Uttar Pradesh Umesh Pal Murder Case : पहचान छिपाने के लिए असद व गुलाम ने बनाया था फर्जी आधार कार्ड
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एनकाउंटर में मारे गये आरोपी पांच-पांच लाख के इनामी शूटर असद अहमद और गुलाम को लेकर लगातार नये-नये तथ्य सामने आ रहे दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की मर्डर के बाद फरारी काटने के दौरान दोनों शूटरों ने फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया था।
- असद का 'सलमान', गुलाम का 'तौफीक' था नाम
- पहचान छिपाने के लिए शूटरों ने किया था जुगाड़
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एनकाउंटर में मारे गये आरोपी पांच-पांच लाख के इनामी शूटर असद अहमद और गुलाम को लेकर लगातार नये-नये तथ्य सामने आ रहे दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की मर्डर के बाद फरारी काटने के दौरान दोनों शूटरों ने फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया था।
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बाटला हाउस के एड्रेस पर बनवाये थे फर्जी आधार कार्ड
असद अहमद और गुलाम ने दिल्ली के बाटला हाउस के पते पर फर्जी आधार कार्ड बनवाये थे। इसमें असद का नाम सलमान मंसूरी और गुलाम का नाम तौफीक अली रखा गया था। दोनों फर्जी आधार कार्ड थे। यह फर्जीवाड़ा आर्म्स तस्करी के आरोप में पकड़े गये खालिद के एक दोस्त की मदद से किया गया था।
पुलिस सोर्सेज का कहना है कि उमेश और दो सिपाहियों की गोली मारकर मर्डर करने के बाद माफिया अतीक का बेटा असद शूटर गुलाम के साथ बाइक से कानपुर पहुंचा था। इसके बाद दोनों बस से नोएडा पहुंचे। बोटेनिकल गार्डन पार्क के पास उतरे। वहां अतीक के खास और पुराना गुर्गा कार लेकर पहुंचा फिर दोनों को साउथ दिल्ली में छोड़कर चला गया।
पुलिस ने असद और गुलाम पर पुलिस ने घोषित किया था इनाम
प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ की टीम ने असद और गुलाम तलाश तेज करते हुए इनाम घोषित किया था। इसके बाद असद, गुलाम अपनी पहचान छिपाने के लिए जतन करने लगे। तभी अशरफ के एक साथी ने दिल्ली में मौजूद गुर्गा से कहा कि यूपी से गये दो ‘मेहमान’ को सुरक्षित ठिकाना चाहिए। तब जीशान, खालिद और जावेद दिल्ली के मजीदिया हॉस्पिटल पर पहुंचकर असद व गुलाम को लेकर सुरक्षित स्थान पर ले गये। इसके बाद खालिद ने अपने साथी की मदद से दोनों का फर्जी आधार कार्ड बनवाया ताकि दोनों की पहचान छिपी रहे।र वह पुलिस की गिरफ्त से बच सकें। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आर्म्स तस्करी में पकड़े गये जीशान सहित अन्य से पूछताछ की थी। इसके बाद असद व गुलाम के दिल्ली में पनाह लेने का पता चला था। बाद में फर्जी आधार कार्ड बनाने की बात सामने आई थी, जिसे सही पाया गया।
उमर, अली से अफरोज के बेटों की दोस्ती
पुलिस सोर्सेज के अनुसार अफरोज का इंतकाल होने के बाद उनके बेटों की दोस्ती अतीक के बेटे उमर व अली से हो गई थी। अफरोज विदेशों में श्रमिकों को भेजता था। उसकी मौत के बाद बेटे भी यही काम करते हैं। दिल्ली पुलिस की जांच में ऐसे और भी कई तथ्य सामने आए हैं, जिसके आधार पर अतीक के नेटवर्क का पता चला है।दिल्ली स्थित माफिया अतीक की बेनामी संपत्ति के रखवाली उसके दिल्ली में रहने वाले खास लोग करते हैं। इनके बारे में अब जांच एजेंसी छानबीन कर रही है।
अतीक के कहने पर ड्राइवर ने की थी मदद
असद जब दिल्ली जा रहा था तब माफिया अतीक ने सफीकुर्ररहमान नामक खास ड्राइवर से बेटे को साउथ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए कहा था। अतीक के कहने पर ड्राइवर शूटरों को कार से ले गया। एक लाख रुपये भी दिया था। जांच में यह भी पता चला है कि जब अतीक एमपी था, तब वह ओखला निवासी स्व. अफरोज के घर पर आया जाया करता था।वर्ष 2007 में अफरोज का साथी सफीकुर्ररहमान बीमार हुआ तो उसके इलाज के लिए अतीक के पीए ने लेटर हेड पर लिखकर अस्पताल में इंतजाम कराया था। यहीं से अतीक व सफीकुर्ररहमान के बीच दोस्ती हुई थी।
