Rajasthan: करणपुर सीट से बीजेपी कैंडिडेट सुरेंद्रपाल सिंह टीटी की हार, मिनिस्टर पोस्ट से दिया इस्तीफा
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। करणपुर से बीजेपी कैंडिडेट व कृषि विपणन, इंदिरा गांधी नहर, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार गये हैं। कांग्रेस कैंडिडेट रूपिंदर सिंह कूनर ने सुरेंद्र पाल टीटी को 12570 वोटों से हरा दिया है।
जयपुर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। करणपुर से बीजेपी कैंडिडेट व कृषि विपणन, इंदिरा गांधी नहर, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार गये हैं। कांग्रेस कैंडिडेट रूपिंदर सिंह कूनर ने सुरेंद्र पाल टीटी को 12570 वोटों से हरा दिया है।
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चुनाव में हार जानेके बाद सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने मिनिस्टर पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। गवर्नर कलराज मित्र ने सीएम भजन लाल शर्मा की ओर से अग्रेषित राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्र पाल सिंह टीटी के त्यागपत्र को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस कैंडिडेट रुपिन्दर सिंह को 94,950 वोट मिले जबकि टीटी को 83,667 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट पिरथीपाल सिंह को 11940 वोट मिले।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में धमाकेदार जीत दर्ज कर सत्ता हासिल करनेवाली बीजेपी को करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में हार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस कैंडिडेट तत्कालीन विधायक गुरगुमीत सिंह के निधन के कारण इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान हुआ था जिसकी गिनती सोमवार को हुई। इस जीत के साथ ही राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा मेंकांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ कर 70 हो गई है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के 115 एमएलए हैं। टीटी के लिए यह लगातार दूसरी हार है। वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में वह तीसरेस्थान पर रहे थे।
चुनाव से पहले ही मिनिस्टर बनाये गये थे टीटी
बीजेपी ने करणपुर सीट से चुनाव लड़नेवाले टीटी को न केवल मंत्री बनाया बल्कि उन्हें विभाग भी आवंटित कर दिए थे। सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। उन्हेंकृषि विपणन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग तथा अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग दिया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था।