यूपी: बलिया में प्राइमरी स्कूल के टीचर नहीं हल कर पाये मैथ का सवाल, क्लास सिक्स के स्टूडेंट ने 10 सेकेंड में दिया जवाब
यूपी के बलिया के एक प्राइमरी स्कूल के टीचर की डीएमके सामने पोल खुल गई। डीएम ने मैथ के भिन्न का एक सवाल टीचर से पूछा तो पहले वह खुद को सैाइंस टीचर बता कर बचने की कोशिश की लेकिन जब डीएम ने कहा यह तो बेसिक सवाल है तो उन्हें इसका जवाब देना पड़ा। गलत उत्तर सुन कर डीएम नाराज हो गये। इस बाद डीएम वही सवाल एक क्लास छह से स्टूडेंट से पूछा तो उसने दस सेकेंड में जवाब दे दिया।
लखनऊ। यूपी के बलिया के एक प्राइमरी स्कूल के टीचर की डीएमके सामने पोल खुल गई। डीएम ने मैथ के भिन्न का एक सवाल टीचर से पूछा तो पहले वह खुद को सैाइंस टीचर बता कर बचने की कोशिश की लेकिन जब डीएम ने कहा यह तो बेसिक सवाल है तो उन्हें इसका जवाब देना पड़ा। गलत उत्तर सुन कर डीएम नाराज हो गये। इस बाद डीएम वही सवाल एक क्लास छह से स्टूडेंट से पूछा तो उसने दस सेकेंड में जवाब दे दिया।
बलिया के डीएम श्रीहरि प्रताप शाही विकास कार्यों का जायजा लेन बुधवार को नौरंगा गांव पहुंचे थे। डीएम वहां चौपाल लगाकर वह लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान प्राइमरी व हाइ स्कूल में पठन-पाठन की भी जानकारी ली। डीएम ने वहां प्राइमरी स्कूल के टीचर गिरजा शंकर पांडे को भिन्न का एक सवाल दिया। टीचर उसे हल नहीं कर पाए। उसी सवाल को ग्रामीणों भीड़ में मौजूद छठवीं क्लास के स्टूडेंट अर्जुन ने महज दस सेकेंड में बता दिया।
1/2 तथा 4/5 में कौन संख्या बड़ी?
डीएम ने क्लास छह में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट अर्जुन को बुलाया और पूछा कि 1/2 तथा 4/5 में कौन संख्या बड़ी है और कौन छोटी? अर्जुन ने महज 10 सेकंड में ही सही जबाव दे दिया। डीएम भी आश्चर्यचकित हो गये। उन्होंने स्टूडेंट की पीठ थपथपाते हुए मिठाई भी खिलाई। डीएमने स्कूल में टीचर की उपस्थिति के बारे में गांव वालों से पूछा तो उप्रावि भुवाल छपरा पर सहायक अध्यापक गिरिजा शंकर की गांव वालों ने शिकायत कर हटाने की मांग की। डीएम ने उक्त शिक्षक को तलब किया और वही सवाल उनसे पूछा जो छात्र से पूछा था। डीएम ने उनसे पढ़ाई के बारे में पूछा तो सहायक अध्यापक ने खुद को साइंस का टीचर बताया। इस डीएम ने न्यूटन का नियम व आर्किमीडिज का सिद्धांत बताने को कहा। शिक्षक इसका भी जवाब नहीं दे पाए।
'अच्छा हुआ आपने बच्चों को नहीं पढ़ाया'
एमएससी डिग्रीधारी टीचर से आहत डीएम ने गुस्से में कहा कि अच्छा ही हुआ कि आपने बच्चों को नहीं पढ़ाया। यदि पढ़ाये होते हो ये बच्चे भी बड़ा-छोटा का अंतर नहीं समझ पाते। सवाल का जवाब आप द्वारा नहीं दिया जाना शर्म की बात है। हमें कुछ न कहना, अपना आंकलन आप खुद ही कर लीजिए। सरकार आपको 60 हजार रुपया पर मंथ वेतन दे रही है। क्या इसी योग्यता पर वेतन मिल रही है?