यूपी: Hathras Case, स्टेट को जातीय संघर्ष की आग में झोंकने के लिए मॉरीशस से हुई 50 करोड़ रुपये फंडिंग,ईडी की जांच में खुलासा
उत्तर प्रदेश के हाथरस केसको लेकर स्टेट को जातीय संघर्ष की आग में झोंकने की साजिश थी। इसके लिए मॉरीशस से हुई 50 करोड़ रुपये फंडिंग हुई है।,ईडी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के कई सदस्यों व संदिग्धों के बैंक अकाउंट में राशि भेजी गयी। संबंधित अकाउंट की जांच भी शुरू हो गई है।
- ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पीएफआइ से संबंधित बैंक अकाउंट में में मॉरिशस से 50 करोड़ रुपये आये
- 100 करोड़ रुपये से अधिक रुपये की थी पूरी फंडिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस केसको लेकर स्टेट को जातीय संघर्ष की आग में झोंकने की साजिश थी। इसके लिए मॉरीशस से हुई 50 करोड़ रुपये फंडिंग हुई है।,ईडी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के कई सदस्यों व संदिग्धों के बैंक अकाउंट में राशि भेजी गयी। संबंधित अकाउंट की जांच भी शुरू हो गई है।
पुलिस और ईडी ने पीएफआई के यूपी में एक्टिव रहे कई मेंबरोंऔर कुछ अन्य संगठनों से जुड़े लोगों की जानकारी हासिल की है। अब उनकी गतिविधियों के साथ ही बैंक अकाउंट्स की छानबीन शुरू की गयी है। ईडी की प्रारंभिर जांच में पता चला है कि पीएफआइ से संबंधित बैंक अकाउंट में मॉरिशस से 50 करोड़ रुपये आये थे। पूरी फंडिंग 100 करोड़ रुपये से अधिक रुपये की थी। ईडी व पुलिस से जांच में संदिग्धों से जुड़ी अन्य जानकारियां भी जुटा रही है।विदेश से फंडिंग की जांच में जुटे ईडी के के सीधे निशाने पर पीएफआइ समेत कुछ अन्य संगठन के पदाधिकारी हैं। ईडी ने मथुरा में पकड़े गये कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन के चार सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआइआर का डिटेल भी जुटाया है। माहौल बिगाड़ने की साजिश के केंद्र में रही वेबसाइट के बारे में तकनीकी ब्योरा जुटाने के लिए संबंधित कंपनियों से संपर्क साधा गया है। बताया जाता है कि ईडी एक वेबसाइड के जरिए माहौल बिगाड़ने की साजिश व इसके लिए विदेश से फंडिंग के मामले में जल्द मनी लांड्रिंग के तहत केस भी दर्ज करेगी।
हाथरस में देशद्रोह, कोविड-19 की गाइडलाइन व धारा-144 का उल्लंघन समेत अन्य सेक्शन में दर्ज एफआइआर में आरोपितों को चिंह्नित करने की पहल शुरू हो गई है। मथुरा में सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे मांट टोल पर पकड़े गये कैम्पस आफ फ्रंट इंडिया के चारो संदिग्ध के खिलाफ राजद्रोह और समाज में वैमनस्यता फैलाने की धारा बढ़ाई गई है। पहले केवल शांति भंग की कार्रवाई हुई थी। बताया जाता कि पुलिस ने संदेह के दायरे में आए कई लोगों से भी लंबी पूछताछ भी की है। हाथरस मामले में पिछले दो दिनों में पुलिस ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है। माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर 19 एफआइआर भी दर्ज कराये गये हैं। वीडियो फोटो से आरोपितों को चिन्हित कर जल्द उन पर कानूनी शिकंजा कसने के कड़े निर्देश दिये गये हैं। यूपी पुलिस का दावा है कि हाथरस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी फैलाई गई, जिसके कारण माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। एक जाति से दूसरी जाति में लड़ाई करवाने की कोशिश की गई।
फ्लैश बैक
हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित युवती से चार लड़कों ने कथित रूप से गैंग रेप के बाद उसकी गला दबाकर मर्डर करने की कोशिश की। युवती को पहले जिला हॉस्पीटल और फिर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया।लेकिन तबीयत में सुधार न होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पीटल में शिफ्ट किया गया था, जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। पुलिस ने आननफानन रात में युवती का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद पूरे मामले में हंगामा मच गया।जब इस घटना के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों में आक्रोश देखने को मिला।