Uttar Pradesh: संभल में 46 साल बाद खुला मंदिर का ताला, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किये दर्शन-पूजन

उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम बहुल खग्गू सराय में 46 साल से बंद बजरंगबली के मंदिर के खुलने के साथ ही दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रविवार सुबह यहां कपाट खुलने से पहले ही पूजा करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह की आरती की गयी।

Uttar Pradesh: संभल में 46 साल बाद खुला मंदिर का ताला, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किये दर्शन-पूजन
46 साल बाद मंदिर में हनुमान जी की हुई पूजा।
  • हुई आरती, शिवलिंग पर जलाभिषेक
  • डीएम और एसपी ने खग्गू सराय इलाके में 46 साल से बंद पड़े शिव मंदिर का ताला खुलवाया
  • जर्जर मंदिर में शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्तियां मिलीं 
  • मंदिर की ऐतिहासिकता जानने के लिए जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को पत्र लिखा 

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम बहुल खग्गू सराय में 46 साल से बंद बजरंगबली के मंदिर के खुलने के साथ ही दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रविवार सुबह यहां कपाट खुलने से पहले ही पूजा करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह की आरती की गयी।
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वर्ष 1978 के दंगे के बाद यह पहला मौका था, जब मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की गई। आरती के साथ हनुमान चालीसा का पाठ और रुद्राभिषेक भी किया गया। डीएम और एसपी ने भी पूजा की। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा की। पंडित शशिकांत शुक्ला को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। रविवार को मंदिर के कपाट खुलने के इंतजार में सुबह छह बजे से ही श्रद्धालु धूप, जल का लोटा और फूल लेकर जुट गये।। 6:20 बजे पंडित शुक्ला ने मंदिर के कपाट खोले। गर्भ गृह की साफ-सफाई की। धूप-दीप प्रज्जविलत करने और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ ही नंदी महाराज व माता पार्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। घंटे घड़ियालों और शंख की आवाज गूंजने लगी। सर्वप्रथम भगवान गणेश की आरती हुई। इसके बाद भगवान शंकर और हनुमानजी की आरती की गई। आरती के बाद लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।

शनिवार को मंदिर का खुला था ताला
डीएम व एसपी के नेतृत्व में बिजली चेकिंग के लिए संभल में अभियान चलाये जा रहे हैं। सघन चेकिंग अभियान के दौरान नखासा पुलिस स्टेशन एरिया के मुहल्ला दीपा सराय से सटे खग्गू सराय में स्थित एक मंदिर पर लटके ताले को देख डीएम-एसपी रुके और ताला खुलवा कर देखा तो उसके में मंदिर नजर आया। शिव मंदिर पर ताला लगा था। ताला तुड़वाकर देखा, तो अंदर हनुमानजी की मूर्ति और शिवलिंग था। मौके पर मौजूद एएसपी श्रीश चंद्र व सीओ अनुज चौधरी जूते उतार कर अंदर पहुंचे। शिवलिंग के आसपास से मलवा हटाकर साफ सफाई की। यहां पूर्व में चढ़ाये गये कुछ सिक्के भी मिले।

मंदिर के कुएं को खुलवाने के लिए नगर पालिका को आदेश
मंदिर में शिवलिंग और हनुमान जी को नमन करते हुए घटा बजाकर भगवान की जय-जयकार की। मौके पर तमाम लोंगों की भी एकत्र हो गई। मौके पर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने कुछ लोगों से जानकारी की तो पता लगा कि पहले यहां हिंदू आबादी थी, लेकिन फिर यह इलाका मुस्लिम आबादी से भर गया। लोगों के मकानों में आग लगा दी गयी। उनके घरों व जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद हिंदुओं ने मंदिर में जाने का साहस नहीं किया। शनिवार को नगर पालिका की टीम को बुलाकर मंदिर पर हुए अवैध कब्जे को हटाने और कुएं को खुलवाने के लिए नगर पालिका को आदेश दिया।

1978 में हुआ था सांप्रदायिक दंगा 
नगर हिन्दू सभा के संरक्षक विष्णु सरन रस्तौगी ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी हुआ करती थी। लेकिन 1978 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान कई हिंदू घरों में आग लगा दी गई। डर के चलते हिंदू परिवारों ने यहां से पलायन कर दिया।  हिंदू आबादी वाले इलाके में बस गये। उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन कीर्तन हुआ करता था।

मंदिर के बराबर में ही एक कुआं है। जिसको अकील अहमद ने पाट दिया। मंदिर मुस्लिम आबादी में होने के चलते उस पर कब्जा कर मकान में मिला लिया है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंदिर के बारे में पूरी जानकारी ली और मंदिर को पुनः पुराने स्वरूप में लौटाने की बात कही है। मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए कदम उठाने की बात कही। इसके साथ ही मंदिर के पास स्थित कुआं को भी साफ कराकर उसका सुंदरीकरण कराने को कहा है।

मंदिर की ऐतिहासिकता के लिए एएसआइ को लिखा पत्र 
शिव मंदिर लगभग पांच सौ साल पुराना माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसकी ऐतिहासिकता जानने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को पत्र लिखा है। डीएम का कहना है कि कार्बन डेटिंग के बाद मंदिर के बारे में पता चल सकेगा कि वह कितना पुराना है। इसके बाद उसके निर्माण कराने वाले के बारे में भी जानकारी की जायेगी। एएसआइ मेरठ सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद रावत ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार को ऑफिस खुलने के बाद टीम भेजने के बारे में विचार करेंगे।