गोड्डा में दिखा पुलिस का मानवीय चेहरा, थाना प्रभारी ने महिला की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया 

झारखंड में गोड्डा जिला में पथरगामा के थाना प्रभारी SI अरुण कुमार ने एक मृत महिला की अर्थी को कंधा देकर मानवता की मिसाल कायम की है। थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने मृत विवाहिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया।  अंतिम संस्कार कर संवेदनशीलता का परिचय दिया है। इससे से पता चलता है कि पुलिस भी संवेदनशील होती है।

गोड्डा में दिखा पुलिस का मानवीय चेहरा, थाना प्रभारी ने महिला की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया 
गोड्डा। झारखंड में गोड्डा जिला में पथरगामा के थाना प्रभारी SI अरुण कुमार ने एक मृत महिला की अर्थी को कंधा देकर मानवता की मिसाल कायम की है। थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने मृत विवाहिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया।  अंतिम संस्कार कर संवेदनशीलता का परिचय दिया है। इससे से पता चलता है कि पुलिस भी संवेदनशील होती है।

घर के पीछे अंतिम-संस्कार करना चाहता था हसबैंड
गंधर्वपुर गांव के बाबू टोला के श्रवण कुंवर की पत्नी रवीना देवी की मौत सदर अस्पताल गोड्डा में प्रसव के दौरान शनिवार को हो गई थी। मृतका की अर्थी को कंधा देने के लिए पति के अलावा कोई नहीं था। हसबैंड चाहता था कि उसकी पत्नी की बॉडी को घर के पीछे में ही जला दिया जाए। इसी बात से नाराज होकर ग्रामीण वहां से अपने घर लौट गये थे। 
मुखिया करण सिंह और स्थानीय वार्ड सदस्य ने इसकी सूचना सीओ संतोष बैठा को मामले की जानकारी दी। सीओ ने थाना प्रभारी अरुण कुमार को पूरी घटना की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने दल बल के साथ गंधर्वपुर गांव पहुंचकर मृतका की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया। हिंदू रीति रिवाज के साथ रवीना देवी के बॉडी का अंतिम संस्कार कराया गया। थाना प्रभारी अरुण कुमार के अलावा सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार पांडेय, हवलदार एवं जवान सहित सोनारचक पंचायत के मुखिया करण सिंह भी अर्थी को कांधा देने में शामिल थे।
 पुलिस के समझाने पर शमशान घाट पर दाह-संस्कार के लिए राजी
श्रवण कुमार के पांच भाई भी हैं। सभी भी श्रवण के फैसले से नाराज थे। क्योंकि श्रवण अपनी वाइफ की बॉडी को श्मशान घाट के बदले  घर के नजदीक ही निजी जमीन में दाह संस्कार करने का निर्णय लिया था। इसपर ग्रामीणों ने काफी विरोध किया। प्रशासन का सहारा लिया गया और सुंदर नदी के शमशान घाट में दाह संस्कार कराया गया। हालांकि शमशान घाट पहुंचने के कुछ देर बाद ग्रामीण वहां जुटे और घाट में दाह संस्कार में सहयोग किया।