नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने आखिरकार आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मंगलवार की दोपहर सौंप दिया। अब वह मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधानसभा में विपक्ष की भूमिका को मजबूती से रखने के लिए यूपी की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय होने जा रहे हैं।
रामपुर से आजम खां ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया
रामपुर से एमपी आजम खां ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यूपी चुनाव 2022 में आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। आजम खां भी अब प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होंगे, इसी कारण उन्होंने भी लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है।
अखिलेश द्वारा आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ने के बाद अब जिले की दसों विधानसभाओं पर काबिज समाजवादी पार्टी की ओर से विधानसभा में राज्य सरकार को दमदारी से विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते हुए सत्ता को घेरने की रणनीति पार्टी की ओर से तैयार कर ली गई है। जबकि एक दिन पूर्व ही आजमगढ़ पहुंचकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जिले में सभी दस सीटों पर जीते एमएलए से मुलाकात की थी। इसके ठीक अगले दिन ही अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के दौरे के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। अब वह प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि 2027 को ध्यान में रखकर समाजवादी पार्टी ने रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी के लिए केंद्र की राजनीति से अधिक यूपी में पकड़ मजबूत करना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार, होली के अवसर पर जब पूरा मुलायम परिवार सैफई में एकत्रित हुआ तो इस बात पर भी मंथन हुई कि अखिलेश यादव को विधानसभा की सदस्यता छोड़नी चाहिए या लोकसभा की। बताया जा रहा है कि खुद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को विधानसभा में रहकर अगले चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाने की सलाह दी। राम गोपाल यादव भी यही चाहते थे।
वहीं आजमगढ़ में फूलपुर पवई एमएलए रमाकांत यादव के बेटे अरुण यादव को एमलएसी चुनाव में भाजपा की ओर से उम्मीदवार बनाये जाने के बाद से ही एसपी व बीजेपी के बीच आजमगढ़ में सेंधमारी को लेकर गहमागहमी बनी हुई थी। अखिलेश ने पिता पुत्र की स्थिति को लेकर भी मंथन किया है। इस पर पार्टी के रुख से उनको अवगत भी करा दिया गया है। आजमगढ़ में सपा के दिग्गज नेता रमाकांत के घर में बीजेपी की घुसपैठ को लेकर भी सपा प्रमुख चिंतित दिखे।
वहीं दूसरी ओर अब आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश यादव के हटने के बाद से पार्टी स्तर पर चर्चा है कि यहां से अब डिंपल यादव या धर्मेंद्र यादव को लोकसभा भेजा जा सकता है। जबकि पार्टी स्तर से इस बाबत जानकारी आने के बाद से ही आजमगढ़ में पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी अचानक इस फैसले को लेकर मंथन करने में जुटे हुए हैं। अगले दो साल के बाद लोकसभा चुनाव भी होना है। ऐसे में समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव की सीट पर किसी चर्चित चेहरे को ही उतारने की उम्मीद है।