judge uttam anand murder case: कोर्ट ने कहा- हर मर्डर केस में मोटिव या इंटेशन होना जरूरी नहीं
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायधीश उत्तम आनंद मर्डर केस में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दोनों नेम्ड आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा को कोर्ट ने दोषी करार दिया। स्पेशश जज रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने कहा कि हर मर्डर केस में कोई मोटिव या इंटेशन हो, यह जरूरी नहीं।
धनबाद। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायधीश उत्तम आनंद मर्डर केस में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दोनों नेम्ड आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा को कोर्ट ने दोषी करार दिया। स्पेशश जज रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने कहा कि हर मर्डर केस में कोई मोटिव या इंटेशन हो, यह जरूरी नहीं।
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फैसला सुनते हुए जज कहा कि यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इटेंशन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ऑटो से टक्कर मारी गई और उत्तम आनंद की मौत हुई। उन्होंने कहा कि रणधीर वर्मा चौक के सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट होता है और मैं पाता हूं कि ऑटो रिक्शा के सामने की सीट पर दो लोग बैठे थे। जज उत्तम आनंद को टक्कर मारने से पहले वह दो बार जजेस कॉलोनी की ओर दो बार गये थे। तीसरी बार पांच बजकर आठ मिनट 22 सेकंड पर ऑटो काफी तेजी से आता है, जिससे उत्तम आनंद को टक्कर लगी और उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि धक्का लगने की वजह से जब साहब के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जो मृत्यु के लिए पर्याप्त थी। सभी डॉक्टरों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है। तीन चश्मदीद गवाहों ने ऑटो को जज को धक्का मारते देखा था।
एक्युज्ड ने कोर्ट को मिस लीड करने का किया प्रयास
जज रजनीकांत पाठक ने कहा कि इस पर विवाद नहीं है कि ऑटो लखन चला रहा था राहुल उसके बगल मे बैठा था। उन्होंने कहा कि एक्युज्ड ने कोर्ट को मिस लीड करने का प्रयास किया। सीबीआइ को भी मिस लीड किया। अपना बयान बदलते रहे। कोर्ट मे दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया। लखन ने अपने बयान में इस घटना को केवल एक दुर्घटना बताया। कहा कि गाड़ी के नीचे कुछ आ गया था और गाड़ी घूम गई थी, लेकिन साक्ष्यों से ऐसा नहीं लगता कि गाड़ी के नीचे कुछ आया था और गाड़ी एकाएक घूमी। अभियुक्तों ने दावा किया कि वह लोग नशे में थे, लेकिन साइंटिस्ट ने परीक्षण के बाद कहा कि वह नशे में नहीं थे। कोर्ट ने कहा कि यह साबित होता है कि दोनों ने जानबूझकर जज उत्तम आनंद की मर्डर की। मामले में आइपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 6 अगस्त की निर्धारित की।
आरोपियों को फांसी देने की मांग करेगी सीबीआइ
सीबीआइ के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कोर्ट के फैसले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सजा के बिंदु पर सुनवाई के दिन वह कोर्ट से दोनों मुजरिमों को फांसी की सजा देने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों ने देश की न्यायपालिका पर हमला किया है।
स्पेशल कोर्ट पांच महीने में पूरी हुई सुनवाई
