यूपी: पिता जेल में,मां ने छोड़ दिया, ऐसे जीता है जिंदगी, कुत्ते के साथ फुटपाथ पर सोता है 10 साल का अंकित
10 साल के अंकित का पिता जेल में हैं। मां ने बेटे को छोड़ दिया है। अंकित फुटपाथ पर सोते फोटो वायरल होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। प्रशासन की ओर से अंकित को फिलहाल सहारा मिल गया है।
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया संज्ञान, मिला सहारा
मुजफ्फरनगर। 10 साल के अंकित का पिता जेल में हैं। मां ने बेटे को छोड़ दिया है। अंकित फुटपाथ पर सोते फोटो वायरल होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। प्रशासन की ओर से अंकित को फिलहाल सहारा मिल गया है।
लगभग एक पखवाड़े पहले कड़ाके की ठंड में एक बंद दुकान के बाहर फुटपाथ पर पतला कंबल ओढ़े अंकित व उसके कुत्ते डैनी की सोते हुए फोटो किसी ने क्लिक कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इसके बाद सीएम योगी ने भी संज्ञान लिया। उनके निर्देश पर मुजफ्फरनगर प्रशासन बच्चे का पता लगाने की कोशिशों में जुट गया। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव की कोशिशों से पुलिस वालों ने अंकित को खोज निकला।अब वह पुलिस की देखरेख में है।
अंकित को याद नहीं कि वह कहां का रहने वाला है। वह केवल इतना जानता है कि पिता जेल में हैं और मां ने उसे छोड़ दिया है। अंकित कभी गुब्बारे बेचकर तो कभी चाय की दुकान पर काम करके अपने एकमात्र फ्रेंड डैनी के साथ फुटपाथ पर सोता है। डैनी कोई और नहीं रोड पर घूमने वाला एक कुत्ता है। डैनी अंकित के साथ सोता ही नहीं है, हमेशा उसके साथ रहता भी है। अंकित का जीवन पिछले काफी समय से डैनी के साथ ही कट रहा है। अंकित जो भी कमाता है, उससे खुद और डैनी का पेट भरता है। बताया जाता है कि अंकित जिस दुकान पर कई बार काम कर चुका है उसके मालिक के अनुसार जब तक वह काम करता है उसका कुत्ता एक कोने में बैठा रहता है।दुकानदार का कहना अंकित स्वाभिमानी है। वह मुफ्त में कुछ नहीं लेता है। अपने कुत्ते के लिए दूध भी फ्री में नहीं लेता है।
मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि अब अंकित पुलिस की देखरेख में है। हम उसके फैमिली वालों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उसकी फोटो आसपास के जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशन में भेजी गई हैं। एसएसपी ने कहा कि हमने जिला महिला और बाल कल्याण विभाग को भी सूचित किया है।कोतवाली पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनिल कापरवान के अनुसार फिलहाल अंकित शीला देवी नामक एक महिला के साथ रह रहा है। अंकित महिला से पहले से परिचित है। उसे बाई कहता है। जब तक अंकित के फैमिली वालों के बारे में ठीक-ठीक पता नहीं चल जाता वह यहीं रहेगा। उसका एक प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करवा दिया गया है। लोकल पुलिस के अनुरोध पर स्कूल मैनेजमेंट उसे फ्री एजुकेशन देने पर भी सहमत हो गया है।