Bihar Assembly Election 2020: फस्ट फेज की 71 सीटों के लिए 1065 कैंडिडेट, 25 ने वापस लिया नाम, बीजेपी ने नौ लीडरों को निकाला
बिहार विधानसभा चुनाव में फस्ट फेज की 71 विधानसभा सीटों के लिए 1065 कैंडिडेट मैदान में हैं। 25 कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया है।बिहार बीजेपी ने पार्टी के नौ बागियों को निकाल दिया है। इनमें से अधिसंख्य एलजेपी के टिकट पर जेडीयू कैडिडेट के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
- स्क्रूटनी में विभिन्न कारणों से 264 कैंडिडेट का नॉमिनेशन कैंसिल
पटना।बिहार विधानसभा चुनाव में फस्ट फेज की 71 विधानसभा सीटों के लिए 1065 कैंडिडेट मैदान में हैं। 25 कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया है। इसके पहले स्क्रूटनी में विभिन्न कारणों से 264 का नॉमिनेशवन कैंसिल हो गया था। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया, पहले फेज के लिए 1354 कैंडिडेट ने नॉमिनेशन दाखिल किया था। सबसे ज्यादा गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र के 17 कैंडिडेट का परचा कैंसिल हुआ है। सबसे अधिक पालीगंज से तीन कैंडिडेट ने नाम वापस लिया है।
22 विधानसभा क्षेत्र में होंगी दो-दो ईवीएम
71 विधानसभा क्षेत्रों में 22 में 16 से अधिक कैंडिडेट मैदान में हैं। इस कारण यहां दो-दो ईवीएम लगानी पड़ेगी। एक ईवीएम पर अधिकतम 16 चुनाव चिह्न ही अंकित किए जा सकते हैं। सबसे अधिक 27 कैंडिडेट गया टाउन से हैं। इस सीट से न किसी का पर्चा कैंसिल हुआ, न ही किसी ने नाम वापस लिया है। पटना जिले के पालीगंज और मुंगेर की तारापुर सीट से 25-25 कैंडिडेट मैदान में हैं। गुरुआ, टिकारी, अरवल व शाहपुर से 23-23 और वजीरगंज से 22 कैंडिडेट मैदान में हैं।
कटोरिया में मात्र पांच कैंडिडेट
कैमूर जिले की रामगढ़, मोहनियां, भभुआ व चैनपुर सीट और शेखपुरा जिले की बरबीघा और शेखपुरा सीट से किसी कैंडिडेट ने नाम वापस नहीं लिया है। गया जिले की हाईप्रोफाइल इमामगंज सीट में 10, दिनारा में 19, बांका से 12, लखीसराय से 18 कैंडिडेट मैदान में हैं। सबसे कम कटोरिया से पांच और मोकामा से आठ कैंडिडेट मैदान में हैं। कुटुंबा और मखदूमपुर में नौ-नौ कैंडिडेट मैदान में हैं। इसके अलावा चार विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर सभी में दो अंक में कैंडिडेट हैं।
बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष समेत नौ लीडरों को पार्टी से निकाला,राजेंद्र सिंह, चौरसिया, विद्यार्थी समेत नौ एनडीए के खिलाफ मैदान में
बिहार बीजेपी ने पार्टी के नौ बागियों को निकाल दिया है। इनमें से अधिसंख्य एलजेपी के टिकट पर जेडीयू कैडिडेट के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, एक्स राष्ट्रीय मंत्री रामेश्वर चौरसिया, एक्स एमएलए डॉ. ऊषा विद्यार्थी, एमएलए रवींद्र यादव के अलावा इंदु कश्यप, श्वेता सिंह, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने इन नेताओं के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की है।
पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप
बीजेपी से सस्पेंड किये गये नेताओं पर आरोप है कि एनडीए के अधिकृत कैंडिटे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर कर वे सभी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हो गये हैं। इससे बीजेपी की छवि धूमिल हो रही है। वे पार्टी में बने रहने के लायक नहीं। इस कारण उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म की जा रही है।राजेंद्र सिंह रोहतास जिला में दिनारा से एलजेपी कैंडिडेट हैं। जेडीयू कैंडिडेट व मिनिस्ट जय कुमार सिंह नेउनकता मुकाबला है। पिछली बार भी दोनों में मुकाबला हुआ था। तब राजेंद्र सिंह बीजेपी कैंडिडेट थे और चुनाव हार गए थे। नोखा से एमएलए रहे रामेश्वर चौरसिया इस बार सासाराम में एलजेपी के कैंडिडेट हैं। ऊषा विद्यार्थी और रवींद्र यादव क्रमश: पालीगंज और झाझा से एलजेपी के टिकट पर मैदान में हैं। एनडीए कोटे में येसीटें जेडीयू को मिली है। इंदु कश्यप जहानाबाद से, मृणाल शेखर बांका जिला में अमरपुर से लोजपा के सिंबल पर उतरे हैं। अजय प्रताप जमुई से और अनिल कुमार पटना जिला में बिक्रम से निर्दलीय कैंडिडेट हैं। पिछली बार ये दोनों उसी सीट से बीजेपी के कैंडिडेट थे। श्वेता सिंह भोजपुर जिला में संदेश से चुनाव मैदान में हैं।