आठ आरोपियों में से कुल छह आरोपी मारे गये
प्रयागराज में 24 फरवरी को हुई उमेश पाल की मर्डर के बाद सीसीटीवी के जरिए हमलावरों की पहचान की गई। उन पर पांच-पांच लाख का इनाम भी घोषित किया गया। फुटेज में अतीक अहमद के बेटे असद का भी नाम और चेहरा सामने आया था। उमेश पाल मर्डर केस अतीक अहमद और उनकी वाइफ शाइस्ता को भी केस में नेम्ड आरोपी बनाया गया। शाइस्ता पर 50 हजार का जबकि बाकी सभी शूटर्स पर पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया गया। मामले में आठ आरोपियों में से कुल छह आरोपियों को मार दिया गया है। अरबाज, जो 24 फरवरी को कथित तौर पर हत्यारों के वाहन का चालक था, 27 फरवरी को प्रयागराज में एक एनकाउंटर में मारा गया। उस्मान उर्फ विजय चौधरी छह मार्च को प्रयागराज में एनकाउंटर में मारा गया।झांसी में 13 अप्रैल को पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया। असद और गुलाम उमेश पाल पर फायरिंग करते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे।
पुलिस कस्टडी में कर दी गयी अतीक और अशरफ की मर्डर
उमेश पाल मर्डर केस के मास्टरमाइंड माफिया अतीक अहमद (61) और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात गोली मारकर मर्डर कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए हॉस्पिटल ले जा रही थी। मीडियाकर्मी साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन युवक पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आये और अतीक के सिर में गोली मार दी। इसके बाद अशरफ पर फायरिंग की। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मर्डर के समय दोनों पुलिस कस्टडी में थे।
जिस कार से आये थे उसका मालिक अरेस्ट
उमेश पाल की मर्डर में इस्तेमाल क्रेटा के मालिक की पहचान रुखसार अहमद के रूप में हुई है। उसे उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से पकड़ा गया था। क्रेटा के दस्तावेजों में रुखसार अहमद का नाम दर्ज था।वह प्रयागराज के करेली में एक ट्रैवल एजेंसी का संचालक है। घटना के बाद रुखसार परिवार समेत फरार हो गया था।
गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार
बिरयानी की दुकान चलाने वाले नफीस अहमद ने करेली निवासी रुखसार अहमद को कार ट्रांसफर कर दी थी। कार मालिक रुखसार अहमद नफीस अहमद का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है। शेष दो अन्य आरोपी गुड्डू मुस्लिम और साबिर फिलहाल फरार हैं। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है। हालांकि, गुड्डू मुस्लिम की लोकेशन महाराष्ट्र के नासिक में मिली। यूपी एसटीएफ नासिक पहुंच गई है।
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी फरार हैं। शाइस्ता सिर पर 50 हजार रुपये का इनाम है। वह मामले में एक साजिशकर्ता के रूप में नामित है। उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर धूमनगंज पुलिस स्टेशन में अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, शूटर गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सभी पर आइपीसी की सेक्शन 147, 148, 149, 302, 307, 506 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
24 फरवरी को उमेश पाल मर्डर केस को 44 सेकंड में दिया था अंजाम
प्रयागराज में 24 फरवरी को शाम के लगभग पांच बजे उमेश पाल और उनके दो गनर की बदमाशों ने गोली मारकर मर्डर कर दी गयी थी। उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। बदमाशों ने इस मर्डर केस को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था। उमेश और एक गनर की मौके पर मौत हो गई। जबकि एक गनर की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। उमेश पाल कार का गेट खोलकर उतरते हैं। इतने में सात शूटर्स उन पर फायरिंग और बम झोंक देते हैं। उमेश चंद कदम ही भाग पाते हैं और अपने घर की गली में गिर जाते हैं। हमले में उमेश और उनके दो गनर की भी मौत हो जाती है। पूरी घटना, CCTV में कैद हो गई। बदमाशों ने इस मर्डर केस को 44 सेकेंड में अंजाम दिया।