Sharad Pawar ने NCP प्रसिडेंट पोस्ट से दिया इस्तीफा, पार्टी कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं

शरद पवार ने NCP प्रसिडेंट पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के प्रसिडेंट थे।

Sharad Pawar ने NCP प्रसिडेंट पोस्ट से दिया इस्तीफा, पार्टी कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं
पॉलिटिकल बायोग्राफी के मौके पर शरद पवार।

मुंबई। शरद पवार ने NCP प्रसिडेंट पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के प्रसिडेंट थे।

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दो मई को 12:45 बजे 82 साल के शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का प्रसिडेंट छोड़ने का ऐलान कर दिया। पवार ने कहा कि वो इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने इसकी वजह नहीं बताई है। पवार के ऐलान के बाद पार्टी कार्यकर्ता रोने लगे और उनसे फैसला वापस लेने की मांग करने लगे। अजित पवार ने कहा कि साहब अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को तैयार हो गये हैं। उन्होंने दो-तीन दिन का समय मांगा है।पवार ने अपनी चिट्‌ठी में लिखा- मैं पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ रहा हूं, सार्वजनिक जीवन से रिटायरमेंट नहीं ले रहा।चव्हाण सेंटर में मंगलवार को अपनी पॉलिटिकल बायोग्राफी 'लोक भूलभुलैया संगति' का विमोचन कर रहे थे। इस किताब के पन्ना नंबर 319 पर उन्होंने लिखा- महाविकास अघाड़ी की सरकार सिर्फ सत्ता का खेल नहीं थी। अन्य पार्टियों को दबाकर, अन्य पार्टियों का महत्व किसी ना किसी तरह से खत्म करके राजनीतिक वर्चस्व निर्माण करने वाली बीजेपी को यह करारा जवाब था। पवार ने लिखा- संघर्ष ना करते हुए उद्धवजी के इस्तीफा देने के कारण महाविकास अघाड़ी की सत्ता को पूर्ण विराम मिला।संघर्ष ना करते हुए उद्धवजी के इस्तीफा देने के कारण महाविकास अघाड़ी की सत्ता को पूर्ण विराम मिला।

देश में एनसीपी के नौ एमपी, तीन स्टेट में 57 एमएलए
NCP के देश में अभी नौ सांसद हैं। इनमें लोकसभा के पांच और राज्यसभा के चार मेंबर शामिल हैं। वहीं, देशभर में पार्टी के 57 एमएलए हैं। महाराष्ट्र में 54, केरल में दो और गुजरात में एक एमएलए शामिल हैं। वहीं, देशभर में पार्टी के 20 लाख कार्यकर्ता हैं।

लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का हिस्सा
शरद पवार ने इस्तीफे में लिखा, 'मेरे साथियों! मैं NCP के प्रेसिडेंट का पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सामाजिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन गया है। मैं पब्लिक मीटिंग और कार्यक्रमों में शामिल होता रहूंगा। मैं पुणे, बारामती, मुंबई, दिल्ली या भारत के किसी भी हिस्से में रहूं, आप लोगों के लिए हमेशा की तरह उपलब्ध रहूंगा। लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए मैं हर वक्त काम करता रहूंगा। लोगों का प्यार और भरोसा मेरी सांसें हैं। जनता से मेरा कोई अलगाव नहीं हो रहा है। मैं आपके साथ था और आपके साथ आखिरी सांस तक रहूंगा। तो हम लोग मिलते रहेंगे। शुक्रिया।'
पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ रहा हूं, सार्वजनिक जीवन से रिटायरमेंट नहीं ले रहा
महाविकास अघाड़ी की सरकार बीजेपी को देश में मिली सबसे बड़ी चुनौती थी। यह सरकार अस्थिर करने का प्रयास होगा, इसकी कल्पना मुझे थी। हम हमारे लेवल पर इसे हैंडल करने में सक्षम थे, लेकिन उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने से शिवसेना में तूफान आएगा, इसका हमें अंदाजा नहीं था। यह असंतोष खत्म करने में शिवसेना नेतृत्व (उद्धव और आदित्य) कम पड़ा। संघर्ष ना करते हुए उद्धवजी के इस्तीफा देने के कारण महाविकास अघाड़ी की सत्ता को पूर्ण विराम मिला।