बेगूसराय के सोहन के लिए हजारीबाग की साहिला परवीन बन गई शालिनी, नौलखा मंदिर में रचायी शादी
बिहार के बेगूसराय में झारखंड हजारीबाग की एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से हिंदू रीति-रिवाज से शादी की है। साहिला परवीन ने शालिनी बनकर बेगूसराय के नौलखा मंदिर में सोहन कुमार के साथ नौलखा मंदिर में सात फेरे लिये।
पटना। बिहार के बेगूसराय में झारखंड हजारीबाग की एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से हिंदू रीति-रिवाज से शादी की है। साहिला परवीन ने शालिनी बनकर बेगूसराय के नौलखा मंदिर में सोहन कुमार के साथ नौलखा मंदिर में सात फेरे लिये।बेगूसराय के नौलखा मंदिर में बेगूसराय के फुलवड़िया पुलिस स्टेशन एरिया के निपानिया गांव के रहने वाले सोहन कुमार व शालिनी की विवाह के दौरान लड़के के फैमिली मेंबर उपस्थित थे। एरिया में इस विवाह की खूब चर्चा हो रही है।
लड़का और लड़की दोनों को करीब दो साल से जानते थे। हजारीबाग में एक निजी बैंकिंग कंपनी में साथ काम करने के दौरान सोहन व साहिला बीच पहले दोस्ती हुई। दोस्ती बाद में प्यार में बदल गयी। साहिला व सोहन ने जीवन साथी बनने का फैसला किया। साहेला परवीन एक दिन पहले ही सोहन के साथ हजारीबाग से बेगूसराय पहुंची थी। लड़के के परिवार वालों ने शादी समारोह में शिरकत की। सामाजिक संगठन जयमंगला वाहिनी के बैनर तले शादी संपन्न हुई। प्रेमी जोड़े ने बताया कि दोनों ने प्यार किया था और अब शादी की है।
शादी के बाद नवविवाहिता शालिनी और उसके प्रेमी सोहन ने कहा कि शादी को मान्यता देने के लिए वे औपचारिक रूप से कोर्ट मैरेज करेंगे। सामाजिक संगठन की ओर से कहा गया कि युवक सोहन ने उनसे अंतरधार्मिक विवाह कराने के लिए संपर्क साधा। मामले की जांच के बाद प्रेमी जोड़े को सहयोग दिया।सोहन से शादी रचाने के बाद साहेला परवीन अब शालिनी बन गई है। मजहब की दीवार तोड़कर एक-दूसरे के संग सात फेरे लेने के बाद यह प्रेमी जोड़ा काफी सुकून महसूस कर रहा है। इनके बीच पहले दोस्ती फिर प्यार हुआ तो धर्म-संप्रदाय के बंधन को दोनों ने तोड़ फेंका।
प्यार में नहीं देखा जाता धर्म
लड़की ने कहा कि प्यार में जाति-धर्म नहीं देखा जाता है। मुझे सोहन से प्यार हुआ और अब शादी की है। सोहन ने बताया कि हजारीबाग में नन बैंकिंग के काम के दौरान उसकी साहिला से दोस्ती हुई थी। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। इसके बाद दोनों ने शादी करने का मन बनाया।शादी के बाद प्रेमी जोड़ा काफी खुश है। जाति धर्म से ऊपर उठकर शादी को लेकर वे कहते हैं कि अगर लड़के को लड़की और लड़की को लड़का पसंद हो तो शादी में धर्म और जाति नहीं देखनी चाहिए।