उत्तर प्रदेश: महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की होगी CBI जांच, CM योगी के आदेश पर की गई सिफारिश

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच अब सीबीआइ करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर होम डिपार्टमेंट ने सेंट्रल गवर्नमेंट ने स मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की है। 

उत्तर प्रदेश: महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की होगी CBI जांच, CM योगी के आदेश पर की गई सिफारिश
महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो)।

लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच अब सीबीआइ करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर होम डिपार्टमेंट ने सेंट्रल गवर्नमेंट ने स मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की है। 
महंत नरेंद्र गिरि सोमवार शाम मठ बाघम्बरी गद्दी के विश्राम गृह स्थित कमरे में नायलान की रस्सी से अपने आश्रम में फंदे से झूलते पाये गये थे। मामले की जांच फिलहाल 18 सदस्यीय एसआइटी कर रही है। महंत के शिष्य आनंद गिरि समेत तीन लोगों को अरेस्ट कर झेल भेजा गया है।

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महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह श्री बनाए गए फंदे से पंखे के चुल्ले से लटकते मिले थे। मौके से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य समेत तीन लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया था। इसमें शिष्य योग गुरु आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया है। दो आरोपितों की गिरफ्तारी मंगलवार को ही दर्शा दी गई थी। एसआइटी अध्यक्ष अजीत सिंह ने शाम छह बजे तीसरे आरोपित संदीप की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
गले में नहीं मिली क्लाटिंग, स्लाइवा से फांसी की पुष्टि
महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड व मर्डर के कयासों के बीच बुधवार को पोस्टमार्टम ने स्थिति कुछ हद तक साफ कर दी है। पांच डाक्टरों के पैनल ने पाया है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत फंदे में लटकने से हुई है। हालांकि फोरेंसिक जांच का विकल्प खुला रखते हुए बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। पैनल को महंत नरेंद्र गिरि के गले में रस्सी से कसे जाने के निशान मिले हैं। विधिक मामला होने के कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। इसे सीएमओ को दे दिया गया है।
महंत के गले में बाइट यानी सफेद रंग का पदार्थ जमा मिला है जो थूक में रुकावट से बन जाता है। मुंह में स्लाइवा (थूक) मिला। ऐसा फांसी के मामलों में अक्सर मिलता है। रस्सी या किसी कपड़े से जबरन गला कसे जाने अथवा किसी रूल से दबाने के मामले में गले की बाइट में क्लाटिंग हो जाती है। महंत के गले में क्लाटिंग नहीं पाई गई। मल त्याग जैसी बात भी नहीं मिली।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत की होगी CBI जांच, योगी सरकार ने की सिफारिश
महंत नरेंद्र गिरि के निधन से पूरा संत समाज मर्माहत है। नरेंद्र गिरि को जानने वाले सभी संत आत्महत्या को नकार रहे थे। संत समाज लगातार इसे हत्या कहते हुए सीबीआई या न्यायिक अधिकारियों से जांच की मांग कर रहा था। संतों का कहना था कि नरेंद्र गिरि सुसाइड नहीं कर सकते हैं। महंत की मौत के पीछे का सच सामने आना चाहिए। यह सच तभी सामने आ सकता है जब उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। सरकार भी इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है। निष्पक्ष जांच को देखते हुए ही सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।

करोड़पति सिपाही से पूछताछ
नरेंद्र गिरि के करीबी गनर रहे अजय सिंह से भी मंगलवार को पूछताछ हुई। हालांकि उसके खिलाफ कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं है। कहा जाता है कि अजय और उसकी पत्नी के नाम से ही नरेंद्र गिरि ने मकान और लग्जरी गाड़ियां खरीदी थी। कुछ दिन पहले ही पूर्व आईपीएस और उनकी वाइफ  ने अजय शर्मा के खिलाफ जांच कराने की मांग की थी। प्रयागराज से लेकर कौशाम्बी पुलिस तक ने इस प्रकरण में जांच नहीं की थी।