कोर्ट ने 26 जुलाई 2022 को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद 28 जुलाई 2022 की तारीख फैसला सुनाने के लिए निर्धारित की थी। धनबाद सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल किया। 22 फरवरी 2022 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज कर लिया गया। सुनवाई के दौरान सीबीआइ के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया था। सीबीआइ ने दावा किया था कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारी थी, जिनसे उनकी मौत हुई। वहीं बचाव पक्ष ने इसे महज एक दुर्घटना बताया था।अनुसंधान के दौरान यह पाया गया कि ऑटो रिक्शा से जानबूझकर धक्का मारी गई। पीएमसीएच में उनकी मौत हुई। पुलिस ने धनबाद थाना कांड संख्या 321/21 कांड दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सरकार ने सीबीआई जांच के अनुशंसा की थी। अभियोजन ने 58 गवाहों का परीक्षण कराया है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को कोर्ट में चला कर देखा गया।
अभियोजन vs यह साबित किया कि उत्तम आनंद की मौत हुई
जज ने कहा कि दोनों के विरुद्ध हत्या हत्या का षड्यंत्र का आरोप है। मैं धारा 302 हत्या के परिभाषा को पढ़ना उचित समझता हूं। अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मैंने पाया कि अभियोजन यह साबित किया कि उत्तम आनंद की मौत हुई। वीडियो क्लिप और फोटोग्राफ्स एक्सपोर्ट के ओपिनियन भी बताते हैं कि उनकी मौत हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स सीसीटीवी फुटेज भी यह बता रहे हैं कि ऑटो रिक्शा से धक्का लगने के कारण उत्तम आनंद की मौत हुई है।
गवाहों के बयान से यह साबित होता है कि एक जीवित आदमी की मौत हुई
जज ने कहा कि मैं पाता हूं कि चश्मदीद पवन कुमार पांडे ने से उत्तम आनंद को ऑटो से धक्का मारते हुए देखा था। उसने कोर्ट में यह बात बताई थी। नर्स ने भी धक्का मारते देखा था। घायल को उसने आशुतोष और श्रवण की सहायता से सदर हॉस्पिटल ले थे। सदर अस्पताल का गेट बंद था, जहां से उन्हें पीएमसीएच ले गया गया था। इलाज किया गया था। फोन करने पर एंबुलेंस नहीं आई थी। ऑटो से जज को ले जाया गया था।
धक्का लगने से जब साहब के सर में लगी चोट मृत्यु के लिए पर्याप्त
जज ने कहा कि मैं पाता हूं कि विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में काम करने वाले सरवन सिंह ने भी ऑटो को धक्का मारते हुए देखा था। जब रणधीर वर्मा चौक से गुजर रहा था। इस मामले में तीन चश्मदीद गवाह थे। तीनों ने ऑटो को जज साहब को धक्का मारते देखा। धक्का लगने से जब साहब के सर में गंभीर चोट लगी थी। जो मृत्यु के लिए पर्याप्त थी। सभी डॉक्टरों ने और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की। सभी गवाहों के बयान से यह साबित होता है कि एक जीवित आदमी की मौत हुई। ऑटो के धक्का लगने के कारण ही मौत हुई और दोनों ने जानबूझकर धक्का मारा। इस संबंध में लाए गए साक्ष्य की विवेचना पर मैं यह पाता हूं कि सीसीटीवी फुटेज वीडियो क्लिप फोटोग्राफ यह साबित कर रहा है कि ऑटो से धक्का मारी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल टीम के द्वारा की गई जिसमें बताया कि सर में गंभीर चोट लगने के कारण जज की मौत हुई।
जज ने कहा कि यह स्पष्ट है की ऑटो से धक्का मारी गई उत्तम आनंद की मौत हुई रणधीर वर्मा चौक के फुटेज से यह स्पष्ट होता है। और मैं पाता हूं कि ऑटो रिक्शा के सामने सीट पर दो लोग बैठे थे। मैंने फुटेज को दर्जनों बार देखा। तीन ऐसे फुटेज है जिसमें यह दिखता है कि एसएसएलएनटी की ओर ऑटो जा रहा था। उसमें पता चलता है कि जज कॉलोनी की आटो ने दो राउंड मारी थी। 5: 8 मिनट दूसरा राउंड 5:08:06 सेकंड में तिसरा राउंड पांच बजकर आठ मिनट 22 सेकंड में वह काफी तेजी से जा रहा है दिखता है। इस विषय पर विवाद नहीं है कि ऑटो लखन चला रहा था। राहुल आटो में लखन के बगल मे बैठा था।