गुमला जेल में हुई क्रिमिनलों की शराब पार्टी का खुफिया कैमरे ने खोला राज
गुमला जेल में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अन्य क्रिमिनलों द्वारा मनाई गई पार्टी में सामान फुलवाला गमला से जेल में इंट्री कराया गया था। फुलवाला गमला में डालकर शराब, सिगरेट, कैमरा और लगभग डेढ़ लाख रुपये के अलावा अन्य खाने पीने की सामानभेजा गया था।
गुमला। गुमला जेल में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अन्य क्रिमिनलों द्वारा मनाई गई पार्टी में सामान फुलवाला गमला से जेल में इंट्री कराया गया था। फुलवाला गमला में डालकर शराब, सिगरेट, कैमरा और लगभग डेढ़ लाख रुपये के अलावा अन्य खाने पीने की सामानभेजा गया था।
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डीसी ने टीम का गठन कर दिया जांच करने का निर्देश
गैंगस्टर सुजीत सिन्हा द्वारा जेल में शराब पार्टी की खबर 10 दिसंबर को सोसळ मीडिया व प्रिंट मीिडाय के माध्यम से सामने आयी थी। इसके बाद गुमवलाशिशिर कुमार सिन्हा ने टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया था। जील सुपरिटेंडट सुनील कुमार और प्रभारी कक्षपाल कालेश्वर राम की मौजूदगी में की जांच गई थी। जांच में पता चला पार्टी करने का प्लान कई दिन पहले से की गई थी। व्यवस्थित तरीके से इसके लिए जेल के लोगों से संपर्क साधा गया था। संभावना है कि जेल मैनेजमेंट के साथ सेटिंग की गयी होगी। तभी तो बाहर का सामान आसानी से जेल अंदर चला गया। जेल का सामान भी उपयोग के बाद जेल से बाहर निकल गया। यह जेल के तीन लेयर का सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।
कैनन कंपनी के कैमरे से पार्टी करने की फोटो खींची गयी
जेल के अंदर शराब पार्टी करने की फोटो बाहर से मंगाये गये कैनन कंपनी के कैमरे से खींची गई थी। बाहर से फलों के गमला के माध्यम से सामान अंदर आया था। लेकिन गमला के माध्यम से बाहर भेजना मुश्किल था। ऐसे में उस कैमरा को बाहर भेजने के लिए दूसरा हथकंडा अपनाया गया। जेल के भीतर उपयोग में लाने के बाद धोने के लिए बाहर ले जाने वाले कपड़े में कैमरे को छिपाकर आसानी से बाहर ले जाया गया। यह कैमरा सुजीत के सिन्हा के ड्राइवर विकास को मिला था। कहा जा रहा है कि उसने ही फोटो को वायरल कर दिया। पार्टी में फोटो खींचने का काम सूरज पंडित ने किया था।
जेल में पहुंचे डेढ़ लाख रुपये नहीं चला पता
जेल में पहुंचा डेढ़ लाख रुपया का जांच में पता नहीं चल सका। अफसरों द्वारा पूछताछ में यह बताया गया था कि नयेसाल के अवसर पर जेल में बंद कैदियों के बीच बांटा गया है। इस संबंध में पूछताछ करने पर किसी भी कैदी ने यह नहीं कहा कि उन्हें किसी तरह का रुपया मिला है। फोटो में दिख रहा रुपया का बंडल प्राप्त करने की बात सुजीत सिन्हा ने स्वीकारी है। लेकिन उसके सेल में जांच के क्रम में रुपया नहीं मिला। जांच टीम ने इस संबंध में कारा मैनेजमेंट पर सुविधा देने के नाम राशि पुरस्कार के रुप में प्राप्त करने की बात कही है। गुमला मंडल कारा में जिस तरीके से सामान अंदर ले जाने और अंदर से बाहर ले जाने का काम किया गया है यह जेल मैनेजमेंट की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है। जेल के भीतर के तीन लेयर सुरक्षा को खुद जेल अफसरों ने ही ध्वस्त करते हुए जेल मैन्यूल का उल्लंघन किया है।