मुनीडीह से मिथेन गैस निकालने को 1880 करोड़ का एग्रीमेंट, BCCL ने अहमदाबाद की कंपनी प्रभा एनर्जी से किया MOU

कोल इंडिया लिमिटेड की पहली सीबीएम दोहन (कॉमर्शियल प्रोजेक्ट) का एग्रीमेंट सोमवार को BCCL व अहमदाबाद की कंपनी प्रभा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुआ। प्रभा एनर्जी झरिया सीबीएम ब्लॉक-1 के लिए डेवलपर सलेक्ट हुई है। इसके लिए ग्लोबल टेंडर हुआ था।

मुनीडीह से मिथेन गैस निकालने को 1880 करोड़ का एग्रीमेंट, BCCL ने अहमदाबाद की कंपनी प्रभा एनर्जी से किया MOU
  • कोल कंपनी के 368.58 करोड़ व आउटसोर्सिंग कंपनी के 1510.5 करोड़ होंगे खर्च
  • वर्ष 2026 तक प्रोडक्शन की संभावना

धनबाद। कोल इंडिया लिमिटेड की पहली सीबीएम दोहन (कॉमर्शियल प्रोजेक्ट) का एग्रीमेंट सोमवार को BCCL व अहमदाबाद की कंपनी प्रभा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुआ। प्रभा एनर्जी झरिया सीबीएम ब्लॉक-1 के लिए डेवलपर सलेक्ट हुई है। इसके लिए ग्लोबल टेंडर हुआ था।

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सीएमपीडीआइ की प्रिसिंपल इंपलीमेंटिंग एजेंसी के रूप में यह पहली प्रोजेक्ट है। CIL, CMPDI एवं BCCL के वर्षों का प्रयास के बाद अब मुनीडीह से कोल बेड मिथेन गैस निकाल कर खुले बाजार में बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। BCCL और प्रभा एनर्जी के बीच कोयला भवन में आज लगभग 1880 करोड़ रुपये का समझौता हुआ है। यहां से वर्ष 2026 में प्रोडक्शन शुरु होने की संभावना है।
प्रोजेक्ट पर BCCL के लगभग 368.58 करोड़ और आउटसोर्सिंग कंपनी के 1510.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। BCCL का CBM प्रोजेक्ट सीआइएल की पहली कॉमर्शियल प्रोजेक्ट है।

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झरिया का 26.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चिह्नित

BCCL के डब्ल्यूजे एरिया में 26.5 वर्ग किलोमीटर एरिया कोल बेड मिथेन गैस की खोज के लिए चिह्नित किया गया है। BCCL की ओर से डब्ल्यूजे एरिया के जीएम जेएस महापात्रा व प्रभा एनर्जी की ओर से सीइओ प्रकाश साहनी ने एमओयू पर साइन किया। मौके पर सीआएल चेयरमैन चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, डीटी विनय दयाल कोलकाता से व सीएमपीडीआइ रांची के निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) आरएन झा व डीटी (सीएमपीडीआइ) एके राणा रांची से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से शामिल थे। कोयला भवन में बीसीसीएल डीटी चंचल गोस्वामी व जेपी गुप्ता समेत अन्य अफसर उपस्थित थे।
तीन फेज में लागू होगी प्रोजेक्ट
सीबीएम प्राजेक्ट तीन फेज में लागू किया जायेगा। पहले फेज में अन्वेषण तथा सेकेंड फेज के लिए पायलट मूल्यांकन और बाजार सर्वेक्षण शामिल होगा। थर्ड फेज में एफडीपी जमा करने से अधिकतम 30 वर्षों के लिए अथवा क्षेत्र की आर्थिक जीवन उपयोगिता तक विकास एवं प्रोडेक्शन शामिल होगा।