उत्तर प्रदेश: ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग, वाराणसी कोर्ट ने जगह को सील करने का दिया आदेश
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान सोमवार को तौर पर शिवलिंग मिला है। इसके बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता ओं की ओर से अदालत में इस बाबत एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसपर शिवलिंग की सुरक्षा को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान सोमवार को तौर पर शिवलिंग मिला है। इसके बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता ओं की ओर से अदालत में इस बाबत एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसपर शिवलिंग की सुरक्षा को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
नॉर्थ कोरिया में कोरोना के 12 लाख से अधिक केस, किम जोंग ने जारी किये सख्त निर्देश
माना जा रहा है कि आदि विश्वेरश्वर ज्यो तिर्लिंग का असली स्थाीन ज्ञानवापी ही था। इसकी ओर काशी विश्वेनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से विद्यमान है। हिंदू मान्य्ता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है। ऐसे में नंदी की मूर्ति का मुख ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजह से ही हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद के सर्वे की मांग लंबे समय से उठ रही थी। इस बाबत एडवोकेट हरिशंकर जैन की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ सोमवार को प्रस्तुमत किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेसक्स के अंदर एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही के दौराना पाया गया है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। डीएम वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए। उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए।
त्र में कहा गया है - मेरे द्वारा संपूर्ण पत्रावली का परिसीमन किया गया है। वादी गण द्वारा प्रस्तुत कर कहा गया कि आज दिनांक 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेाक्स के अंदर दौरान कमीशन द्वारा पाया गया यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दे। शिवलिंग को उसे संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है, न्याय हित में प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है।इस पत्र के प्राप्त होने के बाद कोर्ट की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया है, 'जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। सील किये गये स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए। उस स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त आदेश के तहत सील की कार्यवाही के बाबत निरीक्षण प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है, इसके सुपर विजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है कि अविलंब इसकी आदेश की प्रति संबंधित अधिकारीगण को नियमानुसार प्रेषित कर सुनिश्चित करें। यह आदेश रवि कुमार दिवाकर सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी की ओर से जारी किया गया है।'
ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में शिवलिंग
एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान जांच में शामिल सूत्र ने बताया कि काशी विश्वीनाथ मंदिर परिसर में मौजूद नंदी के मुख के ठीक सामने ही ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान तालाब को लेकर जांच की गई तो 12X12 वाले जल से भरे स्था न को लेकर रविवार को टीम द्वारा मंथन किया गया था। वहां पर जमा पानी को निकालने के बाद सिल्ट को सोमवार को हटाया गया तो वहां शिवलिंग का अरघा प्राप्त हुआ। शिवलिंग सहित अरघा काफी बड़ा और आकर्षक था। शिवलिंग श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित नंदी के ठीक सामने वाले ज्ञानवापी मस्जिद के हिस्से में मौजूद बताया गया है। इस मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता् ने जानकारी दी कि करीब चार फीट लंबा-चौड़ा शिवलिंग मिलने के बाद ही कोर्ट का सुबह ही रुख करते हुए उस स्थािन को सुरक्षित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया, जिस पर अदालत ने फैसला देते हुए संबंधित क्षेत्र को सील कर दिया।
मुस्लिम पक्ष बोला-फव्वारा को बताया जा रहा शिवलिंग
अंजुमन इंतेजामियया मस्जिद कमिटी के वकील ने कहा है कि 'शिवलिंग' पाये जाने का दावा करने वाले पक्षकार केवल गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वजूखाना में कोई शिवलिंग नहीं पाया गया है। वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में केवल एक फव्वारा है। जिस संरचना को शिवलिंग बताया जा रहा है वह फव्वारा है। जानकारी के मुताबिक मस्जिद के ऊपरी हिस्से में नमाज पढ़ी जाती है। वहीं वजू करने की जगह है। इसी तालाब में शिवलिंग मिलने की बात कही गई है।
तहखानों में कमल और स्वस्तिक की बनावट मिली
ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडवोकेट कमिश्नर की पहले दिन की कार्यवाही पूरी हुई।वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को एडवोकेट कमिश्नर कार्रवाही के तहत तहखानों में कमल व स्वस्तिक की बनावट मिलने की बात सामने आई है। हालांकि प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खां ने उसे ईंट पत्थर के निर्माता का ब्रांड बताया है।ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सर्वे का काम शुरू हुआ। तहखानों के तीन कमरों के ताले खोले गए, जबकि दशकों से बंद होने और जंग लग जाने के कारण एक का ताला नहीं खुला तो करीब दस बजे उसे तोड़ा गया। तहखानों में कमल व स्वास्तिक चिह्न मिलने की बात सामने आई है। हालांकि, मस्जिद पक्ष के वकील तौहीद खां ने उसे ईंट-पत्थर के निर्माता का ब्रांड चिह्न बताया है। तहखानों में संगमरमर का मगरमच्छ, मूर्तियां और शिखर कलश मिलने की चर्चा की किसी ने पुष्टि नहीं की। याचिका दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार डा. सोहन लाल आर्य ने बताया कि जैसा सोचा था, वैसे ही साक्ष्य मिले हैं। कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहे विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष और पक्षकार राखी सिंह के पैरोकार जीतेंद्र सिंह बिसेन ने भी कहा कि मंदिर होने को लेकर अपेक्षा से ज्यादा साक्ष्य मिले हैं।
दीवारों व खंभों की बनावट देखी
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में टीम ने दीवारों व खंभों की बनावट की शैली को भी करीब से देखा और साक्ष्यों को कैमरे में कैद किया। तहखाने में अंधेरा होने की वजह से टार्च की व्यवस्था की गई थी। सीलन और दुर्गंध से भरे तहखाने में एक-एक कर टीम के सदस्यों ने प्रवेश किया। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर को पूरी तरह खाली कराकर सुनिश्चित किया गया था कि कोई भी बाहरी व्यक्ति मौजूद न रहे। तहखानों में कमल व स्वस्तिक की बनावट मिलने की बात सामने आई है। हालांकि, प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खां ने उसे ईंट पत्थर के निर्माता का ब्रांड बताया है।
तहखाने में सांप मिलने की चर्चा
ज्ञानवापी परिसर के वर्षों से बंद तहखानों का सर्वे और वीडियोग्राफी की जानी थी, लिहाजा टीम टार्च लेकर गई थी। इसके अलावा ताला तोडऩे वाले, सफाईकर्मियों व वन विभाग की टीम को भी बुलाया गया था। कार्यवाही करने वाली टीम को आशंका थी कि तहखानों में जहरीले जीव मिल सकते हैं। तहखाने में सांप मिलने की बात सामने आई, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
यह है मामला
दिल्ली की रेखा सिंह समेत वाराणसी की मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू व लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त, 2021 को सिविल जज की अदालत में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन व देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने की मांग की थी। अदालत ने इस संबंध में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही का आदेश दिया था। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में कमीशन की कार्यवाही की जा रही थी। आखिरकार 16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद संबंधित क्षेत्र सील कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का मामला
बनारस में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वे के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट कल एक बजे इसपर सुनवाई करेगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को देखेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के सर्वे पर रोक से इनकार के बाद ये याचिका दाखिल की है।उल्लेखनीय है कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को तुरंत रोकने से इनकार कर दिया था और मामले को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गया था। याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 21 अप्रैल के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिसने सर्वेक्षण के लिए दीवानी अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।