उत्तर प्रदेश: नये DGP सलेक्शन की प्रक्रिया शुरु, स्टेट गवर्नमेंट ने UPSC को 31 सीनीयर आईपीएस अफसरों के नाम भेजा
उत्तर प्रदेश में नये DGP के सलेक्शन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। स्टेट गवर्नमेंट ने स्टेट में नये डीजीपी का सलेक्शन करने के लिए 1990 बैच तक के 31 आइपीएस अफसर का डिटेल्स UPSC अफसरों को भेजा है। UPSC को उक्त 31 अफसरों की लिस्ट में शामिल तीन डीजी के नामों का सलेक्शन कर स्टेट गवर्नमेंट को भेजेगा।
- UPSC तीन डीजी के नामों का सलेक्शन कर स्टटे गवर्नमेंट को भेजेगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नये DGP के सलेक्शन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। स्टेट गवर्नमेंट ने स्टेट में नये डीजीपी का सलेक्शन करने के लिए 1990 बैच तक के 31 आइपीएस अफसर का डिटेल्स UPSC अफसरों को भेजा है। UPSC को उक्त 31 अफसरों की लिस्ट में शामिल तीन डीजी के नामों का सलेक्शन कर स्टेट गवर्नमेंट को भेजेगा।
उत्तर प्रदेश के वर्तमान डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। मौजूदा डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के सेवा विस्तार व स्टेट के अगले डीजीपी को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। स्टेट गवर्नमेंट द्वारा कुछ दिनों के लिए कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती किये जाने की भी चर्चा है।उल्लेखनीय है कि डीजीपी ओपी सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद शासन ने सीनीयरटी के आधार पर हितेश चंद्र अवस्थी को पहले कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। बाद में उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त किया गया था। डीजीपी बनने की रेस में सीनीयरटी लिस्ट के आधार पर डीजी नासिर कमाल, मुकुल गोयल, डा.आरपी सिंह, डा.आरके विश्वकर्मा, देवेंद्र सिंह चौहान व आनंद कुमार का दावा मजबूत बताया जा रहा है।
आईपीएस नासिर कमाल और मुकुल गोयल वर्तमान में सेंट्रल डिपुटेशन पर हैं। वहीं आरपी सिंह स्टटे एसआईटी और ईओडब्ल्यू के डीजी हैं।स्टेट गवर्नमेंट ने यूपीएसपी को 1986 से 1990 बैच तक के 31 आइपीएस अफसरों के नाम व डिटेल्स यूपीएसपी को भेजे हैं। डीजीपी पोस्ट के लिए कम से कम 30 साल की सेवा पूरी करना जरूरी होता है। ऐसे में 1990 बैच तक के आइपीएस अफसरों की लिस्ट भेजी गयी है। इसमें उन अफसरों के नाम नहीं है जिनका छह माह के अंदर रिटायरमेंट है।
बताया जाता है कि यूपी डीजीपी के चयन के लिए जून के लास्ट में यूपीएसपी में बैठक हो सकती है। इसमें यूपीएससी के चेयरमैन के अलावा सेंट्रल होम मिनिस्टरी के अफसर और यूपी के चीफ सेकरटेरी व डीजीपी मेंबर होते हैं। यूपीएससी और सेंट्रल होम मिनिस्टरी की ओर से एक अन्य अफसर नॉमिनेट किया जाता है। सभी मिलकर तीन अफसर का नाम तय कर स्टेट गवर्नमेंट को भेजते हैं। इसके बाद स्टेट के तय करते हैं कि इन तीन में से वह किसे डीजीपी बनायेंगे।