उत्तर प्रदेश: STF ने बाहुबली मुख्तार अंसारी बुलेट प्रुफ एम्बुलेंस मामले ड्राइवर सलीम लखनऊ से किया अरेस्ट
यूपी एसटीएफ को मंगलवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी के बीपी एंबुलेंस एम्बुलेंस प्रकरण में एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने एम्बुलेंस के ड्राइवर सलीम को मंगलवार शाम एक एनकाउंटर के दौरान लखनऊ से अरेस्ट कर लिया। सलीम पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
लखनऊ। यूपी एसटीएफ को मंगलवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी के बीपी एंबुलेंस एम्बुलेंस प्रकरण में एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने एम्बुलेंस के ड्राइवर सलीम को मंगलवार शाम एक एनकाउंटर के दौरान लखनऊ से अरेस्ट कर लिया। सलीम पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
एसटीएफ की टीम की पूछताछ में सलीम ने मुख्तार से करीबी संबंध होने का खुलासा किया है।उसने मुख्तार गैंग का हिस्सा होने की बात भी स्वीकारी। पुलिस की ओर से बाराबंकी में दर्ज केस में मुख्तार के ड्राइवर सलीम, सुरेंद्र के साथ उसके खास गुर्गे अफरोज समेत 10 लोग नेम्ड हैं। इसमें सलीम व सुरेंद्र ही मुख्तार की गाड़ी चलाते थे। गाजीपुर के मुहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन एरिया के मंगल बाजार वार्ड नं 12, युसूफपुर निवासी सलीम पुत्र स्व. बदरूद्दीन मऊ विधायक मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी है।वाराणसी की एसटीएफ टीम ने लखनऊ में पायनियर स्कूल के पास पुलिस स्टेशन एरिया जानकीपुरम से कार्रवाई के दौरान मुख्तार अंसारी गैंग के एक्टिव मेंबर और उसकी एम्बुलेंस का ड्राइवर सलीम को दबोचा।
एसटीएफ की पूछताछ पर सलीम ने बताया कि लगभग 20 वर्षों से मुख्तार अंसारी के साथ जुड़ा हूं। इससे पहले मुख्तार अंसारी के चचेरे ससुर एवं नन्द किशोर रूंगटा किडनैपिंग में वांछित अताउर्रहमान उर्फ बाबू की कार चलाता था। मेरे अलावा फिरोज, सुरेन्द्र शर्मा तथा रमेश भी मुख्तार के ड्राइवर हैं। पंजाब के रोपड़ जेल से लोकल कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी की एम्बुलेंस चर्चा में आई थी। यूपी नंबर की एम्बुलेंस से पंजाब में पेशी की खबर के बाद यूपी सरकार गंभीर हो गई और उसकी जंच शुरू हुई। पता चला कि बाराबंकी आरटीओ में उसका रजिस्ट्रेशन कराया गया था। बाराबंकी के तत्कालीन एआरटीओ को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
पुलिस ने एम्बुलेंस केस में मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को अरेस्ट किया था। एम्बुलेंस के फर्जी रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों पर डॉ. अलका राय से साइन कराने वाले मऊ के राजनाथ यादव को पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। इन सभी पर फर्जी कागजात के आधार पर एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप है। इसी के बाद इस केस में मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था।
उल्लेखनीय है रफी नगर मोहल्ला के मकान संख्या 56 के आधार पर एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन एआरटीओ ऑफिस में करवाया गया था। आरोप है कि वह उस जगह नहीं बल्कि उसके निकट मोहल्ला अभय नगर में मकान संख्या 56 स्थित है, जिसमें प्रदीप मिश्रा का परिवार वर्षों से रह रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि जो एम्बुलेंस यूपी 41 एटी 7171 जो उक्त पते पर रजिस्टर्ड कराई गई वह पता फर्जी निकला। पुलिस ने यह आरोप लगाया कि अलका राय का परिचय मुख्तार अंसारी से था और श्याम संजीवनी हास्पिटल के लिए एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में फर्जी पते पर कराया, जोकि मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब में प्रयोग हो रही थी।