पश्चिम बंगाल: विधानसभा सेशन शुरू होते ही बीजेपी विधायकों का हंगामा, चार मिनट में ही गवर्नर ने बजट अभिभाषण को किया समाप्त
पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को विपक्षी दलों भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ। हंगामे के कारण गवर्नर धनखड़ अपना बजट अभिभाषण पूरा पढ़ भी नहीं पाये। गवर्नर चार मिनट में ही इसे समाप्त कर विधानसभा भवन से बाहर निकल गये।
- गवर्नर अपना बजट अभिभाषण पूरा पढ़ भी नहीं पाये
- बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को विपक्षी दलों भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ। हंगामे के कारण गवर्नर धनखड़ अपना बजट अभिभाषण पूरा पढ़ भी नहीं पाये। गवर्नर चार मिनट में ही इसे समाप्त कर विधानसभा भवन से बाहर निकल गये।
गवर्नर ने दोपहर ठीक दो बजे जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, बीजेपी एमएलए ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी शुरू कर दी।सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा राज्यपाल के विरोध की आशंका को देखते हुए पहले से ही इसका अनुमान था। इसके कारण भाजपा विधायकों ने पहले ही नारेबाजी शुरू कर दी जिसके कारण पूरा पढ़े बिना गवर्नरने चार मिनट में ही अपना बजट अभिभाषण समाप्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि गवर्नरने पहले ही साफ कर दिया था कि जो सरकार ने लिखकर भेजा है, वो सदन में वह हुबहू नहीं बोलेंगे।
पहले से ही आशंका थी कि तृणमूल कांग्रेस के एमएलए गवर्नर का विरोध करेंगे। लेकिन उससे पहले बीजेपी एमएलए ने ही राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बीजेपी एमएलए ने सदन में जयश्री राम व भारत माता की जय के भी नारे लगाये। नारेबाजी के कारण राज्यपाल ने चार मिनट में भी जो वक्तव्य रखा वह किसी को सुनाई नहीं दी। सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी भी बाहर आए। दोनों ने हाथ जोड़कर राज्यपाल का अभिवादन किया।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आज से विधानसभा सत्र शुरू हुआ है और राज्यपाल के अभिभाषण में पश्चिम बंगाल में चल रही हिंसा के बारे में उल्लेख नहीं था इसलिए हम लोगों ने विधानसभा में प्रदर्शन किया। उनके अभिभाषण में कोलकाता में हुए फर्जी वैक्सीनेशन के बारे में भी उल्लेख नहीं है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा बहुत बर्बर थी। बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। 300 से अधिक महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं सामने आईं। कुछ के साथ रेप भी हुआ। यह सब राज्यपाल के अभिभाषण में दर्ज नहीं था। बीजेपी की तरफ से विधानसभा में प्रदर्शन किया गया। यह लड़ाई आखिर तक चलेगी।
गवर्नर के अभिभाषण से होती है बजट सत्र की शुरूआत
नियमों के मुताबिक, विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। इस अभिभाषण को राज्य सरकार तैयार करती है, और इसे राज्यपाल को पढ़ने के लिए दिया जाता है। आमतौर पर अभिभाषण में सरकार के कामकाज का बखान और आने वाली योजनाओं का खाका होता है। लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ कई मौकों पर ममता सरकार के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा को लेकर वे लगातार मुखर हैं। उल्लेखनीय है कि बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र है।