राम मंदिर निर्माण में आयेगा 1800 करोड़ रुपये का खर्च, 30 परसेंट से ज्यादा काम पूरा

अयोध्या मे रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पर लगभग 18 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगेष रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की सर्किट हाउस में हुई बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह अनुमान व्यक्त किया गया।मंदिर का 30 प्रतिशत से ज्यादा का काम पूरा हो चुका है। 

राम मंदिर निर्माण में आयेगा 1800 करोड़ रुपये का खर्च, 30 परसेंट से ज्यादा काम पूरा
  • श्राीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक में लिये गये कई अहम फैसले

लखनऊ। अयोध्या मे। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पर लगभग 18 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगेष रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की सर्किट हाउस में हुई बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह अनुमान व्यक्त किया गया।मंदिर का 30 प्रतिशत से ज्यादा का काम पूरा हो चुका है। 

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बैठक में तय किया गया कि राममंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी एवं जटायु जैसे श्रीराम के युग के महत्वपूर्ण पात्रों का उप मंदिर निर्मित किया जायेगा। बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की नियमावली को भी अंतिम रूप दिया गया।जो लंबे समय से प्रतीक्षित थी। यह जानकारी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने प्रेस कांफ्रेस दी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की रविवार को एक दिवसीय बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 18 सौ करोड़ हो सकती है। हालांकि यह राशि भी अंतिम नहीं है। यह बढ़ भी सकती है। फिलहाल टाटा इंजीनियरिंग कंसल्टेंट ( टीईसी) इसका आंकलन करने में जुटी है।  निर्माण के शुरूआत में कार्यदायी संस्था एलएण्डटी भी आकलन नहीं कर पा रही थी। बावजूद इसके कानूनी बाध्यताओं के चलते मंदिर निर्माण पर चार सौ करोड़ के खर्च का अनुमान किया गया था।

संस्था की नियमावली को भी अंतिम रूप दिया गया

ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि बैठक में संस्था की नियमावली को भी अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर कई बार चर्चा हुई। लोगों के सुझाव भी आए। फिलहाल अब स्वरूप स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में पहले सात अतिरिक्त मंदिरों के निर्माण का निर्णय लिया गया था। इनमें माता सीता, विघ्नहर्ता गणपति के अलावा महर्षि वाल्मीकि, निषादराज व माता शबरी के अलावा जटायू राज एवं गोस्वामी तुलसीदास प्रमुख थे।  भगवान राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ और महर्षि विश्वामित्र के साथ ऋषि अगस्त का भी पूजा स्थल बनवाये जाने का निर्णय लिया गया है।  सोमवार को मंदिर निर्माण समिति की भी बैठक होगी। इसके पहले पहले सत्र में मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र सहित अन्य ट्रस्टियों ने रामलला का दर्शन पूजन किया। मंदिर निर्माण का भी अवलोकन किया। बैठक में रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास दास भी शामिल हुए। 

भगवान राम के स्वरूप पर भी हुआ मंथन
श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी एवं उडप्पी स्थित पेजावर मठ पीठाधीश्वर व जगदगुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ ने बताया बैठक में राम मंदिर में भगवान के विग्रह के स्वरूप को लेकर भी विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि भगवान को विग्रह सफेद संगमरमर का होगी जिसकी ऊंचाई चार से पांच फिट होगी।बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास, महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्रदास एवं डा. अनिल मिश्र, जिलाधिकारी नितीशकुमार, महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास आदि सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी तथा टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के अधिकारी मौजूद रहे। जबकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के. परासरन, बिमलेंद्र मोहन मिश्र, स्वामी परमानंद एवं प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद बैठक से वीडियाे कांफ्रेंसिंग से जुड़े।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कहा जा रहा है कि मंदिर निर्माण का 30 प्रतिशत का काम पूरा हो चुका है। ट्रस्ट का मानना है कि इस हिसाब से मंदिर निर्माण का जो बजट बनाया गया था, उस लागत के अंदर ही मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर निर्माण में ट्रस्ट के सामने धन संबंधी कोई चुनौती आने की आशंका नहीं है। ट्रस्ट को मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान के अलावा अप्रत्यक्ष आय के रूप में दान और ब्याज से भी प्रचुर राशि मिल रही है।