनिया गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को बता दिया था मुझे नवजोत सिंह सिद्धू स्वी कार नहीं है। कैप्टन ने कहा,सीएम के रूप में मुझे नवजोत सिंह सिद्धू किसी सूरत में मंजूर नहीं है। वह व्यशक्ति टोटल डिजास्टर है। एक मिनस्ट्री तो संभाल नहीं पाया पूरा पंजाब कैसे संभालेगा। मंत्री रहते उसने अपने विभाग में पूरी गड़बड़ी फैला कर रख दी।कैप्टन ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अक्षम व्ययक्ति हैं। वह पूरी तरह डिजास्टर हैं। मैंने अपने इस्तीीफे के बारे में सोनिया गांधी से फोन पर बात की तो उन्होंरने कहा ' आइएम सॉरी अमरिंदर'।
किसानों के साथ, उन्हें नौकरी-मुआवजा दिया
कैप्टन ने कहा कि मैं पहले दिन से ही किसानों के साथ हूं। आंदोलन में मरे किसानों के परिवार को 5 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देने का मेरा ही प्रोग्राम था।
बीजेपी में जाने की अटकलें बरकरार
कैप्टन ने कहा कि जिन पर कांग्रेस हाईकमान को भरोसा हो, उसे CM बना दें। कैप्टन ने कहा कि फ्यूचर पॉलिटिक्स को लेकर मेरे पास कई ऑप्शन हैं। मुझे राजनीति में 52 साल हो गए। साढ़े 9 साल मैं मुख्यमंत्री रहा। बीजेपी में शामिल होने के बारे में कैप्टन ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन इससे कोई इनकार भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके साथ कई लोग जुड़े हुए हैं। मैं उनसे बात करूंगा और फिर आगे के बारे में सोचूंगा।
समर्थक एमपी, एमएलएव मिनिस्टर्स के संग बैठक
इस्तीफा देने से पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सिसवां फार्म हाउस से निकलकर अपनी सेक्टर दो स्थित अपनी सरकारी रिहायश पर पहुंचे थे। उन्होंने अपने समर्थक मंत्रियों ,विधायकों व सांसदों से मीटिंग की। इस मीटिंग में सांसद मोहम्मद सद्दीक, जसबीर सिंह डिंपा, मनीष तिवारी, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला भी मौजूद थे। मिनिस्टर विजय इंद्र सिंगला ,साधू सिंह धर्मसोत, डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी, राकेश पांडे, रमनजीत सिंह सिक्की, राजकुमार चब्बेवाल, राणा गुरमीत सिंह सोढी, ब्रह्म मोहिंदरा, नवतेज सिंह चीमा, तरसेम सिंह डीसी, रजिंदर सिंह, हरप्रताप सिंह अजनाला और केवल ढिल्लों भी बैठक में शामिल हुए।
कैप्टन ने राजभवन के बाहर मीडिया कर्मियों से ज्यादा बात नहीं की। इतना कहकर ही वह लौट गये। हालांकि उनके बेटे रणइंद्र सिंह ने कैप्टन के इस्तीफे को मुक्ति बताया। उन्होंने कहा कि स्टेट दीयां झांझरां लैह चुकियां ने (स्टेट की पायलें उतर चुकी हैं)।गवर्नर सौंपने के मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनकी एमपी वाइफ परनीत कौर, बेटा रणइंद्र सिंह, एमपी गुरजीत सिंह औजला ,चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार और मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल भी उनके साथ थे।