बिहार: राज्यसभा उपचुनाव के लिए JDU ने अनिल हेगड़े को बनाया कैंडिडेट, जार्ज फर्नाडीस के रहे हैं करीबी
जेडीयू ने महेंद्र प्रसाद यानी किंग महेंद्र के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उप के लिए अनिल हेगड़े को कैंडिडेट बनाया है। संभावना यह है कि वह निर्विरोध चुने जायेंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अनिल हेगड़े की उम्मीदवारी की ऑफिसियल जानकारी दी।
- किंग महेंद्र के निधन से हु खालीसीट पर होने हैं चुनाव
पटना। जेडीयू ने महेंद्र प्रसाद यानी किंग महेंद्र के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उप के लिए अनिल हेगड़े को कैंडिडेट बनाया है। संभावना यह है कि वह निर्विरोध चुने जायेंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अनिल हेगड़े की उम्मीदवारी की ऑफिसियल जानकारी दी।
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पहले नहीं रहे किसी सदन के सदस्य
जार्ज फर्नांडिस के सहयोगी रहे अनिल हेगड़े कर्नाटक के रहने वाले हैं। समता पार्टी के समय से नीतिश के साथ रहे हेगड़े लंबी अवधि से जदयू में है। वर्तमान में वह जदयू के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी है।अनिल हेगड़े किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहे हैं। लंबी अवधि से वह जदयू के संगठन का काम देख रहे हैं। जदयू नेतृत्व ने आरंभ से ही तय किया हुआ था कि दो वर्षों के लिए राज्यसभा की उसकी जो सीट रिक्त हुई है उस पर वह पार्टी के किसी पुराने कार्यकर्ता या पदाधिकारी को भेजेगा। किसी बड़े नाम पर विचार नहीं होगा। यह संदेश जाना चाहिए कि पार्टी के लिए मनोयोग से काम करने वाले को भी पार्टी महत्व देती है। अनिल हेगड़े का नाम किसी भी तरह के विवाद या गुट से जुड़ा हुआ नहीं है। अनिल हेगड़े का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक होगा।
4250 बार गिरफ्तारी दे चुके अनिल हेगड़े,12 साल से JDUआफिस ही ठिकाना
अनिल हेगड़े पिछले 12 साल JDU ऑफिस में ही रहते हैं। यहीं खाते हैं और यहीं सो जाते हैं। अनिल ने शादी भी नहीं की है। दिल्ली के संसद भवन थाने में 4,250 बार गिरफ्तारी दे चुके अनिल से जब जदयू द्वारा राज्यसभा कैंडिडेट बनाने को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि पार्टी के कार्यकर्ता को सम्मान मिला है। मैंने पूरी जिंदगी में कभी भी किसी के कोई पद नहीं मांगा। पिछले 38 वर्षों से मैं लगातार 365 दिन पार्टी के काम में लगा हूं। मेरी उम्मीदवारी से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। अनिल हेगड़े ने कहा कि मैं समता पार्टी और जदयू का राष्ट्रीय महासचिव रहा हूं। बशिष्ठ बाबू जब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष थे तब मुझे पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया था। उसके बाद छह साल से मैं पार्टी का नेशनल रिटर्निंग आफिसर हूं। मेरे द्वारा कुछ नहीं मांगने पर भी मुझे सम्मान मिला यह कार्यकर्ताओं करे लिए उत्साह की बात है।
डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर का विरोध करने पर आये थे चर्चा में
अनिल हेगड़े की चर्चा डंकल प्रस्ताव पर साइम के विरोध में 5,150 दिनों तक लगातार अभियान चलाये जाने को लेकर होती है। उन्होंने लगातार 14 वर्षों तक दिल्ली में संसद भवन थाने में 4,250 बार गिरफ्तारी दी। इस क्रम में वह 15 दिनों तक जेल में भी रहे।