उत्तर प्रदेश: बांदा में स्कूटी सवार महिला को तीन किमी तक घसीट ले गया ट्राला, आग लगने से जिंदा जली
उत्तर प्रदेश के बांदा बांदा में बुधवार की शाम हाई स्पीड गिट्टी लदा ट्राला स्कूटी सवार महिला को लगभग साढ़े तीन किमी घसीटता चला गया। ट्राले में आग लगने के बाद भी ड्राइवर और खलासी नहीं रुके। लोगों को पीछा करते देख स्पीड बढ़ा दी और साढ़े तीन किमी बाद लपटें तेज होने पर ट्राला रोक भाग निकले। स्कूटी सवार महिला की जलकर मौत हो गयी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बांदा बांदा में बुधवार की शाम हाई स्पीड गिट्टी लदा ट्राला स्कूटी सवार महिला को लगभग साढ़े तीन किमी घसीटता चला गया। ट्राले में आग लगने के बाद भी ड्राइवर और खलासी नहीं रुके। लोगों को पीछा करते देख स्पीड बढ़ा दी और साढ़े तीन किमी बाद लपटें तेज होने पर ट्राला रोक भाग निकले। स्कूटी सवार महिला की जलकर मौत हो गयी।
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कृषि यूनिवर्सिटी गेट के पास घटना हुई और लपटें मवई बाइपास चौराहे से उठनी शुरू हुई थीं। कई पुलिस स्टेशन की फोर्स और दो दमकल गाड़ियां पहुंचीं। लगभग सवा घंटे बाद आग बुझाई जा सकी। लेकिन तब तक महिला जिंदा जल चुकी थी। एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि ट्राला के स्कूटी घसीटने से आग लगी और महिला की मौत हो गई।
बताया जाता है कि बांदा कृषि यूनिवर्सिटी में पुष्पा (35)पत्नी स्वर्गीय रंजीत सिंह जूनियर क्लर्क के पद पर कार्यरत थीं। महिला आश्रित कोटे में हसबैंड की जगह नौकरी पाई थीं। वह बुधवार शाम स्कूटी से सब्जी लेने व पेट्रोल भरवाने के लिए निकली थीं। लखनऊ के गोमती नगर निवासी पुष्पा देवी छुट्टी के बाद स्कूटी से बाहर निकलीं। तभी गेट के सामने बाईपास पर कबरई की तरफ से गिट्टी लाद आ रहे हाइ स्पीड ट्राला की चपेट में आ गईं। लोगों ने शोर मचाया और पीछा किया तो ड्राइवर रोकने की बजाय स्पीड से भगाने लगा। कानपुर की ओर भागते हुए ट्राला में मवई बाइपास चौराहे के पास केबिन के नीचे से आगलपटें निकलने लगीं। स्कूटी की रगड़ से उठी लपटों में लिपिक भी फंसी रहीं। लगभग साढ़े तीन किमी. तक घसीटने के बाद ड्राइवर और खलासी ट्राला खड़ा कर भाग निकले।
विस्फोट के साथ फटे टायर
जहां पर ट्राला रोका गया था, वहां से दूसरी ओर पेट्रोल पंप है। आग की तेज लपटों के सामने लोग पास पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इसी बीच एएसपी, सीओ सिटी अंबुजा त्रिवेदी, कोतवाल श्याम बाबू शुक्ला व आसपास के पुलिस स्टेशन पर चौकियों का फोर्स पहुंच गया। दो दमकल गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंच गईं। संयोग थी कि आग की लपटें पेट्रोल पंप को अपनी जद में नहीं ले पाईं। लगभग सवा घंटे मशक्कत बाद आग बुझाई जा सकी। आग से ट्राला का अगला हिस्सा पूरी तरह जल गया। उसके टायर विस्फोट के फटने लगे, यह देख लोगों में भगदड़ मच गई। क्लर्क की जिंदा जलकर मौत हो गई।
हसबैंड की 2020 में हुई थी मौत
यूनिवर्सिटी में पोस्टेंड रंजीत सिंह की कोरोना काल में 2020 में कैंसर व संक्रमण की जद में आने से मौत हो गई थी। उनकी जगह वाइफ पुष्पा की नौकरी लगी थी। पुष्पा के छह वर्षीय व दो वर्षीय बच्चे लखनऊ में परिजन के पास रहते हैं, जबकि वह कैंपस में बने आवास में रहती थीं।
पीछे से किया था ओवरटेक, फंसी स्कूटी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हाइ स्पीड ट्राला के ड्राइवर ने स्कूटी को ओवरटेक किया इसके बाद पुष्पा स्कूटी समेत उसमें फंस गई थीं। शोर मचाने पर चालक रुकने के बजाए भागने लगा। घटना की सूचना मिलते ही यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ. बीके गुप्ता, केवीके अध्यक्ष डॉ. श्याम सिंह, डॉ. दिनेश साह समेत सभी प्रोफेसर व स्टूडेंट पहुंच गये थे। यूनिवर्सिटी के पीआरओ बीके गुप्ता ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कई बार ब्रेकर बनवाने की मांग की गई, पर जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। गेट से स्टूडेंट और स्टाफ निकलकर सीधे बाईपास पर आते हैं।