CBSE का बड़ा फैसला, अगले सेशन से सिर्फ एक बोर्ड एग्जाम देंगे स्टूडेंट

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अगले एजुकेशन सेशन से पूर्व-महामारी एकल-परीक्षा प्रारूप को बहाल करने का निर्णय लिया है। यानी 10वीं और 12वीं की बोर्ड एग्जामस को दो भागों में विभाजित किए जाने की संभावना नहीं है। सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री के निर्देश पर सीबीएसई ने स्टूडेंट हितों का ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला किया है।

CBSE का बड़ा फैसला, अगले सेशन से सिर्फ एक बोर्ड एग्जाम देंगे स्टूडेंट

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अगले एजुकेशन सेशन से पूर्व-महामारी एकल-परीक्षा प्रारूप को बहाल करने का निर्णय लिया है। यानी 10वीं और 12वीं की बोर्ड एग्जामस को दो भागों में विभाजित किए जाने की संभावना नहीं है। सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री के निर्देश पर सीबीएसई ने स्टूडेंट हितों का ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला किया है।

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2021-22 एजुकेशनल इयर के लिए सीबीएसई ने दो शर्तों के साथ एक द्विभाजित प्रारूप पेश किया था। इसके तहत टर्म 1 बोर्ड एग्जाम पिछले साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित की गई थी। जबकि टर्म 2 एग्जाम 26 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाली है। सीबीएसई सोर्सेज से यह पता चला है कि स्टूडेंट की मांगों के अनुरूप टर्म 1 एग्जाम के मुकाबले टर्म 2 एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को अधिक वेटेज दिया जायेगा।कोरोना महामारी की सेकेंड वेव के कारण 2020-21 एजुकेशनल इयर के लिए बोर्ड एग्जामस को कैंसिल करने के बाद तब दो सेशन में बोर्ड एग्जाम लेने का निर्णय लिया गया था। स्टूडेंट का अंतिम मूल्यांकन पिछली परीक्षाओं, व्यावहारिक परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन में उनके द्वारा हासिल किए गये अंकों के आधार पर किया गया था। जबकि इस साल टर्म 1 रिजल्ट में बहुत सारे स्टूडेंट्स ने कम मार्क्स दिए जाने की कंपलेन की है।

सीबीएसई के एक सीनीयर अफसर के अनुसार बोर्ड ने स्कूलों से अभ्यावेदन प्राप्त करने के बाद एकल एग्जाम पैटर्न को बहाल करने का फैसला किया है। इससे पहले सीबीएसई ने कभी यह घोषणा नहीं की कि आगे भी दो-टर्म एग्जाम प्रारूप जारी रहेगा। यह कोरोना महामरी के चलते स्टूडेंट्स हित में उठाया गया एक रणनीतिक कदम था। यह सिर्फ एक बार का फॉर्मूला था।सीबीएसई अफसर ने कहा कि अब जब सभीम स्कूल अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं, तो अभी के लिए निर्णय एकमुश्त परीक्षा प्रारूप पर टिके रहने का है। अगले साल से एक ही बोर्ड एग्जाम होगी। हालांकि, पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने के मामले में सीबीएसई पिछले दो वर्षों में अपनाई गई नीति पर कायम रहेगा। कोरोना के चलते बीते साल पाठ्यक्रम में 30 परसेंट की कमी की गई थी। अधिकारी ने कहा कि एनसीईआरटी सीबीएसई को एकल बोर्ड आधारित युक्तिकरण का विवरण भेजेगा। इसके आधार पर एक बोर्ड परीक्षा की घोषणा की जाएगी। स्कूल मौजूदा किताबों का उपयोग करके छात्रों को घटे हुए पाठ्यक्रम पढ़ा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का प्रोपोजल है कि सभी स्टूडेंट्स को एक शैक्षणिक वर्ष में दो मौकों पर बोर्ड एग्जाम देने की अनुमति दी जाए। एक मेन एग्जाम और एक एग्जाम को नंबर में सुधार के लिए। बोर्ड एग्जाम के उच्च मानक को बनाये रखने के लिए क्लास 10 और 12 के लिए बोर्ड एग्जाम जारी रहेगी।कोचिंग क्लासशुरू करने की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए सीबीएसई बोर्ड एग्जाम और अन्य इंटरेंशन एग्जामस की मौजूदा प्रणाली में सुधार करेगा। वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली के इन हानिकारक प्रभावों को दूर करने और समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं को फिर से डिजाइन किया जायेगा। अभी देशभर में 26152 सीबीएसई संबद्ध स्कूल हैं।