झारखंड में लागू होगा छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल, जेएसबीसीएल होगा एक्टिव, अध्ययन दल ने सौंपी रिपोर्ट   

रखंड के उत्पाद राजस्व को सुधारने के लिए छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल लागू किया जायेगा। नई उत्पाद नीति लागू करने के लिए झारखंड के अधिकारियों के एक दल ने 12 से 14 जनवरी तक छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया है।

झारखंड में लागू होगा छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल, जेएसबीसीएल होगा एक्टिव, अध्ययन दल ने सौंपी रिपोर्ट    

रांची। झारखंड के उत्पाद राजस्व को सुधारने के लिए छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल लागू किया जायेगा। नई उत्पाद नीति लागू करने के लिए झारखंड के अधिकारियों के एक दल ने 12 से 14 जनवरी तक छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया है।

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झारखंड सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी में पेयजल और स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार, उत्पाद आयुक्त अमित कुमार, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बक्शी और उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह शामिल थे। इन अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री के मॉडल का अध्ययन किया और अपनी रिपोर्ट झारखंड सरकार को सौंप दी है। अब झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ मॉडल पर उत्पाद नीति लागू करने पर विचार कर रही है।

छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति से झारखंड सरकार प्रभावित 

छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति से प्रभावित होकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ सरकार से सलाह मांगी थी। इसके बाद सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने झारखंड सरकार के अधिकारियों को छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल पेश किया। इसके बाद झारखंड की उच्चस्तरीय कमेटी ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया और सीएसएमसीएल की ओर से किए जा रहे शराब के थोक और खुदरा व्यापार का अध्ययन कर रिपोर्ट सीएम हेमंत सोरेन को सौंप दी है। छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति के क्रियान्वयन और नियमों को अमलीजामा पहनाने का काम सीएसएमसीएल करता है। इसका नेतृत्व प्रबंध संचालक एपी त्रिपाठी करते हैं।

सीएसएमसीएल के प्रबंध संचालक एपी त्रिपाठी ने बताया कि शराब की ऑनलाइन डिलेवरी करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। यूनिक बार कोड बिलिंग सिस्टम की व्यवस्था भी अनूठी है। उन्होंने बताया कि झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू करने के लिए वहां के अफसरों के एक दल ने छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया है। अफसरों को छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग और सीएसएमसीएल की ओर से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। झारखंड में छत्तीसगढ़ का आबकारी मॉडल लागू होने पर छत्तीसगढ़ सरकार को भी करोड़ों की आय होगी।

सचिव विनय कुमार चौबे ने लिखी लेटर
छत्तीसगढ़ सरकार के सचिव विनय कुमार चौबे ने इस आशय के संबंध में एक चिट्ठी आबकारी विभाग के सचिव को लिखी है। उन्होंने इसमें लिखा है कि झारखंड राज्य के उत्पाद अधिकारियों के एक दल ने 12 से 14 जनवरी तक छत्तीसगढ़ राज्य के उत्पाद नीतियों और राजस्व संग्रहण संबंधी अध्ययन के लिए भ्रमण किया है। इस अध्ययन दल ने विभागीय आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट किया है कि दोनों राज्यों का उत्पाद राजस्व संग्रहण मॉडल भिन्न है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य का आबकारी राजस्व संग्रहण झारखंड राज्य से काफी ज्यादा है।लेटर में लिखा गया है कि उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में यह अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड जिन्हें मदिरा के खुदरा व्यापार का अनुभव है, उनके विशेषज्ञों से झारखंड राज्य के परिस्थितियों के अनुरूप अनुपालन योग्य परामर्शी सेवाएं प्रदान करने की कृपा की जाए। यदि सीएसएमसीएल के द्वारा इस संबंध में परामर्श सेवा देने पर सहमति दी जाती है तो परामर्शी शुल्क और अन्य संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जाए।

छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में होगा बदलाव
झारखंड सरकार देशी और विदेशी शराब का व्यापार साल 2010 में गठित झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी जेएसबीसीएल के माध्यम से करती थी। इसके बाद राजस्व में कमी आने पर उत्पाद विभाग ने नियमावली में बदलाव करते हुए निजी कंपनियों और व्यापारियों के लिए दरवाजा खोला था। अब एक बार फिर इस नीति में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बदलाव पर विचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में शराब का व्यापार राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। यहां शराब के थोक और खुदरा व्यापार पर सरकार का नियंत्रण है।इसमें निजी कंपनियों और व्यापारियों को शामिल नहीं किया गया है।

सीएसएमसीएल पूरे छत्तीसगढ़ में शराब की कुल 663 दुकानों का संचालन करता है। इन दुकानों के संचालन के लिए मैन पावर एजेंसी बहाल की गई है। सुरक्षा के लिए निजी सिक्योरिटी एजेंसी से काम लिया जा रहा है। नुकसान से बचने के लिए माल का बीमा भी कराया जाता है। शराब दुकानों के संचालन से पिछले वर्ष सीएसएमसीएल ने लगभग 4600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया था। मौजूदा संचालन व्यवस्था से सीएसएमसीएल ने सबसे अधिक 4900 करोड़ से अधिक का राजस्व हासिल किया है।
झारखंड में शराब कारोबार पर सिंडिकेट का कब्जा
छत्तीसगढ़ की शराब नीति को लागू किया जाता है तो एक बार फिर से शराब के थोक और खुदरा व्यापार पर सरकार का नियंत्रण होगा। जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट बिवरेज क़ॉरपोरेशन लिमिटेड) एक बार फिर से एक्टिव होगा। हेमंत सरकार की तरफ से थोक शराब नीति में बदलाव किया गया। 25 लाख रुपये का ननरिफनडेबल शुल्क लेकर थोक शराब नीति में हिस्सा लेने के लिए कारोबारियों को बुलाया गया।बड़ी रकम होने की वजह से कुछ ही शराब कारोबारी शामिल हो पाए। ऐसे में एक तय निती की तहत मिहीजाम और जामताड़ा का एक सिंडीकेट ने अधिकांश कारोबार पर कब्जा कर लिया। शराब थोक कारोबार में ज्यादातर कारोबारियों ने जो बैंक डिटेल्स डिपार्टमेंट को दिये हैं, वो संथाल परगना के बैंकों के हैं। झारखंड के 24 जिले में से 19 जिलों में शराब के थोक व्यापार का जिम्मा गोड्डा, जामताड़ा और दुमका के कारोबारियों को मिला है। शेष पांच जिलों में धनबाद और रांची से जुड़े बिजनसमैन को यह जिम्मा मिला है।