- आदिवासी हितों की बात करने वालों की तुष्टीकरण की राजनीति ने बांध रखे हैं हाथ
धनबाद। हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने ने कहा कि एक खास समुदाय के लोग लव जिहाद की आड़ में आदिवासियों की जमीन हड़पने का कुत्सित षड्यंत्र कर रहे हैं। इसके लिए वे भोली भाली आदिवासी लड़कियों को अपना नाम बदल कर प्रेम जाल में फंसा रहे हैं।मतलब पूरा हो जाने के बाद उनको रास्ते से हटाने के लिए मर्डर तक करने से नहीं चूक रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण झारखंड के साहिबगंज जिला में देखने को मिला है लेकिन सरकार मौन साधे हुए है।
हेमंत सरकार की चुप्पी रहस्यमय
उन्होंने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट की चुप्पी से इस समुदाय का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जबकि आदिवासी हितों की बात कह सरकार बनाने वाली हेमंत सरकार की चुप्पी रहस्यमय है। लगता है कि तुष्टीकरण की राजनीति ने उनके हाथ बांध रखे हैं। शिंदे ने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरियां भी कोरोना काल के बाद से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराने के लिए काफी सक्रिय हुई हैं। इनका भी निशाना आदिवासी समुदाय के वे लोग हैं, जिनके रोजी रोजगार कोरोना काल में जाते रहे।
अम्बेडकर के नाम पर दलितों को बरगलाया जा रहा
उन्होंने जय भीम जय मीम का नारा बुलंद करनेवालों पर कटाछ करते हुए कहा कि भीमराव आंबेडकर का नाम लेकर दलितों को बरगलाया जा रहा है। जिस समुदाय के लिए हर वह व्यक्ति काफिर है जो अल्लाह की प्रार्थना नहीं करता। तो फिर जय भीम वाले उनके भाई कैसे हो गये। यह एक विचारणीय प्रश्न है। ऐसा नारा देनेवाले महज अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ऐसे लोगों से हिंदुओं को सावधान रहने के जरूरत है। सेंट्रल गवर्नमेंट को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकों की हिमायती होने का दावा करनेवाले अब सत्ता में है। उसे सख्त रवैया अपनाते हुए धर्मांतरण और लव जिहाद एवं भूमि जिहाद के विरुद्ध कड़े कानून बनाने चाहिए। इसका पालन भी सख्ती से होना चाहिए।
सख्ती से लागू हो लव जिहाद कानून
शिेंदे ने कहा कि धर्मांतरण और लव जिहाद अब बर्दाश्त नही किया जायेगा। जिस राज्य में जनजातीय समुदाय के सीएम हो उनके रहते उसी समुदाय की बेटियों को लव जिहाद कर टुकड़े टुकड़े कर दिए गयें और सरकार चुप है। यह क्षम्य नही है। हिन्दू जन जागृति समिति राष्ट्रपति से देश भर में लव जिहाद पर कानून बनाकर सख्ती से लागू करने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद छलावा है, बड़ी साजिश है हिन्दू समाज की बेटियों को फंसाने और उनकी हत्या करने का। खुद को संभाले हिन्दु बहने और इससे बचें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद जिस तरह से झारखं के साहेबगंज में जनजातीय समुदाय की रुबिका पहाड़न की नृसन्स हत्या कर लव जेहाद के नाम पर सोची समझी षड्यंत्र को अंजाम दिया गया है उसे कत्ई बर्दास्त नहीं किया जा सकता। झारखं सरकार को इस घटना पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। झारखं में लव जिहाद और धर्मांतरण का खेल जिस तरह से चल रहा है इससे पुरा देश वाकिफ हैं पर राज्य के मुखिया ने न जाने क्यों चुप्पी साध रखी है यह की समझ से परे है।
झारखंड में आदिवासी समुदाय के सीएम होने के बाबजुद आदिवासियों का शोषण हो रहा है। हिन्दु परिवारों को मिलकर आंदोलन करना चाहिए ताकि झारखण्ड की भोली भाली युवतियां इनके शिकार न हो पाए। उन्होंने सड़क पर उतरकर रोषपूर्ण प्रदर्शन की भी बात कही है। कर्नाटक सरकार को एंटी हलाला कानून लाने को लेकर साधुवाद दिया। हलाला सर्टिफिकेट प्रणाली को हिन्दू समाज के लिए गैर जरूरी बताते हुए उसे खत्म करने की मांग की।